लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Clean India Mission मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय)-2.0 की राज्य स्तरीय उच्चाधिकार समिति ने 113 नगरीय निकायों के स्वच्छता प्लान (सिटी सेनिटेशन प्लान) को हरी झंडी दे दी है। 15 नगरीय निकायों में लिगेसी वेस्ट को बायोरेमेडिएशन के जरिये निस्तारित करने के प्रस्ताव पर भी मुहर लग गई है। वहीं, कमेटी आफ सेक्रेटरीज की बैठक में गोरखपुर में बायो-सीएनजी परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान कर दी गई।
गोरखपुर में बायो-सीएनजी परियोजनाओं को मिली स्वीकृति
- 200 टन प्रतिदिन की क्षमता की बायो-सीएनजी परियोजना से 73 हजार मीट्रिक टन प्रतिवर्ष कचरा ट्रंचिंग ग्राउंड में जाने से रोका जा सकेगा।
- निकाय पर कोई वित्तीय बोझ भी नहीं आएगा, क्योंकि इसे पीपीपी मोड पर विकसित किया जाएगा। ठोस कचरे के जैविक अंश पर आधारित बायो-सीएनजी परियोजनाओं से सालाना 50 हजार हजार टन कार्बन डाइआक्साइड एवं अन्य ग्रीन हाउस गैसों को कम किया जा सकेगा। बायो-सीएनजी संयंत्र के उप-उत्पाद के रूप में जैविक खाद का उपयोग गंगा नदी सहित नदियों के किनारे खेती के लिए किया जा सकता है।
- इससे रासायनिक खाद का प्रयोग कम होगा और मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी इसके अलावा मुख्य सचिव ने एक लाख से कम आबादी वाले 113 नगरीय निकायों में इस्तेमाल किए गए पानी का ट्रीटमेंट व फिर से प्रयोग में लाने के लिए एसटीपी कम एफएसटीपी की स्थापना को स्वीकृति प्रदान कर दी।
- बैठक में बताया गया कि निकायों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के अंतर्गत पूर्व से डंप साइट पर विद्यमान लिगेसी वेस्ट का भली-भांति निस्तारण किया जाना है।
लिगेसी वेस्ट के निस्तारण को मिली मंजूरी
प्रदेश के 15 नगरीय निकायों में लगभग 41.94 लाख टन लिगेसी वेस्ट के निस्तारण के लिए 191.96 करोड़ को स्वीकृति मिल गई है। इससे लखनऊ, प्रयागराज, मेरठ, बरेली, मथुरा वृंदावन, मुरादनगर, गंगाघाट, अकबरपुर, हरदोई, लखीमपुर, फर्रूखाबाद, चंदौसी, सिकंदराबाद, गोंडा व मलिहाबाद में पुराना कचरा निस्तारित हो सकेगा। बैठक में प्रमुख सचिव अमृत अभिजात, निदेशक नगरीय निकाय नेहा शर्मा, अपर निदेशक जे. रीभा, अपर निदेशक एके आदि उपस्थित थे।
Edited By: Prabhapunj Mishra
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