Jamshedpur (Ashok Kumar) : आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू के आह्वान पर गुवाहाटी के सचर धरना स्थल में सरना धर्म कोड रैली निकाली गयी. रैली में बिहार, बंगाल, ओड़िशा, झारखंड और असम के हजारों कार्यकर्ता शरीक हुये थे. असम के विभिन्न जिलों से पुलिस के अनुचित रुकावटों के बावजूद चेरांग, कोकड़ाझाड़, तामुलपुर, सुनितपुर और उदालगुड़ी से भी हजारों आदिवासियों ने इस सभा में भाग लिया गया.
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असम में दो तरह की पुलिस प्रशासन
आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि असम में दो तरह की पुलिस प्रशासन चालू है. एक गौहाटी से और 5 जिलों में अंडरग्राउंड कमांड से. असम की पुलिस का आदिवासी विरोधी रवैया ना केवल अत्यंत ही निंदनीय है अपितु राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी का अपमान भी है. उन्होंने कहा कि शायद असम पुलिस आदिवासियों को भारत का नागरिक भी नहीं मानती है. आज की पुलिस बर्बता 24 नवंबर 2007 की बेलतोला कांड की याद की पुनरावृत्ति की याद दिलाता है. जब आदिवासी महिला लक्ष्मी उरांव को नंगा कर घुमाया गया था. पुलिस कार्रवाई में अनेक लोगों की हत्या की गई थी. सालखन ने गुवाहाटी के कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नर की प्रशंसा की और मंच से उनके मदद को सराहा भी.
25 सालों से चल रहा सशक्तिकरण अभियान
सालखन मुर्मू ने कहा कि सेंगेल अभियान अर्थात सशक्तिकरण अभियान विगत 25 वर्षों से चालू है. झारखंड, बंगाल, बिहार, उड़ीसा और असम के आदिवासियों के बीच सामाजिक और राजनीतिक सशक्तिकरण का प्रयास कर रहा है. वर्तमान पांच प्रमुख मांगों पर लगातार आंदोलनमूलक कार्यक्रमों को 5 प्रदेशों में चालू रखा गया है.
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पांच मांगों को रखा गया
मांगों में प्रकृति पूजक भारत के आदिवासियों को सरना धर्म कोड के नाम पर धार्मिक मान्यता देने और जनगणना में शामिल करने, असम के झारखंडी आदिवासियों अर्थात संताल मुंडा हो भूमिज उरांव आदि को अविलंब एसटी का दर्जा देने, संताली भाषा जो भारत देश में बड़ी आदिवासी भाषा है और आठवीं अनुसूची में भी शामिल है. इसे झारखंड में प्रथम राजभाषा का दर्जा देने, आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में अविलंब जनतंत्र और संविधान को लागू करने, अवश्यक समाज सुधार करने, बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर बने झारखंड प्रदेश, जो वस्तुतः आदिवासी प्रदेश है. इसको अबुआ दिसुम अबुआ राज के रूप में पुनर्स्थापित करने की मांगें शामिल हैं. सालखन मुर्मू 5 नवंबर को असम के राज्यपाल से शाम 4 बजे मुलाकात करेंगे. उम्मीद है असम के मुख्यमंत्री से भी मिलेंगे.
महामहिम और पीएम मोदी पर है भरोसा
सालखन ने कहा कि फिलवक्त भारत के प्रधानमंत्री ने आदिवासी सेंगेल अभियान की मांगों पर गौर किया है. संज्ञान में लिया है और भारत के गृहमंत्री अमित शाह से मिलने का संदेश भेजा है. आदिवासी सेंगेल अभियान को भारत के महामहिम और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा है. भारत देश के आदिवासियों को जरूर लंबा इंतजार करना पड़ा है मगर अभी उनके आशा, आकांक्षाओं के पूर्ण होने की पूरी संभावना है.
सभी में इन्होंने भी की शिरकत
मंच संचालन सेंगेल के केंद्रीय संयोजक सुमित्रा मुर्मू ने किया. साथ ही असम सेंगेल के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष सोहन हेमब्रम, बिहार सेंगेल के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ टुडू, केंद्रीय संयोजक लखीनारायण किसकु, झारखंड सेंगेल प्रदेश अध्यक्ष देवनारायण मुर्मू, केंद्रीय संयोजक बुड्ढन मार्डी (उड़ीसा), झारखंड आन्दोलनकारी विदेशी महतो (कुशवाहा) बोकारो, बंगाल प्रदेश अध्यक्ष पानमोनी बेसरा, पुरुलिया ज़ोनल हेड गणेश चंद्र मुर्मू, बारीपादा (ओड़िशा) ज़ोनल हेड नारन मुर्मू, केंद्रीय संयोजक सोनाराम सोरेन, असम प्रदेश अध्यक्ष पांडु मुर्मू, मालदा ज़ोनल हेड मोहन हँसदा एवम् भुवनेश्वर ज़ोनल हेड रविनारायण सोरेन ने अपनी बातों को रखा. सभा के प्रारंभ और अंत मे एकता प्रार्थना किया गया. सभा ऐतिहासिक सफल था.
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