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काशीपुर। काशीपुर के तीन सराफा व्यापारियों से 1.30 करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस अब भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) की मदद ले रही है। फोन कॉल की सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के बारे में जानकारी जुटाने के लिए सीओ काशीपुर वंदना वर्मा के नेतृत्व में एक टीम चेन्नई भेजी गई है। कंपनी का लिंक तलाशने पर पुलिस को आगे की जांच में मदद मिलने की उम्मीद है।
बीती एक नवंबर को शिवनगर कॉलोनी निवासी श्री गुरु ज्वैलर्स के स्वामी पुरुषोत्तम वर्मा, उनके भांजे आनंद ज्वैलर्स के स्वामी विवेक वर्मा और अशोक ज्वैलर्स के स्वामी गौरव अग्रवाल से फोन कर क्रमश: 50 लाख, 30 लाख और 50 लाख की रंगदारी मांगी थी गई। तीनों व्यापारियों से रंगदारी की रकम मांगने में एक ही नंबर का इस्तेमाल किया गया है।
मामले का खुलासा करने के लिए एसटीएफ और साइबर टीमों को लगाया गया है। केस की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस को उस नंबर की प्रोवाइडर कंपनी की तलाश है। इसके लिए पुलिस ने भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) से संपर्क साधा है। पुलिस ने ट्राई से रंगदारी के लिए प्रयोग किए गए नंबर की डिटेल ई-मेल के जरिये मंगाने का प्रयास किया लेकिन तकनीकी कारणों से यह संभव नहीं हो पाया।
इस बारे में विस्तृत जानकारी जुटाने के लिए सीओ काशीपुर वंदना वर्मा को साइबर एक्सपर्ट की टीम के साथ चेन्नई भेजा गया है। पुलिस का प्रयास कॉल करने वाली सर्विस प्रोवाइडर कंपनी की जानकारी हासिल करना है ताकि आरोपियों तक पहुंचा जा सके। एसपी अभय प्रताप सिंह ने बताया कि केस को सुलझाने में तकनीकी मदद ली जा रही है। ट्राई की ओर से विभिन्न नेटवर्क प्रदाता कंपनियों से संपर्क कर डाटा एकत्र करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
काशीपुर। काशीपुर के तीन सराफा व्यापारियों से 1.30 करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस अब भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) की मदद ले रही है। फोन कॉल की सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के बारे में जानकारी जुटाने के लिए सीओ काशीपुर वंदना वर्मा के नेतृत्व में एक टीम चेन्नई भेजी गई है। कंपनी का लिंक तलाशने पर पुलिस को आगे की जांच में मदद मिलने की उम्मीद है।
बीती एक नवंबर को शिवनगर कॉलोनी निवासी श्री गुरु ज्वैलर्स के स्वामी पुरुषोत्तम वर्मा, उनके भांजे आनंद ज्वैलर्स के स्वामी विवेक वर्मा और अशोक ज्वैलर्स के स्वामी गौरव अग्रवाल से फोन कर क्रमश: 50 लाख, 30 लाख और 50 लाख की रंगदारी मांगी थी गई। तीनों व्यापारियों से रंगदारी की रकम मांगने में एक ही नंबर का इस्तेमाल किया गया है।
मामले का खुलासा करने के लिए एसटीएफ और साइबर टीमों को लगाया गया है। केस की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस को उस नंबर की प्रोवाइडर कंपनी की तलाश है। इसके लिए पुलिस ने भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) से संपर्क साधा है। पुलिस ने ट्राई से रंगदारी के लिए प्रयोग किए गए नंबर की डिटेल ई-मेल के जरिये मंगाने का प्रयास किया लेकिन तकनीकी कारणों से यह संभव नहीं हो पाया।
इस बारे में विस्तृत जानकारी जुटाने के लिए सीओ काशीपुर वंदना वर्मा को साइबर एक्सपर्ट की टीम के साथ चेन्नई भेजा गया है। पुलिस का प्रयास कॉल करने वाली सर्विस प्रोवाइडर कंपनी की जानकारी हासिल करना है ताकि आरोपियों तक पहुंचा जा सके। एसपी अभय प्रताप सिंह ने बताया कि केस को सुलझाने में तकनीकी मदद ली जा रही है। ट्राई की ओर से विभिन्न नेटवर्क प्रदाता कंपनियों से संपर्क कर डाटा एकत्र करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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