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बहुचर्चित राशन घोटाले में हाईकोर्ट से खाद्यान्न विक्रेताओं को मिली बड़ी राहत
– एक केस में आरोपी की अग्रिम जमानत मंजूर
– तीन आरोपियों के मुकदमे की कार्रवाई पर लगी रोक
अमर उजाला ब्यूरो
मुजफ्फरनगर। बहुचर्चित राशन घोटाले के आरोपियों को हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। एक आरोपी की अग्रिम जमानत मंजूर हो गई, जबकि दूसरे मामले में तीन आरोपियों की मुकदमे की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है। हाईकोर्ट का यह आदेश कानून के शिकंजे में फंसे अन्य आरोपियों के लिए अग्रिम जमानत में उम्मीद बन सकता है।
एसपीओ अजय कुमार ने बताया पूर्व में सिविल लाइन थाना क्षेत्र के प्रदीप कुमार की अग्रिम जमानत विशेष सत्र न्यायाधीश (ईसी एक्ट) की अदालत ने निरस्त कर दी गई थी। फिलहाल हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है। वहीं, दूसरे मामले में हाईकोर्ट ने एसीजेएम कोर्ट संख्या-एक की अदालत में विचाराधीन मुकदमे की कार्रवाई पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है। नई मंडी निवासी अश्वनी कुमार मित्तल सहित तीन आरोपियों ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी।
यह था पूरा मामला
अगस्त 2018 में प्रदेश के 43 जिलों में हुए चर्चित राशन घोटाले में जिला भी अछूता नहीं रहा था। ईपीओ मशीन में हेराफेरी की वास्तविक आधार कार्ड धारकों का राशन निकालकर बड़े पैैमाने पर कालाबाजारी हुई थी। उस समय क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी ने आठ थानों में 13 एफआईआर दर्ज कराई गई। धीमी गति से विवेचना के बाद आर्थिक अपराध शाखा मेरठ द्वारा कोर्ट में वर्ष 2021 में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किए थे। घोटाले में राशन डीलर समेत 150 से ज्यादा लोग कानून की जद में है। इसमें मुजफ्फरनगर शहर के 66 राशन डीलर की संलप्तिता सामने आई थी।
अन्य आरोपियों के लिए राहत देने वाला हाईकोर्ट का आदेश
हाईकोर्ट से प्रदीप के अग्रिम जमानत का आदेश अन्य राशन डीलरों को राहत देने वाला है। इसके अलावा तत्कालीन पूर्ति निरीक्षक मोहिनी मिश्रा और विभाग के कुछ लोगों की विवेचना चल रही है। घोटाले में एक आपूर्ति निरीक्षक की लॉगिन आईडी का इस्तेमाल हुआ था। अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्लू) में विवेचना के बाद उसकी गर्दन फंस सकती है। – ठाकुर दुष्यंत सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता फौजदारी
एक आरोपी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज
विशेष अपर सत्र एवं न्यायाधीश(ईसी एक्ट) गोपाल उपाध्याय ने एक आरोपी की जमानत खारिज कर दी है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक रामनिवास एवं अजय कुमार ने पैरवी की। अदालत ने सुनवाई के बाद लद्दावाला निवासी एजाज खान की जमानत अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने ईपीओ मशीन से 152 कार्डधारकों का राशन हेराफेरी से दूसरे लोगों निकाल लिया था। इससे पूर्व यहां से 20 आरोपियों को अग्रिम जमानत खारिज हो चुकी है।
आईटी विशेषज्ञ के सहयोग से जुटाई तकनीकी जानकारी
विशेष लोक अभियोजक अजय शर्मा ने बताया आवश्यक वस्तु वितरण के लिए एनआईसी के माध्यम से आधार कार्ड में बॉयोमेट्रिक तकनीक का प्रयोग किया जाता है। इसमें आरोपियों द्वारा वास्तविक लोगों के आधार डाटा संशोधित कर अपने लोगों का डाटा फीड किया गया था। इसमें हजारों कार्ड धारक राशन लेने से वंचित रहे थे। उन्होंने गाजियाबाद के आईटी एवं साइबर विशेषज्ञ गिरीश गहलोत से आधार कार्डों में की गई हेराफेरी के संबंध में तकनीकी तथ्य जुटाई।
