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उधमपुर। गवर्नमेंट महिला कॉलेज में ‘नशा मुक्ति और महिलाओं के लिए विशेष अधिकार’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला में शुक्रवार को इंटरेक्टिव और तकनीकी सत्र आयोजित किया गया।
महिला कॉलेज के रेड रिबन क्लब (आरआरसी) और एनएसएस इकाई की तरफ से जेएंडके एड्स कंट्रोल सोसाइटी के सहयोग से ‘नशा मुक्ति और महिलाओं के लिए विशेष अधिकार’ पर आयोजित कार्यशाला का शुक्रवार को दूसरा दिन था। इस अवसर पर छात्राओं के बीच जागरूकता फैलाने के लिए कॉलेज परिसर में इंटरैक्टिव और तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। कार्यशाला का आयोजन महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. मोनिका शर्मा के मार्गदर्शन में किया गया। सुबह के सत्र में ड्रग काउंसलर देविका शर्मा (पुलिस नशामुक्ति केंद्र जिला पुलिस लाइन उधमपुर) रिसोर्स पर्सन थीं। उन्होंने प्रतिभागियों को समाज में नशीली दवाओं के उपयोग के साथ-साथ दुरुपयोग की वर्तमान स्थिति के बारे में बताया। उन्होंने उधमपुर जिले से संबंधित नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर चर्चा की। उन्होंने छात्रों से कहा कि क्या उनमें से कोई या उनके परिचित नशे की लत से पीड़ित हैं। इस पर खुले मन से अपने विचार रखें। ड्रग काउंसलर देविका ने बताया कि नशाखोरी भी अन्य बीमारियों की तरह ही एक बीमारी है और काउंसिलिंग व संबंधित दवाओं के प्रयोग से यह पूरी तरह से ठीक हो जाती है। उन्होंने छात्रों से आम जनता के बीच नशामुक्ति पर संदेश फैलाने की अपील की। इस दौरान महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष प्रकोष्ठ, उधमपुर की अफिया नजीर ने महिलाओं से संबंधित विभिन्न मुद्दों जैसे यौन उत्पीड़न, छेड़खानी, घरेलू हिंसा, दहेज, कार्यस्थल पर उत्पीड़न, भेदभाव आदि में उनके अधिकारों पर चर्चा की।
वहीं शाम के सत्र में दो प्रेरक फिल्में प्रदर्शित की गईं। कार्यशाला में कॉलेज के 183 प्रतिभागियों ने भाग लिया। समन्वय प्रो. सुमिता राव, प्रो. संजय कुमार, डॉ. अमित कुमार, प्रो. यश पॉल, प्रो. संजीव उपाध्याय, डॉ. श्वेता शर्मा और प्रो. यश कुमार ने किया।
उधमपुर। गवर्नमेंट महिला कॉलेज में ‘नशा मुक्ति और महिलाओं के लिए विशेष अधिकार’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला में शुक्रवार को इंटरेक्टिव और तकनीकी सत्र आयोजित किया गया।
महिला कॉलेज के रेड रिबन क्लब (आरआरसी) और एनएसएस इकाई की तरफ से जेएंडके एड्स कंट्रोल सोसाइटी के सहयोग से ‘नशा मुक्ति और महिलाओं के लिए विशेष अधिकार’ पर आयोजित कार्यशाला का शुक्रवार को दूसरा दिन था। इस अवसर पर छात्राओं के बीच जागरूकता फैलाने के लिए कॉलेज परिसर में इंटरैक्टिव और तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। कार्यशाला का आयोजन महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. मोनिका शर्मा के मार्गदर्शन में किया गया। सुबह के सत्र में ड्रग काउंसलर देविका शर्मा (पुलिस नशामुक्ति केंद्र जिला पुलिस लाइन उधमपुर) रिसोर्स पर्सन थीं। उन्होंने प्रतिभागियों को समाज में नशीली दवाओं के उपयोग के साथ-साथ दुरुपयोग की वर्तमान स्थिति के बारे में बताया। उन्होंने उधमपुर जिले से संबंधित नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर चर्चा की। उन्होंने छात्रों से कहा कि क्या उनमें से कोई या उनके परिचित नशे की लत से पीड़ित हैं। इस पर खुले मन से अपने विचार रखें। ड्रग काउंसलर देविका ने बताया कि नशाखोरी भी अन्य बीमारियों की तरह ही एक बीमारी है और काउंसिलिंग व संबंधित दवाओं के प्रयोग से यह पूरी तरह से ठीक हो जाती है। उन्होंने छात्रों से आम जनता के बीच नशामुक्ति पर संदेश फैलाने की अपील की। इस दौरान महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष प्रकोष्ठ, उधमपुर की अफिया नजीर ने महिलाओं से संबंधित विभिन्न मुद्दों जैसे यौन उत्पीड़न, छेड़खानी, घरेलू हिंसा, दहेज, कार्यस्थल पर उत्पीड़न, भेदभाव आदि में उनके अधिकारों पर चर्चा की।
वहीं शाम के सत्र में दो प्रेरक फिल्में प्रदर्शित की गईं। कार्यशाला में कॉलेज के 183 प्रतिभागियों ने भाग लिया। समन्वय प्रो. सुमिता राव, प्रो. संजय कुमार, डॉ. अमित कुमार, प्रो. यश पॉल, प्रो. संजीव उपाध्याय, डॉ. श्वेता शर्मा और प्रो. यश कुमार ने किया।
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