सीमा सुरक्षा बल के अतिरिक्त महानिदेशक चंडीगढ़ पीवी रामाशास्त्री।
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सीमा सुरक्षा बल के अतिरिक्त महानिदेशक चंडीगढ़ पीवी रामाशास्त्री ने कहा कि बॉर्डर पर घुसपैठ की कोशिशें लगातार नाकाम की जा रही हैं। अब घुसपैठ मुमकिन नहीं है, लेकिन ड्रोन से हथियार और नशीले पदार्थों की तस्करी चुनौती बनी हुई है। हालांकि रात की गश्त बढ़ाने समेत अन्य उपायों से सुरक्षा ग्रिड को मजबूत करते हुए इस चुनौती से निपटने के प्रयास किए जा रहे हैं।
रामाशास्त्री उधमपुर में आयोजित दीक्षांत समारोह के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। एडीजी ने कहा कि बीएसएफ का गौरवमय इतिहास है। जब-जब भी देश की बॉर्डर की सुरक्षा में चुनौतियां आई हैं, बीएसएफ ने सफलता पूर्वक उन चुनौतियों को स्वीकार करते हुए उसका समाधान निकाला है।
ड्रोन एक नई प्रकार की समस्या और चुनौती है और उस पर भी कई प्रकार से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ड्रोन के जरिए हथियार, नशीली वस्तुओं को गिराने को लेकर बीएसएफ कनवेंशनल डोमिनेशन स्ट्रेटजी के जरिए भी काम कर रही है। सीमा पार से ड्रोन के जरिए सामान बॉर्डर से कुछ आगे गिराया जाता है।
बॉर्डर पर नए-नए तरीकों से घुसपैठ का प्रयास होता है। इसको रोकने के लिए बॉर्डर पर आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। आधुनिक तकनीकी यंत्रों का उपयोग करने का भी प्रशिक्षण सभी जवानों व अधिकारियों को दिया जा रहा है।
इसके साथ ही हथियारों पर भी निरंतर शोध करके नए-नए हथियार, सर्विलांस उपकरण नए कम्यूनिटी सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है। सर्दी के मौसम में धुंध व कोहरे का फायदा उठाकर घुसपैठ करने के प्रयास को भी बीएसएफ ने विफल किया है।
घुसपैठ करते आतंकियों को या तो मार गिराया जा रहा है या फिर वे वापस खदेड़े जा रहे हैं। आगे उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर बनाए गए बंकर पूरी तरह से सुरक्षित हैं और उपयोग करने लायक है। बारिश होने पर जलभराव होता है, लेकिन कुछ दिन के बाद पानी निकल जाता है। अभी मानसून खत्म हो गया है और इनकी मरम्मत का काम किया जा रहा है।
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