Union Budget 2023: सब्सिडी का मकसद होता है कमजोर वर्ग के लोगों के वित्तीय बोझ को कम करना या किसी विशेष सर्विसेज या प्रोडक्ट को बढ़ावा देना.
Budget 2023 Subsidy Bill: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को बजट पेश करेंगी. ऐसे में सरकार के सब्सिडी बिल को लेकर चर्चा तेज है. असल में सब्सिडी सरकार की तरफ से दी जाने वाली आर्थिक सहायता होती है, जो किसी व्यक्ति, व्यवसाय या संस्था को दी जा सकती है. ऐसे में वित्त वर्ष 2024 में सरकार सब्सिडी के लिए कितना प्रावधान करेगी, इस पर नजरें रहेंगी. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि सब्सिडी बिल क्या है , इसका मकसद क्या है और किन किन चीजों पर सब्सिडी का प्रावधान है.
क्या होता है सब्सिडी बिल
सब्सिडी सरकार की तरफ से दी जाने वाली आर्थिक सहायता होती है, जो किसी व्यक्ति, व्यवसाय या संस्था को दी जाती है. आमतौर पर भारत में सब्सिडी किसानों, उद्योग-धंधों और कंज्यूमर्स को ध्यान में रखकर दी जाती है. ये डायरेक्ट या इनडायरेक्ट हो सकती है. सब्सिडी के आंकड़े सरकार के खर्च पर काफी असर डालते हैं.
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इसके फायदे यह हैं कि कमजोर वर्ग के लोगों को सब्सिडी के जरिए कमजोर वर्ग को मदद मिलती है. वहीं नुकसान यह है कि कभी कभी कुछ अनचाही घटनाओं के चलते सरकार को प्रावधान से ज्यादा सब्सिडी बिल पर खर्च करना पड़ता है. इससे सरकार की बैलेंसशीट पर निगेटिव असर होता है.
सब्सिडी देने का क्या है मकसद
सब्सिडी का मकसद होता है लोगों के वित्तीय बोझ को कम करना या किसी विशेष सर्विसेज या प्रोडक्ट को बढ़ावा देना. यानी किसी भी सब्सिडी का मकसद आमतौर पर सामाजिक या आर्थिक नीतियों को बढ़ावा देना ही होता है, इसलिए सरकारी सब्सिडी को सिर्फ एक सरकारी खर्च (या राजस्व के नुकसान) की तरह नहीं देखा जाना चाहिए.
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किन किन चीजों पर मिलती है सब्सिडी
सरकार की ओर से फर्टिलाइजर, केरोसिन, LPG सिलेंडर, खाने-पीने की चीजों और कुछ मामलों में ब्याज पर सब्सिडी दी जाती है. आम तौर पर फूड सब्सिडी प्रमुख है और सरकार की तरफ से दी जाने वाली कुल सब्सिडी का करीब 50 फीसदी फूड सब्सिडी पर खर्च होता है. ये खर्च गरीबों को दिए जाने वाले सस्ते अनाज पर किया जाता है. फूड सब्सिडी पर सरकार का खर्च पिछले 5 साल में काफी बढ़ चुका है.
बीते 10 सालों में सब्सिडी पर खर्च
FY23: वित्त वर्ष 2023 के लिए सरकार ने सब्सिडी पर 3.17 लाख करोड़ खर्च का प्रावधान किया था. हालांकि कुछ रिपोर्ट यह दावा कर रही हैं कि यह बढ़कर यानी रिवाइज्ड 5 लाख करोड़ से ज्यादा हो सकता है.
FY22: वित्त वर्ष 2022 में सब्सिडी पर सरकार का खर्च 4.33 लाख करोड़ रहा.
FY21: वित्त वर्ष 2022 में सब्सिडी पर सरकार का खर्च 7.07 लाख करोड़ रहा.
FY20: वित्त वर्ष 2022 में सब्सिडी पर सरकार का खर्च 5.96 लाख करोड़ रहा.
FY19: वित्त वर्ष 2019 में सब्सिडी पर सरकार का खर्च 3.39 लाख करोड़ रहा.
FY18: वित्त वर्ष 2018 में सब्सिडी पर सरकार का खर्च 3.01 लाख करोड़ रहा.
FY17: वित्त वर्ष 2017 में सब्सिडी पर सरकार का खर्च 2.60 लाख करोड़ रहा.
FY16 वित्त वर्ष 2016 में सब्सिडी पर सरकार का खर्च 2.31 लाख करोड़ रहा.
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