बहुचर्चित राशन घोटाले में हाईकोर्ट से खाद्यान्न विक्रेताओं को मिली बड़ी राहत
– एक केस में आरोपी की अग्रिम जमानत मंजूर
– तीन आरोपियों के मुकदमे की कार्रवाई पर लगी रोक
अमर उजाला ब्यूरो
मुजफ्फरनगर। बहुचर्चित राशन घोटाले के आरोपियों को हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। एक आरोपी की अग्रिम जमानत मंजूर हो गई, जबकि दूसरे मामले में तीन आरोपियों की मुकदमे की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है। हाईकोर्ट का यह आदेश कानून के शिकंजे में फंसे अन्य आरोपियों के लिए अग्रिम जमानत में उम्मीद बन सकता है।
एसपीओ अजय कुमार ने बताया पूर्व में सिविल लाइन थाना क्षेत्र के प्रदीप कुमार की अग्रिम जमानत विशेष सत्र न्यायाधीश (ईसी एक्ट) की अदालत ने निरस्त कर दी गई थी। फिलहाल हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है। वहीं, दूसरे मामले में हाईकोर्ट ने एसीजेएम कोर्ट संख्या-एक की अदालत में विचाराधीन मुकदमे की कार्रवाई पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है। नई मंडी निवासी अश्वनी कुमार मित्तल सहित तीन आरोपियों ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी।
यह था पूरा मामला
अगस्त 2018 में प्रदेश के 43 जिलों में हुए चर्चित राशन घोटाले में जिला भी अछूता नहीं रहा था। ईपीओ मशीन में हेराफेरी की वास्तविक आधार कार्ड धारकों का राशन निकालकर बड़े पैैमाने पर कालाबाजारी हुई थी। उस समय क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी ने आठ थानों में 13 एफआईआर दर्ज कराई गई। धीमी गति से विवेचना के बाद आर्थिक अपराध शाखा मेरठ द्वारा कोर्ट में वर्ष 2021 में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किए थे। घोटाले में राशन डीलर समेत 150 से ज्यादा लोग कानून की जद में है। इसमें मुजफ्फरनगर शहर के 66 राशन डीलर की संलप्तिता सामने आई थी।
अन्य आरोपियों के लिए राहत देने वाला हाईकोर्ट का आदेश
हाईकोर्ट से प्रदीप के अग्रिम जमानत का आदेश अन्य राशन डीलरों को राहत देने वाला है। इसके अलावा तत्कालीन पूर्ति निरीक्षक मोहिनी मिश्रा और विभाग के कुछ लोगों की विवेचना चल रही है। घोटाले में एक आपूर्ति निरीक्षक की लॉगिन आईडी का इस्तेमाल हुआ था। अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्लू) में विवेचना के बाद उसकी गर्दन फंस सकती है। – ठाकुर दुष्यंत सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता फौजदारी
एक आरोपी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज
विशेष अपर सत्र एवं न्यायाधीश(ईसी एक्ट) गोपाल उपाध्याय ने एक आरोपी की जमानत खारिज कर दी है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक रामनिवास एवं अजय कुमार ने पैरवी की। अदालत ने सुनवाई के बाद लद्दावाला निवासी एजाज खान की जमानत अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने ईपीओ मशीन से 152 कार्डधारकों का राशन हेराफेरी से दूसरे लोगों निकाल लिया था। इससे पूर्व यहां से 20 आरोपियों को अग्रिम जमानत खारिज हो चुकी है।
आईटी विशेषज्ञ के सहयोग से जुटाई तकनीकी जानकारी
विशेष लोक अभियोजक अजय शर्मा ने बताया आवश्यक वस्तु वितरण के लिए एनआईसी के माध्यम से आधार कार्ड में बॉयोमेट्रिक तकनीक का प्रयोग किया जाता है। इसमें आरोपियों द्वारा वास्तविक लोगों के आधार डाटा संशोधित कर अपने लोगों का डाटा फीड किया गया था। इसमें हजारों कार्ड धारक राशन लेने से वंचित रहे थे। उन्होंने गाजियाबाद के आईटी एवं साइबर विशेषज्ञ गिरीश गहलोत से आधार कार्डों में की गई हेराफेरी के संबंध में तकनीकी तथ्य जुटाई।
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