अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट का जिक्र
हलफनामे में राष्ट्रीय धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट के एक असहमति नोट का भी जिक्र किया। इसमें कहा कि ईसाई और इस्लाम अनिवार्य रूप से विदेशी धर्म हैं। वे जाति व्यवस्था को मान्यता नहीं देते। ऐसे लोगों को एससी का दर्जा देना उन धर्मों में जाति व्यवस्था की शुरुआत करना होगा। सरकार ने कहा कि रंगनाथ मिश्रा कमीशन ने जमीनी हकीकत के अध्ययन के बिना सभी धर्मों में धर्मांतरण वाले लोगों को एससी का दर्जा देने की सिफारिश की थी। सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया था।
आयोग तय करेगा
इस मुद्दे के महत्त्व और संवेदनशीलता को देखते हुए पूर्व मुख्य न्यायाधीश के.जी. बालकृष्णन की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया है, जो उन लोगों को अनुसूचित जाति का दर्जा प्रदान करने पर गौर करेगा, जो अनुसूचित जाति से संबंधित हैं, लेकिन अन्य धर्मों में परिवर्तित हो गए हैं।
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