- तीन दिवसीय सेमीनार में 515 लघु शोध पत्र किये गए प्रस्तुत
- तीन दिवसीय गीता सेमीनार में केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने की शिरकत
कुरुक्षेत्र। (सच कहूँ/देवीलाल बारना) केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भारत सरकार भूपेन्द्र यादव ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता मानव को कर्मयोगी बनाने का एकमात्र ग्रंथ है। इस ग्रंथ से मानव को ज्ञान मिलता है और जीवन को सफल बनाने के लिये जीवन का सार भी मिलता है। इस ग्रंथ में हर वर्ग के लिये आगे बढ़ने का मार्ग भी दिखाया गया है। इसलिये जो मनुष्य इस ग्रंथ को अपने जीवन में धारण करेगा, वह निश्चित ही अपने मुकाम को हासिल करेगा।
यह भी पढ़ें:– मेडिकल कॉलेज के मसले पर फिर गरमाई संगरूर की राजनीति
केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव वीरवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सीनेट हाल में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय व केडीबी के तत्वाधान में श्रीमद्भागवत गीता के परिप्रेक्ष्य में विश्व शांति एवं सदभाव विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय गीता सेमिनार के अवसर पर बोल रहे थे। इससे पहले केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव, गीता मनीषी ज्ञानानन्द, यूके की चंडीगढ़ में डिप्टी हाई कमिश्नर कारोलिन रोबेटे, यूएसए यूनिवर्सिटी आॅफ बफैलो के वाईस प्रेजिडेंट प्रो. गोविन्द राजू, सांसद नायब सिंह सैनी, विधायक सुभाष सुधा, कुलपति डॉ. सोमनाथ सचदेवा ने कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस दौरान केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार को लेकर तैयार की गई स्मारिका का विमोचन भी किया। वहीं इस दौरान 515 लघु शोध पत्र प्रस्तुत किये गये।
569 शोधार्थियों ने करवाया पंजीकरण
सेमीनार में 569 शोधार्थियों ने अपना पंजीकरण करवाया और 515 लघु शोध पत्र प्रस्तुत किये गये। इस सेमीनार में 43 विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किये और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विद्यार्थी इस सेमीनार के साथ जुड़े रहे। अंतर्राष्ट्रीय गीता सेमीनार के संयोजक प्रो. तेजिन्द्र शर्मा ने तीन दिवसीय गीता सेमीनार की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की, प्रो. वनिता ढींगड़ा ने मेहमानों का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम के अंत में कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा व कुलसचिव डा. संजीव शर्मा ने मेहमानों को स्मृति चिन्ह भेंट किये।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post