Four-fold increase in the number of mental patients in four years
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अनुज शर्मा
करनाल। मनोरोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2018 में जहां नागरिक अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ की ओपीडी में 20 से 25 मानसिक रोगी आते थे। अब वर्ष 2022 में 100 से 120 मानसिक रोगी रोजाना पहुंच रहे हैं, यानी पिछले चार साल में चार गुना मरीज बढ़ गए हैं। इन मरीजों में 35 प्रतिशत 15 से 24 वर्ष तक के युवा भी शामिल हैं।
नागरिक अस्पताल की क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट संतोष ने बताया कि आज की बदलती जीवनशैली और जरूरतें (मांगें) पूरी न होने के कारण बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक मानसिक तनाव के शिकार हो रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2030 तक तनाव संबंधी बीमारियां संक्रामक रोगों से अधिक हो जाएंगी। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि हम मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझें और उसे कायम रखने के लिए सजग रहें। उन्होंने बताया कि अधिकांश लोगों को पता ही नहीं है कि मानसिक स्वास्थ्य क्या है। वे अक्सर इसे पागलपन से जोड़ लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है, मानसिक रोग कई तरह के होते हैं। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ही विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। कम्युनिटी हेल्थ नर्स पूजा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग प्रतिमाह एक के बजाय पांच जागरूकता शिविर लगा रहा है। जिससे जिलेभर में लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा सके और मानसिक रोगियों की संख्या कम की जा सके। संवाद
15 से 24 वर्ष तक के मरीज बढ़े
क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट संतोष ने बताया कि मनोरोग विशेषज्ञ की ओपीडी में वर्ष 2022 में मरीजों की संख्या में एकदम इजाफा हुआ है। ओपीडी में रोजाना 100 से 120 मरीज पहुंच रहे हैं। चिंता का विषय यह है कि इन रोगियों में 15 से 24 वर्ष तक के बच्चे और युवाओं की संख्या बढ़ी है। इनमें 30 से 35 युवा मरीज शामिल हैं। जिनके प्रति स्वास्थ्य विभाग गंभीर है। वर्ष 2022 में प्रतिमाह पांच शिविर मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए लगाए जा रहे हैं।
‘हमारा गृह, हमारा स्वास्थ्य’ थीम पर मनाया जाएगा दिवस
10 अक्तूबर को नागरिक अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी सहित सभी निजी अस्पतालों में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाएगा। हर साल विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस अलग थीम पर मनाया जाता है। इस बार की थीम है हमारा गृह, हमारा स्वास्थ्य। इस वर्ष की थीम का लक्ष्य हमारे ग्रह और उसमें रहने वाले लोगों की भलाई की ओर विश्व का ध्यान खींचना है।
अनुज शर्मा
करनाल। मनोरोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2018 में जहां नागरिक अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ की ओपीडी में 20 से 25 मानसिक रोगी आते थे। अब वर्ष 2022 में 100 से 120 मानसिक रोगी रोजाना पहुंच रहे हैं, यानी पिछले चार साल में चार गुना मरीज बढ़ गए हैं। इन मरीजों में 35 प्रतिशत 15 से 24 वर्ष तक के युवा भी शामिल हैं।
नागरिक अस्पताल की क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट संतोष ने बताया कि आज की बदलती जीवनशैली और जरूरतें (मांगें) पूरी न होने के कारण बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक मानसिक तनाव के शिकार हो रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2030 तक तनाव संबंधी बीमारियां संक्रामक रोगों से अधिक हो जाएंगी। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि हम मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझें और उसे कायम रखने के लिए सजग रहें। उन्होंने बताया कि अधिकांश लोगों को पता ही नहीं है कि मानसिक स्वास्थ्य क्या है। वे अक्सर इसे पागलपन से जोड़ लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है, मानसिक रोग कई तरह के होते हैं। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ही विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। कम्युनिटी हेल्थ नर्स पूजा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग प्रतिमाह एक के बजाय पांच जागरूकता शिविर लगा रहा है। जिससे जिलेभर में लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा सके और मानसिक रोगियों की संख्या कम की जा सके। संवाद
15 से 24 वर्ष तक के मरीज बढ़े
क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट संतोष ने बताया कि मनोरोग विशेषज्ञ की ओपीडी में वर्ष 2022 में मरीजों की संख्या में एकदम इजाफा हुआ है। ओपीडी में रोजाना 100 से 120 मरीज पहुंच रहे हैं। चिंता का विषय यह है कि इन रोगियों में 15 से 24 वर्ष तक के बच्चे और युवाओं की संख्या बढ़ी है। इनमें 30 से 35 युवा मरीज शामिल हैं। जिनके प्रति स्वास्थ्य विभाग गंभीर है। वर्ष 2022 में प्रतिमाह पांच शिविर मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए लगाए जा रहे हैं।
‘हमारा गृह, हमारा स्वास्थ्य’ थीम पर मनाया जाएगा दिवस
10 अक्तूबर को नागरिक अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी सहित सभी निजी अस्पतालों में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाएगा। हर साल विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस अलग थीम पर मनाया जाता है। इस बार की थीम है हमारा गृह, हमारा स्वास्थ्य। इस वर्ष की थीम का लक्ष्य हमारे ग्रह और उसमें रहने वाले लोगों की भलाई की ओर विश्व का ध्यान खींचना है।
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