खेकड़ा कृषि विज्ञान केन्द्र में मोटे अनाज के प्रति किसानो को जागरूक करते कृषि वैज्ञानिक
खेकड़ा। कृषि विज्ञान केेंद्र पर शुक्रवार को आयोजित जागरूकता गोष्ठी में कृषि वैज्ञानिकों ने मोटे अनाज के उत्पादन, दैनिक जीवन में प्रयोग पर जोर दिया। कहा कि मोटा अनाज जीवन शैली में आए बदलाव के कारण कई बीमारियों को रोकने में सक्षम है।
कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी डाॅ. संदीप चौधरी ने किसानों को बताया कि मोटे अनाज के महत्व को दुनिया ने स्वीकारा है। भारत के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटे अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। जिसे 70 देशों ने समर्थन दिया है। सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों की कैंटीन में मोटे अनाज से तैयार व्यंजन शुरू क दिए गए हैं। इसकी पौष्टिकता के प्रति लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। आंगनबाड़ी और मध्यान्ह भोजन योजना में भी मोटे अनाजों को शामिल किया है। मोटे अनाजों में मुख्य रूप से बाजरा, मक्का, ज्वार, रागी, सांवा, कोदो, कंगनी, कुटकी और जौ शामिल हैं। कोरोना के बाद मोटे अनाज इम्युनिटी बूस्टर के रूप में प्रतिष्ठित हुए हैं। अब उन्हें सुपर फूड कहा जाने लगा है।
कार्यक्रम में जिला कृषि अधिकारी बाल गोविंद यादव, जिला उद्यान अधिकारी दिनेश कुमार, फसल क्रांति सस्थापक राजबीर सिंह, मौसम विज्ञानी डा. अंकिता नेगी, डा. सोनिका ग्रेवाल, अरुण कुमार, किसान हरबीर सिंह, महेंद, पवन कुमार, देवेंद्र सिंह, राजपाल, सुदेश कुमार, बीरपाल सिंह, मुकेश, जयबीर सिंह, राजेश कुमार, प्रदीप कुमार आदि शामिल रहे।
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