Properties Will Be Attached Load On Rural Police Stations Will Be More Pressure On Tehsil Will Be Less – भूमाफियाओं पर चाबुक, संपत्तियां होगी कुर्क: ग्रामीण थानों पर अधिक होगा भार, तहसील पर दबाव होगा कम
जिले भर में कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद थानों की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी। जबकि तहसील पर दबाव कम हो जाएगा। नई तकनीक और व्यवस्था के साथ पुलिसिंग होगी। थाना प्रभारियों और चौकी प्रभारियों पर पर्यवेक्षण तगड़ा रहेगा। हर छोटी-बड़ी घटनाओं पर तुरंत एसीपी से लेकर एडीसीपी, डीसीपी तक के अफसर मौके पर पहुंचेंगे। जमीन संबंधी विवाद और घरेलू झगड़ों के सुलह, निपटारा पर जोर होगा। भूमाफियाओं को चिन्हित करते हुए उन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई और अपराध से अर्जित संपत्ति कुर्क होगी। किसानों की जमीनों पर कब्जा, दखल देने वालों की सूची तैयार करते हुए उन पर अभियान चलाकर प्रभावी कार्रवाई भी होगी। गुंडा और गैंगस्टर एक्ट लगाने के लिए डीएम के आदेश का इंतजार थानों को अब नहीं करना होगा। महिला अपराध से संबंधित एक जगह पर सुनवाई होगी। जनता के बीच गहरी पैठ बनाने को लेकर तरह-तरह के अभियान और अनेकों प्रकार के अभिनव प्रयोग भी संभव होंगे।
सीसी कैमरों का बढ़ेगा जाल ग्रामीण थानों को बेहतर बनाने से लेकर देहात के प्रमुख क्षेत्रों में सीसी कैमरों का जाल बिछाया जाएगा। शहर में वारदात को अंजाम देकर ग्रामीण क्षेत्रों में भागने वाले अपराधियों को पकड़ने में आसानी होगी। थानों का इंफ्रास्ट्रक्चर और बेहतर हो सकेगा। फरियादियों की सुनवाई भी एक जगह पर आसानी से होगी।
कमिश्नरेट सिस्टम से भाग ग्रामीण क्षेत्रों के थानेदार, चौकी इंचार्ज देहात के 12 थानों को कमिश्नरेट में शामिल करने की आहट दो माह पूर्व ही पुलिस महकमे को लग गई थी। लिहाजा, ग्रामीण के थानों, चौकी और लाइन में तैनात पुलिसकर्मी अपना तबादला गैर जनपद चाहते हैं। कुछ पुलिसकर्मियों ने तो एक से डेढ़ माह पूर्व ही तबादला के लिए आवेदन किया था। कुछ अब और तेजी से ट्रांसफर के लिए लाइन में लगे हुए हैं। पुलिसकर्मियों के अनुसार कमिश्नरेट सिस्टम में अधिकारियों के तगड़े पर्यवेक्षण, डेली रिपोर्ट आदि मामलों के चलते गैर जनपद ठीक है।
विस्तार
जिले भर में कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद थानों की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी। जबकि तहसील पर दबाव कम हो जाएगा। नई तकनीक और व्यवस्था के साथ पुलिसिंग होगी। थाना प्रभारियों और चौकी प्रभारियों पर पर्यवेक्षण तगड़ा रहेगा। हर छोटी-बड़ी घटनाओं पर तुरंत एसीपी से लेकर एडीसीपी, डीसीपी तक के अफसर मौके पर पहुंचेंगे। जमीन संबंधी विवाद और घरेलू झगड़ों के सुलह, निपटारा पर जोर होगा।
भूमाफियाओं को चिन्हित करते हुए उन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई और अपराध से अर्जित संपत्ति कुर्क होगी। किसानों की जमीनों पर कब्जा, दखल देने वालों की सूची तैयार करते हुए उन पर अभियान चलाकर प्रभावी कार्रवाई भी होगी। गुंडा और गैंगस्टर एक्ट लगाने के लिए डीएम के आदेश का इंतजार थानों को अब नहीं करना होगा। महिला अपराध से संबंधित एक जगह पर सुनवाई होगी। जनता के बीच गहरी पैठ बनाने को लेकर तरह-तरह के अभियान और अनेकों प्रकार के अभिनव प्रयोग भी संभव होंगे।
इस बारे में चर्चा post