हाइलाइट्स
झारखंड की छह बेटियां फीफा वर्ल्ड कप में खेलकर राज्य और देश का नाम रोशन कर रही हैंं.
अनिता कुमारी और पास के ही हलदामा गांव की नीतू लिंडा ने एक नया इतिहास लिखा है.
टीवी पर मैच देखने को लेकर पूरा परिवार और आसपास के ग्रामीण अनीता के घर पर मौजूद थे.
रांची. हॉकी और तीरंदाजी के बाद अब फुटबॉल में झारखंड की बेटियों का डंका दुनिया में बज रहा है. जिस फीफा वर्ल्ड कप में खेलने के सपने हर खिलाड़ी देखता है. झारखंड की छह बेटियां उसी फीफा वर्ल्ड कप में खेलकर झारखंड और देश का नाम रोशन कर रही हैंं. गरीबी में पलकर ग्रामीण इलाकों से अपनी प्रतिभा के बूते इन बेटियों का इस तरह सितारों की तरह चमकना आसान नहीं था.
दरअसल यह कहानी है रांची के कांके प्रखंड के चारीहुजीर गांव की रहने वाली अनिता कुमारी और पड़ोस के गांव की हलदामा की नीतू लिंडा की, जिन्होंने अपनी प्रतिभा से दुनिया को भी चौंका दिया. दुनिया की सुख-सुविधाओं से कोसों दूर इन खिलाड़ियों में रांची के कांके प्रखंड के चारीहुजीर गांव की अनिता कुमारी और पास के ही हलदामा गांव की नीतू लिंडा ने एक नया इतिहास लिखा है.
बिजली गुल होने की वजह से नहीं देख सके मैच
11 अक्टूबर को भारत का पहला मुकाबला अमेरिका के साथ था. लेकिन मौसम की वजह से गांव और घर में अचानक बिजली गुल हो जाने के कारण मदद के रूप में दिया गया टीवी नहीं चल सका. दरअसल टीवी पर मैच देखने को लेकर पूरा परिवार और आसपास के ग्रामीण अनीता के घर पर मौजूद थे. लेकिन, मौसम खराब होने की वजह से पूरे इलाके में बिजली गुल थी और लोग टीवी पर मैच नहीं देख पाए. दरअसल अनीता के घर पर यह टीवी एक संस्था की ओर से दी गई है. जून में जब अनीता का चयन भारतीय महिला फुटबॉल टीम में हुआ था. उसी वक्त एक संस्था ने अनीता के परिवार वालों को टीवी गिफ्ट किया था.
संघर्ष की दास्तां बयां करती है इनकी
दरअसल कांके प्रखंड के चारीहुजीर ओर हलदामा और आसपास के कई गांवों की बेटियों में फुटबॉल को लेकर जबरदस्त जोश और जुनून है. यहां की 300 से ज्यादा लड़कियां पूरी शिद्दत के साथ फुटबॉल खेलती हैं. गांव की इन्हीं बेटियों के बीच नीतू लिंडा की बहन भी गर्व से मुस्कुराती नजर आती है. अनिता कुमारी 11 नंबर की जर्सी पहनती है, जबकि नीतू 17 नंबर की. अनिता की मिट्टी का घर अनिता और पूरे परिवार के संघर्ष की दास्तां को बयां करता है. मानसून में घर पर बरसा पानी मिट्टी के फर्श में इतने सुराख कर दिए कि दीवारों पर मेडल रखने की जगह नहीं बची. नशे के शिकार पिता और मजदूरी करने वाली मां की कमाई के बीच पूरा परिवार कर्ज के बोझ तले दबा है.
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Tags: 2022 FIFA World Cup Qualifiers, Football news, Ranchi news
FIRST PUBLISHED : October 12, 2022, 22:51 IST
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