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मुकदमे से बचाने के लिए खेल, अनुसूचित युवक का जारी करा दिया पिछड़ी जाति का प्रमाणपत्र
– कोर्ट ने तत्कालीन लेखपाल, कानूनगो, तहसीलदार व अन्य पर केस दर्ज करने का दिया आदेश
संवाद न्यूज एजेंसी
संतकबीरनगर। मुकदमा से आरोपियों को बचाने के लिए अनुसूचित जाति के युवक का पिछड़ी जाति का प्रमाणपत्र जारी करा दिया गया। विशेष न्यायाधीश एससी/ एसटी एक्ट दिनेश प्रताप सिंह ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश कोतवाली पुलिस को दिया है।
कोतवाली क्षेत्र के नगवा निवासी संजय कुमार गोंड ने कोर्ट में अर्जी दी। कहा कि वह गोंड जाति से संबंध रखता है। जो अनुसूचित जाति में आता है। आरोप लगाया कि पूर्व में गांव के लवकुश चौरसिया व घनश्याम चौरसिया के खिलाफ मारपीट व एससीएसटी एक्ट के तहत कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसकी विवेचना कर पुलिस ने आरोप पत्र कोर्ट में प्रेषित कर दिया। मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है। इसी मुकदमा से बचने के लिए आरोपी के पिता ने उसकी पिछड़ी जाति का प्रमाणपत्र जारी करा दिया।
संजय का कहना है कि चार अगस्त 2022 को तहसीलदार खलीलाबाद के जरिए भेजे गए पत्र से इसकी जानकारी हुई। पत्र में लिखा था कि नगवा निवासी हरिश्चंद्र ने समाधान दिवस में शिकायती पत्र दिया है। आरोप लगाया है कि संजय कुमार गोंड ने पहले अनुसूचित जाति गोंड का प्रमाणपत्र जारी कराया और बाद में पिछड़ी जाति कहार का प्रमाणपत्र तहसीलदार खालीलाबाद के यहां से जारी कराया है।
संजय ने कोर्ट में चल रहे मुकदमे की नकल निकलवाया तो पता चला कि लवकुश चौरसिया व घनश्याम चौरसिया के पिता हरिश्चंद्र उर्फ रामचंद्र हैं। आरोपियों के पिता हरिश्चंद्र उर्फ रामचंद्र ने कोर्ट में चल रहे मुकदमे से बेटों को बचाने के लिए साजिश रची।
आरोप है कि जाली व फर्जी कूट रचना कर जनसेवा केंद्र प्रभारी अनुराग वर्मा स्टेशन पुरवा खलीलाबाद और तत्कालीन हल्का लेखपाल व कानूनगो तथा तहसीलदार की मिलीभगत से संजय कुमार गोंड का कथित पिछड़ी जाति का प्रमाणपत्र जारी कराया गया। उसी के आधार पर उसे नोटिस भेजी गई।
आरोप है कि षडयंत्र और साजिश के तहत फर्जी कूट रचना करके उसके आधार कार्ड व फोटो को अवैध तरीके से प्राप्त करके कहार जाति का प्रमाणपत्र पांच मई को जारी कराया गया। पीड़ित ने कोतवाली में सूचना दिया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। रजिस्टर्ड डाक से एसपी को सूचना दी, लेकिन यहां भी निराशा हाथ लगी। मजबूरी में पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली।
कोर्ट ने सुनवाई के बाद हरिश्चंद्र उर्फ रामचंद, अनुराग वर्मा, तत्कालीन लेखपाल, कानूनगो और तहसीलदार के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना किए जाने का आदेश कोतवाली पुलिस को दिया है। 15 दिन में कार्रवाई से अवगत कराने का भी आदेश कोतवाली पुलिस को दिया है।
मुकदमे से बचाने के लिए खेल, अनुसूचित युवक का जारी करा दिया पिछड़ी जाति का प्रमाणपत्र
– कोर्ट ने तत्कालीन लेखपाल, कानूनगो, तहसीलदार व अन्य पर केस दर्ज करने का दिया आदेश
संवाद न्यूज एजेंसी
संतकबीरनगर। मुकदमा से आरोपियों को बचाने के लिए अनुसूचित जाति के युवक का पिछड़ी जाति का प्रमाणपत्र जारी करा दिया गया। विशेष न्यायाधीश एससी/ एसटी एक्ट दिनेश प्रताप सिंह ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश कोतवाली पुलिस को दिया है।
कोतवाली क्षेत्र के नगवा निवासी संजय कुमार गोंड ने कोर्ट में अर्जी दी। कहा कि वह गोंड जाति से संबंध रखता है। जो अनुसूचित जाति में आता है। आरोप लगाया कि पूर्व में गांव के लवकुश चौरसिया व घनश्याम चौरसिया के खिलाफ मारपीट व एससीएसटी एक्ट के तहत कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसकी विवेचना कर पुलिस ने आरोप पत्र कोर्ट में प्रेषित कर दिया। मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है। इसी मुकदमा से बचने के लिए आरोपी के पिता ने उसकी पिछड़ी जाति का प्रमाणपत्र जारी करा दिया।
संजय का कहना है कि चार अगस्त 2022 को तहसीलदार खलीलाबाद के जरिए भेजे गए पत्र से इसकी जानकारी हुई। पत्र में लिखा था कि नगवा निवासी हरिश्चंद्र ने समाधान दिवस में शिकायती पत्र दिया है। आरोप लगाया है कि संजय कुमार गोंड ने पहले अनुसूचित जाति गोंड का प्रमाणपत्र जारी कराया और बाद में पिछड़ी जाति कहार का प्रमाणपत्र तहसीलदार खालीलाबाद के यहां से जारी कराया है।
संजय ने कोर्ट में चल रहे मुकदमे की नकल निकलवाया तो पता चला कि लवकुश चौरसिया व घनश्याम चौरसिया के पिता हरिश्चंद्र उर्फ रामचंद्र हैं। आरोपियों के पिता हरिश्चंद्र उर्फ रामचंद्र ने कोर्ट में चल रहे मुकदमे से बेटों को बचाने के लिए साजिश रची।
आरोप है कि जाली व फर्जी कूट रचना कर जनसेवा केंद्र प्रभारी अनुराग वर्मा स्टेशन पुरवा खलीलाबाद और तत्कालीन हल्का लेखपाल व कानूनगो तथा तहसीलदार की मिलीभगत से संजय कुमार गोंड का कथित पिछड़ी जाति का प्रमाणपत्र जारी कराया गया। उसी के आधार पर उसे नोटिस भेजी गई।
आरोप है कि षडयंत्र और साजिश के तहत फर्जी कूट रचना करके उसके आधार कार्ड व फोटो को अवैध तरीके से प्राप्त करके कहार जाति का प्रमाणपत्र पांच मई को जारी कराया गया। पीड़ित ने कोतवाली में सूचना दिया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। रजिस्टर्ड डाक से एसपी को सूचना दी, लेकिन यहां भी निराशा हाथ लगी। मजबूरी में पीड़ित ने कोर्ट की शरण ली।
कोर्ट ने सुनवाई के बाद हरिश्चंद्र उर्फ रामचंद, अनुराग वर्मा, तत्कालीन लेखपाल, कानूनगो और तहसीलदार के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना किए जाने का आदेश कोतवाली पुलिस को दिया है। 15 दिन में कार्रवाई से अवगत कराने का भी आदेश कोतवाली पुलिस को दिया है।
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