बेंगलूरु प्रौद्योगिकी सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि भारत न केवल अतीत और वर्तमान है बल्कि भविष्य भी है। भविष्य में हर किसी के लिए और हर जगह किसी भारतीय की छाप होगी। उन्होंने कहा कि जो प्रौद्योगिकी बेंगलूरु जैसी जगहों से प्रेरित है, लेकिन वह दुनिया के बाकी हिस्सों से भी आई है। लेकिन इसकी एक भारतीय छाप है क्योंकि दुनिया भर में विभिन्न स्थानों पर प्रौद्योगिकी के भविष्य को आकार देने वाले भारतीय हैं। उनके मुताबिक और भी क्षेत्र हैं जो भारत संचालित होंगे।
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह सिर्फ प्रौद्योगिकी का भविष्य है जो भारत द्वारा संचालित होने जा रहा है। यह प्रौद्योगिकी, शिक्षा, वित्त और कई अन्य क्षेत्रों का भविष्य बनने जा रहा है, जिसे भारत द्वारा फिर से आकार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस साल की शुरुआत में संयुक्त अरब अमीरात और भारत के बीच हुआ व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) प्रौद्योगिकियों के एक नए युग को एक साथ बनाने के लिए एक बड़ा कदम था।
इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर होगा निवेश
आईटी-बीटी मंत्री डॉ सीएन अश्वथनारायण ने कहा है कि आने वाले कुछ ही दिनों में राज्य के विभिन्न जिलों में इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में 36 हजार 804 करोड़ रुपए का निवेश होगा। बेंगलूरु प्रौद्योगिकी सम्मेलन (बीटीएस-22) के रजत जयंती संस्करण के उद्घाटन समारोह में उन्होंने कहा कि विज्ञान तथा तकनीकी क्षेत्र में बेंगलूरु शहर की उपलब्धियां बेमिसाल हैं। इन उपलब्धियों को बलबूते पर ही बेंगलूरु शहर ने आज पूरे विश्व में अपनी एक अनूठी पहचान बनाई है।
उन्होंने कहा कि आईटी-बीटी क्षेत्र में अभी 135 करोड़ डॉलर्स का कारोबार हो रहा है जो वर्ष 2025 तक 300 करोड़ डॉलर्स के पार होने की संभावना है। साथ में राज्य में सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में भी निवेश कई गुणा बढऩे की संभावना है। इस क्षेत्र में आईएसएमसी अनलॉग फैब कंपनी के साथ 22 हजार 900 करोड़ रुपए निवेश के समझौते पत्र पर हस्ताक्षर के साथ इस निवेश प्रस्ताव को प्रशासनिक मंजूरी भी प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश को भी मंजूरी दी गई है। राज्य सरकार के पास उच्च तकनीक पर आधारित इकाइयों को प्रोत्साहित करने की स्पष्ट रुपरेखा तथा नीति है। जिसके परिणाम स्वरूप इस क्षेत्र में करोड़ो डॉलर्स निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हो रहे हैं।
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