जम्मू, राज्य ब्यूरो : इजरायल के सहयोग से भारत में कृषि को बढ़ावा दिया जाएगा। इस दौरान दो सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित होंगे। भारत में इजरायल के दूतावास में कृषि अटैची (सहचारी) माशव, जायर एशेल ने कृषि उत्पादन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि अटल डुल्लू से मिलकर कृषि परियोजना पर चर्चा की।
कृषि अटैची ने बताया कि भारत और इजरायल के बीच कृषि के क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग है। भारत इजरायल कृषि प्रोजेक्ट (आइआइएपी) का मकसद फसल विविधता, उत्पादकता में वृद्धि और जल उपयोग दक्षता को अनुकूलित करना है। आइआइएपी को उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के माध्यम से लागू किया जा रहा है, जिसमें इजरायली कृषि-तकनीक और ज्ञान का प्रसार और स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप है। उन्होंने डुल्लू को जम्मू संभाग में तीन खेतों, जिसमें एसएम फार्म चिनोर, एसएम फार्म चकरोही और बर्मल फार्म हीरानगर शामिल हैं, के दौरे से अवगत कराया।
इस क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का उपयोग करके सब्जियों व फलों का उत्पादन करने की क्षमता है, जिसके लिए किसानों और विभाग को समान रूप से विशेषज्ञता और तकनीकी जानकारी के रूप में मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान करने के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि सेंटर आफ एक्सीलेंस, इजरायली कृषि-प्रौद्योगिकी और नवीनतम तकनीक के ज्ञान हस्तांतरण के लिए उन्नत, गहन कृषि फार्म हैं और इसका उद्देश्य चयनित प्रमुख फसलों पर ध्यान केंद्रित करके किसानों को लाभान्वित करना है। हर सेंटर में नर्सरी प्रबंधन, खेती की तकनीक, सिंचाई शामिल होगा और यह अकादमी, सरकार और किसानों के लिए उपयोगी उपलब्धियों की दिशा में सहयोग करने के लिए एक बैठक बिंदु के रूप में भी कार्य करेगा।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय विकास सहयोग के लिए इजरायल की एजेंसी रणनीतिक और सामरिक पहलू से आइआइएपी का नेतृत्व कर रहा है, जबकि योजना और लागू चरण, ज्ञान के हस्तांतरण और कृषि-प्रौद्योगिकी के दौरान पेशेवर नेतृत्व प्रदान करता है।
अटैची जम्मू-कश्मीर संभाग में दो सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित करने के लिए तैयार है, जिसके लिए कृषि विभाग के परामर्श से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएगी। उन्होंने कि जम्मू-कश्मीर में सेब, अखरोट, केसर आदि जैसी कुछ विशिष्ट फसलें हैं, जहां हम इजरायल के विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त करते हुए ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और इन फसलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निर्यात कर सकते हैं।
डुल्लू कहा कि जम्मू-कश्मीर में कृषि परिदृश्य विकसित करने की व्यापक योजनाएं हैं, जिसके लिए वह उत्पादकता बढ़ाने और फसलों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रतिस्पर्धा के लायक बनाने के लिए विशेषज्ञता और तकनीकी हस्तक्षेप की मांग कर रहा है। टीम ने जम्मू की अपनी तीन दिवसीय यात्रा समाप्त कर ली है और कश्मीर में सेंटर की स्थापना का पता लगाने के लिए कश्मीर का भी दौरा करने की उम्मीद है।
Edited By: Rahul Sharma
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