नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अपराधी घोषित करने के दिल्ली पुलिस के निर्णय को चुनौती देने वाली आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया।शुक्रवार को सुनवाई के दौरान खान की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने दावा किया कि पुलिस का निर्णय दुर्भावनापूर्ण है। वहीं, दिल्ली पुलिस ने तर्क दिया कि अपराधिक घोषित करने के निर्णय पर पहुंचने के लिए सक्षम अधिकारियों द्वारा उचित प्रक्रिया का पालन किया गया था।
पुलिस ने यह भी कहा कि किसी भी दुर्भावना को साबित करने के लिए अमानतुल्लाह की तरफ से अदालत के सामने कोई सामग्री नहीं पेश की गई। न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि अदालत ने सभी पक्षों के तर्क को सुन लिया और निर्णय सुरक्षित रखा जाता है। याचिकाकर्ता खान की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता एम सुफियान सिद्दीकी ने दावा किया कि अधिकारियों ने दुर्भावनापूर्ण तरीके से काम किया।
उन्होंने कहा कि आपराधिक इतिहास जोकि गोपनीय दस्तावेज है, उसे एक प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दल के प्रवक्ता द्वारा सोशल मीडिया पर खान को बदनाम करने के लिए साझा किया गया था। उन्होंने कहा कि यह कोई सार्वजनिक दस्तावेज नहीं है।उन्होंने यह भी कहा कि उनके मुवक्किल को कुल 18 मामलों में से 14 को बरी या आरोप मुक्त कर दिया गया है, जबकि चार मामले विचाराधीन हैं।
दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सालिसिटर जनरल ने तर्क दिया कि मामले में सक्षम अधिकारियों द्वारा लागू नियमों का विधिवत पालन किया गया था।दोनों पक्षों को सुनने के बाद पीठ ने कहा कि अदालत आदेश देने से पहले चुनौती के तहत फैसले से संबंधित आधिकारिक फाइल का अध्ययन करेगी।दिल्ली पुलिस ने मार्च-2022 में खान को अपराधी घोषित किया था।पुलिस के अनुसार खान के विरुद्ध हत्या, हत्या का प्रयास जैसे गंभीर अपराध से जुड़े मामले दर्ज हैं।
Edited By: Pradeep Kumar Chauhan
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