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चंपावत। सरकारी क्षेत्रों में रोजगार के सिकुड़ते अवसरों के बीच रोजगार मेले युवाओं की उम्मीद की धुरी रहे हैं लेकिन यहां अब तक लगे इन मेलों से भी बेरोजगारों को खास लाभ नहीं मिला है।
चंपावत जिले में एक दशक पहले 13 हजार बेरोजगार थे जो बढ़ कर अब 24 हजार संख्या पार कर चुकी है। जिले में बेरोजगारों की संख्या दिन दूनी रात चौगुनी गति से बढ़ी है। वहीं इसके विपरीत रोजगार पाने वालों की संख्या बहुत कम है। बमुश्किल तीन हजार युवाओं को सरकारी नौकरी मिल सकी है।
इधर तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं की नजर रोजगार मेलों पर रहती है लेकिन 2018 से अब तक लगे दस रोजगार मेलों से युवाओं को मायूसी मिली। इस दौरान लगे नौ मेलों में 277 युवाओं को ही ऑटो मोबाइल और दूसरे निजी कंपनियों में काम मिल सका है जबकि चंपावत जिले में औद्योगिक प्रशिक्षण और तकनीकी हुनर देने के लिए तीन आईटीआई, चार पॉलीटेक्रिक और एक इंजीनियरिंग कॉलेज हैं जिसमें एक हजार से अधिक युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
रोजगार मेले हुनरमंदों को रोजगार देने में उपयोगी है। कोरोना और अन्य कारणों से पिछले दो वर्ष ऐसे मेलों का आयोजन कम हो सका। अब फिर से मेले लगाकर रोजगार देने की कवायद की जा रही है।
– राजेश दुर्गापाल, जिला सेवायोजन अधिकारी, चंपावत।
चंपावत। सरकारी क्षेत्रों में रोजगार के सिकुड़ते अवसरों के बीच रोजगार मेले युवाओं की उम्मीद की धुरी रहे हैं लेकिन यहां अब तक लगे इन मेलों से भी बेरोजगारों को खास लाभ नहीं मिला है।
चंपावत जिले में एक दशक पहले 13 हजार बेरोजगार थे जो बढ़ कर अब 24 हजार संख्या पार कर चुकी है। जिले में बेरोजगारों की संख्या दिन दूनी रात चौगुनी गति से बढ़ी है। वहीं इसके विपरीत रोजगार पाने वालों की संख्या बहुत कम है। बमुश्किल तीन हजार युवाओं को सरकारी नौकरी मिल सकी है।
इधर तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं की नजर रोजगार मेलों पर रहती है लेकिन 2018 से अब तक लगे दस रोजगार मेलों से युवाओं को मायूसी मिली। इस दौरान लगे नौ मेलों में 277 युवाओं को ही ऑटो मोबाइल और दूसरे निजी कंपनियों में काम मिल सका है जबकि चंपावत जिले में औद्योगिक प्रशिक्षण और तकनीकी हुनर देने के लिए तीन आईटीआई, चार पॉलीटेक्रिक और एक इंजीनियरिंग कॉलेज हैं जिसमें एक हजार से अधिक युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
रोजगार मेले हुनरमंदों को रोजगार देने में उपयोगी है। कोरोना और अन्य कारणों से पिछले दो वर्ष ऐसे मेलों का आयोजन कम हो सका। अब फिर से मेले लगाकर रोजगार देने की कवायद की जा रही है।
– राजेश दुर्गापाल, जिला सेवायोजन अधिकारी, चंपावत।
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