इन गतिविधियों से मिलता हजारों लोगों को रोजगार ग्रेप थ्री में बंद की गई गतिविधियों से हर दिन अलवर जिले में कई हजार लोगों को रोजगार मिलता है। इसमें सबसे ज्यादा रोजगार निर्माण क्षेत्र, खनन क्षेत्र, स्टोन क्रशर, ईंट भट्टे, सड़क निर्माण व मरम्मत से मिलता है। अलवर जिले में निर्माण कार्यों से प्रतिदिन कई हजार लोगों को रोजगार मिलता है। कारण है कि जिले में छोटे- बड़े निर्माण बड़ी संख्या में चलते रहते हैं। अलवर जिले में निर्माण कार्यों पर रोजगार के लिए दौसा, भरतपुर, हरियाणा तक के लोग आते हैं। वहीं भवन निर्माण सामग्री व्यवसाय से जिले में हजारों लोग परोक्ष व अपरोक्ष रूप से जुड़े हैं। प्रशासन की ओर से इन कार्याें को बंद कराने पर हर दिन कई हजार लोगों पर रोजगार का संकट खड़ा होना है।
उद्योग भी सप्ताह में पांच दिन ही चल सकेंगे ग्रेप थ्री की बंदिशों के चलते जिले में उद्योग भी सप्ताह में पांच दिन ही चल सकेंगे। दो दिन उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों को रोजगार नहीं मिल सकेगा। वहीं उद्योगों में उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा डीजी सेट चलाने पर भी पाबंदी पहले से है।
अलवर का एक्यूआई कम, फिर भी एनसीआर की मार सर्दी के मौसम में भी अलवर का एक्यूआई 100 से 200 के बीच रहता है जो कि प्रदूषण का संतुलित स्तर माना जाता है, लेकिन एनसीआर में दिल्ली व अन्य कई शहरों का एक्यूआई 300 के पार चला जाता है, इस कारण एनसीआर में ग्रेप लागू होता है और इसका खमियाजा अलवर के लोगों को भी उठाना पड़ता है। जिले के भिवाड़ी में एक्यूआई खराब िस्थति में पहुंच जाता है। इस बार भी एनसीआर एवं निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता के पूर्व अनुमान के अनुसार आगामी दिनों में परिवेशीय वायु गुणवत्ता में गिरावट एवं दिल्ली का एक्यूआई 401 से 450 तक पहुंचने की आशंका है। इस कारण वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेप थ्री लागू करने का निर्णय किया है।
अलवर जिले में रोजगार का अनुमानित गणित व्यवसाय संख्या परोक्ष रोजगार अपरोक्ष रोजगार चालू खान 200 5000 20000स्टोन क्रशर 80 4000 20000 ईंट भट्टे 125 7000 15000निर्माण साम्रगी 10000 3000 100000
अन्य व्यवसाय 10000 20000 100000 जिले की अर्थ व्यवस्था भी प्रभावित ग्रेप थ्री की बंदिशों का असर जिले की अर्थ व्यवस्था पर भी पड़ना तय है। कारण है कि ग्रेप थ्री के नियमों की पालना से उद्योगों में उत्पादन प्रभावित होगा, जिसका सीधा असर जिले की अर्थ व्यवस्था एवं सरकार को मिलने वाले टैक्स पर पड़ेगा। लोगों का रोजगार प्रभावित होने से बाजार में धन का प्रवाह कम होगा और इसका सीधा असर व्यवसाय पर पड़ेगा।
सीटीओ पर रोक पर निर्भर ग्रेप थ्री लागू होने पर खनन कार्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से सीटीओ पर रोक से स्वत: ही बंद हो जाएंगे। राजेन्द्र चौधरी खनि अभियंता अलवर
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