Publish Date: | Mon, 14 Nov 2022 07:59 AM (IST)
रायपुर। इस सदी में कई बीमारियां उभर कर सामने आयी है, उनमें से एक है मधुमेह। कोरोना काल से ये और तीव्रता से बढ़ रहा है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार विश्व में लगभग 422 मिलियन मधुमेह के रोगी है। जब पैंक्रियाज में इंसुलिन का उत्पादन कम या बंद हो जाता है जिससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने लगता है। इस रोग के प्रारंभिक लक्षण मूत्र ज्यादा लगना, प्यास ज्यादा लगना, भूख ज्यादा लगना, वजन घटाने या बढ़ना।
मुख्यतः इस रोग के तीन प्रकार है टाइप 1, टाइम 2 एवं जुवेनाइल डाइबिटीज।
इस रोग के लक्षणों को कम करने के लिए उचित भोजन पर्याप्त नींद अच्छी जीवन शैली, वजन पर नियंत्रण का होना बहुत जरूरी है। खानपान का इस रोग मे हुत योगदान है। इस रोग मे म वसा युक्त कम शर्करायुक्त लिन प्रोटीन युक्त भोजन आवश्यक है। भोजन में फाइबर युक्त मल्टी ग्रेन अनाज, दाल कम मीठे फल हरी सब्जियां बीन्स सीडस बादाम अखरोट यदि मांसाहारी है तो अंडे चिकन को सम्मिलित करना चाहिए।
खड़े मसाले मेथीदाना, दालचीनी एवं आवला का चूर्ण प्रतिदिन खाने से इंसुलिन का उत्पादन बढ़ता है। लेकिन गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये गर्म होता है। मुनगे की पत्ती, तुलसी की पत्ती का सेवन भी रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है। अलसी, सूर्यमुखी, कद्दू, चीया बीज भी शर्करा को नियंत्रित करने सहायक है।
करेला का रस इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ा देता है। मेथीदाना में फाइबर होते हैं। ये स्टार्च के अवशोषण को धीमा कर देता है। कई लोग मधुमेह होते ही फलों का सेवन बंद कर देते हैं। इस समय केवल हाई ग्ल्य्सेमीक इंडेक्स के फल जैसे आम, सीताफल, अंगूर, चीकू, केला, आलू, लिची का सेवन कम करना चाहिए। अपितु अमरूद, जामुन, पपीता, आंवला, बेरिज़ रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। सफेद आहार जैसे शक्कर, मैदा, फास्ट फूड, जंक फ़ूड, चैनिज फूड, सफेद चावल, मक्का, अरवी, जिम्मिकंद साफ्ट ड्रिंक का सेवन बंद कर देना चाहिए।
Posted By: Ashish Kumar Gupta
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