डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय
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राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) में धन डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की दशा और शैक्षणिक स्तर सुधारने के लिए मिला था। पर, इसका बंदरबांट हो गया। विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ बेसिक साइंस में सीढ़ियों की मामूली मरम्मत पर 5 लाख रुपये और लाइफ साइंस में टाइल्स व प्लास्टर के मामूली काम में भी 5 लाख रुपये खर्च कर डाले गए। हालांकि साल भर में ही इनकी दशा खराब हो गई।
मामला इंस्टीट्यूट ऑफ बेसिक साइंस के गणित विभाग में सीढ़ियों की मरम्मत कराने का है। रूसा के तहत जुलाई 2021 में 5 लाख रुपये का बजट मिला। मरम्मत कार्य दर्शाते हुए 5 लाख रुपये का दो किस्तों में भुगतान भी हो गया। 70 फीसदी कार्य दर्शाते हुए अगस्त 2021 में 3.50 लाख रुपये और 1.5 लाख रुपये पूरा कार्य दर्शाने के बाद भुगतान दिखाया गया।
ऐसे ही इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंस स्कूल में भी टाइल्स और प्लास्टर की रिपेयरिंग में 5 लाख रुपये खर्च दिखाया गया। सूत्र बताते हैं कि यह भी मामूली कार्य था। रूसा की बैलेंस शीट में भी माइनर रिपेयरिंग दर्शाया गया है। एसटीएफ की टीम ने रूसा में मिली धांधली की शिकायत के बाद इनके बिल और कार्यों की जानकारी रूसा प्रभारी से तलब की है। एसटीएफ इनकी वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी करा रही है।
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लाइट एंड शो सिस्टम में 15 लाख खर्च
खंदारी परिसर में बने करीब 450 सीटों की क्षमता वाले जेपी सभागार में लाइट एंड साउंड सिस्टम लगवाने में भी खेल होने की बात कही जा रही है। लाइट एंड साउंड सिस्टम लगाने में 15 लाख रुपये खर्च किए गए। इसका भी दो किस्तों में भुगतान हुआ। पहली किस्त में 10.50 लाख अगस्त 2021 में और दूसरी किस्त में 4.50 लाख रुपये का भुगतान किया गया। आरोप है कि अब यह बेहतर ढंग से संचालित नहीं है। साउंड सिस्टम घटिया होने की शिकायत आयोजक अक्सर करते हैं।
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