Blood Pressure Problems: बदलता खान पान और रहन-सहन कई बीमारियों का कारण बन गया है. खराब लाइफस्टाइल की वजह से आज ब्लड प्रेशर यानी बीपी की समस्या आम हो चुकी है. अमूमन हर दूसरे घर में आपको बीपी का एक मरीज जरूर मिलेगा. हमारा दिल खून को पंप करके शरीर के अलग-अलग कोनों तक पहुंचाता है. खून हमारे धमनियों (arteries) की दीवार पर जो प्रेशर डालते हुए आगे बढ़ता है उसे ही ब्लड प्रेशर या बीपी कहा जाता है. बीपी बढ़ने की वजह से धमनियों और दिल पर दबाव पड़ता है जिससे लोगों को हार्टअटैक या दिल से जुड़ी बीमारियां होती हैं.
दो तरह का होता है बीपी
सबसे पहले यह समझिए की बीपी दो तरह का होता है. पहला सिस्टोलिक और दूसरा डायस्टोलिक. एक स्वस्थ व्यक्ति का ब्लड प्रेशर आमतौर पर 120/80 mmHg से कम होता है. यदि किसी व्यक्ति का बीपी इससे कम या ज्यादा है तो उसे बीपी की समस्या होती है. हाई ब्लड प्रेशर की वजह से व्यक्ति को स्ट्रोक, हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, किडनी फेलियर जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। बीपी के लक्षण आमतौर पर पहले नहीं दिखाई देते इसलिए यह जरूरी है कि नियमित रूप से आप अपने बीपी की जांच करते रहें.
हेल्थ न्यूट्रीशनिस्ट भक्ति कपूर के अनुसार, हाई बीपी एक ऐसी स्थिति है जो शरीर की धमनियों को प्रभावित करती है. यदि किसी व्यक्ति को हाई बीपी है तो धमनियों की दीवारों के खिलाफ रक्त का दबाव लगातार बढ़ता है. इससे दिल को खून पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है. उन्होंने बताया कि यदि बीपी का इलाज समय पर नहीं किया गया तो व्यक्ति को स्ट्रोक, दिल का दौरा और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. भक्ति कपूर ने बताया कि जीवन शैली में बदलाव, धूम्रपान न करना, व्यायाम और अच्छे तरह के खानपान से हाई बीपी को रोका जा सकता है. उन्होंने बताया कि जिन लोगों को शुरुआत में हाई बीपी का पता नहीं लगता या जिन्हें ब्लड प्रेशर की ज्यादा समस्या होने लगती है उन्हें दवाइयों की जरूरत पड़ती है. जिन लोगों का ब्लड प्रेशर ज्यादा बड़ा रहता है उन्हें रोजाना बीपी की दवाइयां खाने की सलाह दी जाती है.
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न्यूट्रीशनिस्ट भक्ति कपूर ने पांच ऐसे चीजों के बारे में बताया है जिन्हें अगर व्यक्ति अपने खानपान में शामिल करें तो बीपी की समस्या को कम किया जा सकता है. आइए जानते है इनके बारे में
खट्टे खाद्य पदार्थ
भक्ति कपूर ने बताया कि खट्टी चीजों का सेवन करने से ब्लड प्रेशर मेंटेन रहता है. इनमें विटामिन सी की मात्रा भरपूर पाई जाती है जो बीपी को नियंत्रित करने में मददगार साबित होता है. आप अंगूर, नींबू, संतरे आदि का सेवन कर सकते हैं
फैटी फिश और साल्मन
साल्मन और फैटी फिश में ओमेगा 3 नाम का फैटी एसिड पाया जाता है जो दिल के स्वास्थ्य के लिए बेहद अच्छा होता है.
अजवाइन
अजवाइन भी बीपी की समस्या को कम करता है. मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल शालीमार बाग, में क्लिनिकल न्यूट्रिशन पूजा पवार ने भी इस बात पर सहमति जताते हुए कहा कि प्रतिदिन चार डंठल अजवाइन का सेवन करने से बीपी की समस्या को कम किया जा सकता है। इसमें फाइटोकेमिकल्स होते हैं जिन्हें फ़ेथलाइड्स कहा जाता है आर्टरी के किनारे पर जो टिश्यूज हैं उसमें ब्लड सर्कुलेशन ठीक से करता है. जिसकी वजह सेे बीपी में कमी आती है.
*फ़ेथलाइड्स( ये हाई ब्लड प्रेशर को मेंटेन करने में मदद करते हैं)
जामुन
जामुन में एंथोसायनिन होता है जो रक्त में नाइट्रिक ऑक्साइड की मात्रा को बढ़ाने में मदद करता जिससे बीपी कंट्रोल रहता है.
कद्दू के बीज
कद्दू के बीज को पोषक तत्वों का पावर हाउस भी कहा जाता है. कद्दू के बीज का सेवन करने से भी बीपी मेन्टेन रहता है.
इन फलों के सेवन से भी दूर रहता है बीपी
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, शालीमार बाग की क्लिनिकल न्यूट्रीशन एंड डायटेटिक्स प्रमुख गीता बुरियोक ने कहा कि हेल्दी डाइट के जरिए बीपी को मेंटेन किया जा सकता है. इसके लिए बहुत सारे फल और सब्जियां हैं जिनमें केला, सेब, नाशपाती, किशमिश, कीवी, आम, तरबूज, अनार, आलूबुखारा, आलूबुखारा, खुबानी, अंगूर, एवोकैडो, टमाटर, खट्टे फल और जामुन आदि.
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