कोरिया की के संस्कृति ने आज दुनिया पर कब्जा जमा लिया है – चाहे वह के-ड्रामा हो या के-पॉप. यह के शब्द एक पूरी पीढ़ी और उनके प्राथमिक जीवनशैली प्रभाव का प्रतिनिधित्व करता है. पढ़िए अक्षित जोशी का एनालिसिस
साउथ कोरिया (प्रतीकात्मक चित्र)
मीडिया की एक लंबी श्रृंखला के साथ अपनी अंतरराष्ट्रीय पहुंच को स्थापित करने के बाद दक्षिण कोरिया अब अपनी भाषा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. कोरियाई भाषा आज दुनिया भर में सीखी जाने वाली सबसे तेजी से बढ़ती भाषाओं में से एक है.लोकप्रिय भाषा शिक्षण ऐप डुओलिंगो की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक कोरियाई भाषा उनके ऐप पर दुनिया की सातवीं सबसे ज्यादा सीखी जाने वाली भाषा रही.
विशेषज्ञों और शिक्षकों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोरियन भाषा का प्रसार और लोगों की रुचि में यह वृद्धि कोरियाई लहर या “हाल्यू” के कारण है.कोरिया की संस्कृति दुनिया भर में धूम मचा रही है. स्थिति ऐसी हो गई है कि ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी ने 2021 में कोरियाई मूल के 20 से अधिक शब्दों को जोड़ा और एक बयान में कहा, “हम सभी कोरियाई लहर के शिखर पर सवार हैं.”
दक्षिण कोरिया ने अपनी “सॉफ्ट पावर” का शानदार उपयोग करके अपनी वैश्विक छवि में अभूतपूर्व बदलाव किया है. उसने इसे और अधिक सावधानी के साथ विकसित किया है.21वीं सदी के सांस्कृतिक परिदृश्य में आज टॉप पर रहने के बाद लगता है कि कोरिया की संस्कृति अभी दुनिया भर में धूम मचाती रहेगी.
कोरिया की मौजूदा धाकड़ छवि के पीछे की पृष्ठभूमि
द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के आत्मसमर्पण के बाद कोरियाई प्रायद्वीप पर से जापानी शासन समाप्त हो गया. इसके बाद कोरिया सोवियत संघ के कब्जे वाले उत्तरी क्षेत्र और अमेरिका के कब्जे वाले दक्षिणी क्षेत्र में विभाजित हो गया.दोनों देशों के दोबारा एक होने पर वार्ता विफल होने के बाद अगस्त 1948 में अमेरिका के कब्जे वाला हिस्सा कोरिया गणराज्य बन गया जबकि पूर्व समाजवादी देश को डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया नाम मिला.
दोनों के बीच एक छोटा युद्ध हुआ जो 1953 में समाप्त हुआ. कोरिया गणराज्य अमेरिका के साथ एक सैन्य गठबंधन में प्रवेश कर गया और अपनी खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के पुनर्विकास की कोशिश शुरू की.1965 में कोरिया की प्रति व्यक्ति जीडीपी घाना की तुलना में कम थी. मगर आज दक्षिण कोरिया दुनिया की 12वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. एक संतोषजनक स्तर की आर्थिक सुरक्षा प्राप्त करने के बाद देश ने अपनी अंतरराष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं को मूर्त रूप देना शुरू कर दिया.
पिछली शताब्दी में अमेरिकियों ने जिस व्यावहारिक रूप से दुनिया को अपनी संस्कृति बेची, इक्कीसवीं सदी में कोरिया ने भी उसी मॉडल का अनुसरण करना शुरू कर दिया.जैसे अमेरिका ने सफलतापूर्वक अपनी भाषा, कपड़े और भोजन को अंतरराष्ट्रीय संस्कृति का प्रमुख हिस्सा बना लिया , वैसे ही मौजूदा शताब्दी में दक्षिण कोरिया अंतरराष्ट्रीय संस्कृति का प्रमुख हिस्सा बन गया है.
कोरिया का के स्वरूप
कोरिया की के संस्कृति ने आज दुनिया पर कब्जा जमा लिया है – चाहे वह के-ड्रामा हो या के-पॉप. यह के शब्द एक पूरी पीढ़ी और उनके प्राथमिक जीवनशैली प्रभाव का प्रतिनिधित्व करता है.जब देश के आकार की बात आती है तो दक्षिण कोरियाई संगीत और फिल्मों के दर्शकों की संख्या असमान रूप से बड़ी होती है और इन दशकों में इसमें लगातार वृद्धि होती होती जा रही है.
कोरियाई फिल्मों और ऑडियो-वीजुअल आर्ट की शुरुआत 1999 में रिलीज़ हुई उत्तर कोरिया / दक्षिण कोरिया के बीच जासूसी को लेकर प्रेरक फिल्म ‘स्विरी’ के साथ हुई. इसने कोरियाई उद्योग को स्थापित करने की शुरुआत का काम किया क्योंकि यह फिल्म सभी दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में बेहद सफल रही.इसके बाद 2000 में ‘ऑटम इन माय हार्ट’ नाम की फिल्म आई जिसने ‘स्विरी’ की उत्तेजना को बनाए रखा.इसके बाद 2001 में ‘माई सैसी गर्ल’ और 2004 में ‘विंटर सोनाटा’ आई.
