Publish Date: | Wed, 09 Nov 2022 02:40 AM (IST)
Cyber Forensic Lab : बृजेंद्र ऋषीश्वर, भोपाल। राजधानी पुलिस अब अपने आप को और ज्यादा हाईटेक करने जा रही है। भोपाल में साइबर फोरेसिंक लैब शुरू की जा रही है। इसके लिए सभी तैयारियां अंतिम चरण में हैं। साइबर उपकरण की खरीदी का काम शुरू हो गया है। लैब के चालू होने के बाद अब भोपाल पुलिस को मोबाइल, लैपटाप जांच के लिए पुलिस मुख्यालय की तरफ नहीं देखना पड़ेगा। इसके अलावा पुलिस रायसेन, विदिशा, सीहोर, नर्मदापुरम और राजगढ़ में होने वाले साइबर अपराध में भी मदद कर सकेगी।
साइबर क्राइम के डीसीपी अमित कुमार के मुताबिक साइबर अपराधियों की धरपकड़ के लिए अपराध में उपयोग लाए गए इलेक्ट्रानिक डिवाइस की जांच अहम है। इसके चलते जांच अधिकारियों समेत अन्य पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया जाता है। लैब में कार्यरत एक्सपर्ट्स को एडवांस्ड ट्रेनिंग के बाद पदस्थ किया जाएगा। शुरूआत में इस लैब में एक प्रशिक्षित एएसआइ और दो आरक्षकों को पदस्थ किया जा रहा है।
बता दें कि राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला (एनसीएफएल) देश में साइबर अपराध के मामलों के समाधान में तेजी लाने की योजना बना रहा है। इसी के चलते भोपाल पुलिस ने अपने स्तर पर इस साइबर फोरेंसिक लैब की शुरूआत कर रही है। हाईटेक तकनीक से लैस इस साइबर लैब से किसी भी साइबर अपराध को समय रहते पहचान कर उस पर जरूरी कार्रवाई की जा सकेगी। साइबर अपराधियों को पकड़कर उन्हें जेल भेजा जा सकेगा।
चुनौती भी कम नहीं
क्रेडिट, डेबिट कार्ड की जानकारी आदि डार्क नेट पर मुहैया होने के मामले सामने आने के बाद साइबर क्राइम की जांच और कठिन हुई है। डार्क नेट पर आइपी एड्रेस सर्च कर जानकारी निकालने में समय लगता है। साइबर अपराधी लेटेस्ट तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। इधर, कई बार खराब हो चुके मोबाइल, लैपटाप और गैजेट्स से डाटा रिकवर करने में कई दिन लग जाते हैं। इस लैब के शुरू होने से पुलिस की जांच में तेजी आ जाएगी।
ऐसे काम करती है साइबर फोरेंसिक लैब
साइबर एक्टसपर्ट अमन शर्मा ने बताया कि साइबर फारेंसिक लैब हत्या से लेकर जबरन वसूली, अश्लील फोटो बनाकर ब्लैकमेल करना, मोबाइल फोन से अश्लील संदेश, स्क्रीन शाट जैसे साइबार अपरोधों को सुलझाने में मदद करती है। अपराध में जब्त हुए इलेक्ट्रानिक डिवाइस को उन टूल्स के माध्यम से डाटा निकालने का काम होता है जो कोर्ट में आरोपित को सजा दिलाने में अहम सबूत साबित होते हैं।
जैसे भोपाल के बीई के छात्र ने खुद ही अपने मोबाइल फोन पर एक संदेश टाइप किया और अपने पिता को भेजा था। उसके बाद उस छात्र ने रायसेन के औबेदुल्लागंज में खुदकुशी कर ली थी। उस मामले में तमाम तरह की बातें सामने आई थीं, लेकिन पुलिस मुख्यालय की साइबर सेल की फोरेसिंक लैब में जब टूल्स की मदद से छात्र के क्षतिग्रस्त मोबाइल से डाटा रिकवर किया तो वह संदेश मिल गया, जो छात्र ने खुद टाइप किया था और अपने दोस्त और पिता को भेजा था। इस सबूत से सच सामने आ गया और छात्र की घटना को खुदकुशी माना गया।
लैब में ये होंगे प्रमुख उपकरण
– सीसीटीवी फुटेज एनालिसिस
– पासवर्ड रिकवरी
– ई-मेल फोरेंसिक
– इमेज अथेंटिकेट साफ्टवेयर
– इंटरनेट मीडिया लैब
– डीवीआर एनालिसिस टूल
– सेलफोन डाटा एक्सट्रैक्टर
– आइपी सीडीआर एनालिसिस टूल
– इंटीग्रेटेड टेलीकाम डाटा एनालिसिस
– डिजिटल वीडियो कैमरा
– डेस्कटाप विद यूपीएस
– स्टोरेज मीडिया
– हाई एंड फोरेंसिक वर्क स्टेशन
– डाटा रिट्रीवल साफ्टवेयर
– पोर्टेबल फोरेंसिक लैब
इनका कहना है
भोपाल में नई साइबर फोरेंसिक लैब शुरू करने की तैयारी की जा रही है। लैब के लिए उपकरण खरीदी की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। लैब शुरू होने से कई चुनौतियां साइबर अपराध की जांच में खत्म हो जाएगी। साइबर अपराध में अब और तेजी आ जाएगी।
– अमित कुमार, पुलिस उपायुक्त अपराध और साइबर अपराध, भोपाल
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay
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