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चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में लड़कियों के अश्लील वीडियो बनाने और वायरल करने के मामले में आरोपी छात्रा की जिला अदालत ने सोमवार को जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत का कहना है कि अपराध को देखते हुए साफ लगता है कि वह जमानत की हकदार नहीं है। वही, अब उसे जमानत के लिए उच्च अदालत की शरण लेनी होगी।
जिला अदालत में दायर याचिका में आरोपी छात्रा के वकील ने कहा कि उसने कोई अपराध नहीं किया है। वह निर्दोष है। उसे पुलिस ने शुरू में ही गिरफ्तार कर लिया था। यह भी सामने आया है कि उसने किसी भी छात्रा का वीडियो किसी दूसरे के साथ शेयर नहीं किया है। इतना नहीं नहीं वह खुद इस मामले में पीड़ित है। आरोपी संजीव उसके साथ खेल कर रहा था।
जबकि मामले के सरकारी वकील ने याचिका का शुरू से ही विरोध किया। उन्होंने तर्क दिया कि आरोपी छात्रा ने गंभीर अपराध किया है। वह जमानत की हकदार नहीं है। उन्होंने याचिका रद्द करने की गुहार लगाई और कहा कि छात्रा जेल से बाहर जाने पर मामले के सबूतों से भी छेड़छाड़ कर सकती है। अदालत ने सभी तथ्यों को देखने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी है।
बता दें कि यह मामला अगस्त में सामने आया था। जब यूनिवर्सिटी की कुछ छात्राओं ने एक छात्रा उनके बाथरूम में नहाते हुए अश्लील वीडियो बनाते रंगे हाथों काबू कर लिया था। मामला प्रबंधन के ध्यान में लाया गया था। जब यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने तुरंत कार्रवाई नहीं की तो विद्यार्थी संघर्ष की राह पर आ गए थे।
उन्होंने यूनिवर्सिटी के बाहर जमकर प्रदर्शन किया था। दूसरी तरफ से पुलिस ने इस मामले में आरोपी छात्रा समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें एक आरोपी भारतीय सेना का जवान है जो कि अभी जेल में है। जबकि इस मामले के दो आरोपियों को जमानत मिल चुकी है।
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