इन सभी ने न केवल कोरिया में बल्कि सिंगापुर, जापान, ताइवान, हांगकांग, चीन और वियतनाम में भी धमाका कर दिया. यह शुरुआती लहर आने वाले समय में बड़ी चीजों का संकेत रहीं.कोरियाई फिल्म आज हर ऑनलाइन मंच का मुख्य आधार है. सफलता का श्रेय इनमें चित्रित यथार्थवाद, मजबूत महिला पात्रों, सरल कहानी और विश्व निर्माण की निरंतरता जैसे मुद्दों को दिया जाता है. यह सभी बातें कोरिया की हर फिल्म में स्पष्ट रूप से नजर आती है.नेटफ्लिक्स पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘स्क्वीड गेम्स’ की सफलता और 2020 में बेस्ट पिक्चर के लिए ‘पैरासाइट’ को मिले ऑस्कर ने आखिरकार कोरियाई फिल्मों को वह केंद्र बिंदु दे दिया जिसके लिए वह लंबे समय से संघर्ष कर रही थीं.
के-पॉप का छा जाना
दक्षिण कोरिया में एक और प्रभावशाली घटना इसके पॉप संगीत का उदय है जिसे लोकप्रिय रूप से के-पॉप कहा जाता है.के-पॉप मस्त कर देने वाले इलेक्ट्रॉनिक धुनों, धमाकेदार नृत्य और प्रोडक्शन वैल्यू के अपने खास मिश्रण और आकर्षक दक्षिण कोरियाई कलाकारों की अदाकारी के कारण वैश्विक स्तर पर छा गईं. कोरियाई कलाकारों को कई साल तक प्रैक्टिस करा कर पॉप संस्कृति के एक उत्पाद के रूप में विकसित किया गया.
साई का ‘गंगनम स्टाइल’ शायद पहला कोरियाई गीत है जिसे दुनिया भर में ज्यादातर लोगों ने सुना. इसे यूट्यूब पर पांच साल में तीन बिलियन से अधिक बार देखा गया. 2017 तक यह दुनिया का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला वीडियो बना रहा.यह लहर उसके बाद रुकी नहीं. अगर किसी को अंतहीन कोरियाई संगीत की लहर कहा जा सकता है तो वह बीटीएस है.
2017 में बीटीएस अमेरिका में जबरदस्त हिट रहा. इसके दो गाने बिलबोर्ड हॉट 100 पर हिट हुए. अमेरिकन म्यूजिक अवार्ड्स और टाइम्स स्क्वायर में नए साल की शाम को भी इसका जोरदार प्रदर्शन किया गया.दक्षिण कोरिया की इस ऑल-बॉय बैंड ने अमेरिकी संस्कृति पर ऐसी पैठ बना ली कि वहां के दूसरे बैंड का काम आसान हो गया. वर्तमान ऑल-गर्ल्स बैंड ब्लैगपिंक ने बीटीएस का अनुसरण करते हुए धमाका कर दिया.
के-संगीत और उनके प्रशंसकों का विश्वभर में प्रभाव
जिस साल बीटीएस बिलबोर्ड हॉट 100 के शिखर पर पहुंचा, बोंग जून-हो के ‘पैरासाइट’ ने उसी साल सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए 2020 का ऑस्कर जीता और के-पॉप गर्ल ग्रुप ब्लैकपिंक आठवें स्थान पर पहुंच गया. वह दो बार बिलबोर्ड ग्लोबल 100 में शामिल हुआ.बीटीएस बैंड के सदस्यों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में लगातार विकास के लक्ष्यों पर भाषण दिया और ब्लैकपिंक ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन पर बात की.
आज की तारीख में इन कलाकारों की आवाज़ें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ा प्रभाव रखती हैं. यह दक्षिण कोरियाई सॉफ्ट पावर की वर्तमान स्थिति को भी दर्शाता है.इससे पता चलता है कि 21वीं सदी में दक्षिण कोरिया के सॉफ्ट पावर का खेल किस तरह उसके काम आया. सरकार ने इस एजेंडे को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाया और कुछ समय से वह इस पर गंभीरता से काम कर रही है.
कोरिया में पॉपुलर कल्चर का अलग मंत्रालय
कोरिया शायद दुनिया के एक-दो देशों में से एक है जिसमें पॉपुलर कल्चर इंडस्ट्री डिवीजन नाम का एक अलग मंत्रालय है. 5.5 बिलियन अमरीकी डालर के चौंका देने वाले बजट के साथ यह कोरियाई पॉप संगीत, फैशन, जन मनोरंजन और फिल्मों के विकास पर काम करता है.परिणाम यह हुआ है कि कोरियाई संस्कृति विश्व भर में छाने लगी है. इन म्यूजिक बैंड के अपने प्रशंसकों का समूह है.इनमें मौजूद युवाओं के प्रभाव के कारण लोग उनमें अपनी छवि देखने लगते हैं. दूसरे लोग भी उन पर इसे देखने का दबाव डालते हैं. नतीजा यह हुआ है कि ऑनलाइन कोरियाई संस्कृति के प्रशंसक बड़ी संख्या में बढ़ते जा रहे हैं.
इससे यह भी पता चला है कि कैसे संगीत और कला भाषा और सांस्कृतिक बाधाओं को पार करते हुआ अलग-अलग समुदायों पर अपना सॉफ्ट प्रभाव छोड़ रहे हैं.कोरियाई लोगों के लिए इसके प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह के परिणाम सामने आए हैं. वह अपने संस्कृति की मनमुताबिक छवि पेश करने में सफल रहते हैं जो एक तरह से उनकी शक्ति को दर्शाता है और पर्यटन के क्षेत्र में देश की मदद करता है. आखिरकार यह अंतरराष्ट्रीय निवेश को आकर्षित करने में मदद करता है.इस रास्ते में प्रशंसक काफी महत्वपूर्ण होते हैं. कोरियाई सितारों के पागलपन के स्तर वाले फैन अपने बैंड और सितारों के लिए सोशल मीडिया पर प्रभावी मार्केटिंग का काम करते हैं.
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