Jhabua News झाबुआ-कल्याणपुरा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मतांतरित हुए कल्याणपुरा-रामा क्षेत्र के 24 गांवों में विश्व हिंदू परिषद धर्म प्रसार मालवा प्रांत के कार्यकर्ताओं का प्रयास रंग लाया है । सोमवार को इन गांवों के 38 परिवारों से 184 सदस्यों ने वापस सनातन धर्म का दामन थाम लिया है । मंगलवार को रोज की तरह सबेरा हुआ मगर इन गांवों के कुछ परिवारों के लिए उसका अलग ही महत्व रहा । वजह यह थी कि कोई छह तो कोई दो या ढाई साल बाद वापस अपनी जड़ों की ओर लौटा । इतना ही नही सुबह की शुरुआत भी राम-राम से हुई और सभी ने घर मे भगवान का छोटा मंदिर स्थापित करते हुए पूजा-अर्चना की ।
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार अपने प्रवास पर रविवार को झाबुआ आए। उनकी मौजूदगी में कल्याणपुरा प्रखंड यानी क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण धार्मिक सम्मेलन कल्याणपुरा के हायर सेकेंडरी स्कूल खेल मैदान में हुआ । कल्याणपुरा प्रखंड की खास बात यह है कि 120 से 125 गांव में मतांतरण के खिलाफ लंबे समय से मुहिम छिड़ी हुई है । इसी का असर है कि एक साथ इतनी बड़ी संख्या में ग्रामीणों की वैदिक परंपरा के साथ घर वापसी हुई।
गांव का परिदृश्य बदला नजर आया
कल्याणपुरा से 8 किमी दूर स्थित देदला गांव का परिदृश्य मंगलवार को बदला हुआ रहा । यहां के गणावा फलिए में रहने वाले तेरसिंह गणावा के घर पर केसरिया ध्वजा लहरा रही थी। डेढ़ साल पहले उसका मुंह टेढ़ा हो गया था। उपचार के लिए इधर-उधर पत्नी के साथ वह जाने लगा । उसका कहना है कि बीमारी के चलते पत्नी के साथ वह चर्च में भी गया। परिवार के अन्य सदस्य तो सनातन धर्म में ही थे, मगर गणावा दंपती की पूजा विधि बदल गई। उसका कहना है कि उसे अन्य किसी ईश्वर को मानने से रोका गया ।
तेरसिंह का कहना है कि वह अपने आप स्वस्थ हो गया । उसकी भगवान में आस्था थी इसलिए वह वापस सनातन धर्म मे लौट आया है। अब बहुत अच्छा लग रहा है । घर में भगवान का छोटा मंदिर उसने स्थापित कर लिया है । पहले दिन की शुरुआत उनके पूजन से ही हुई है।
माताजी की प्रतिमा की स्थापना की
देदला बस स्टैंड के समीप रहने वाले हुरतान भूरिया ने परिवार के छह सदस्यों के साथ घर वापसी की है। भूरिया परिवार ने पहले दिन घर में माताजी की प्रतिमा की स्थापना करते हुए हवन-पूजन किया। उन्होंने कहा कि अब मन प्रफुल्लित है और अच्छा लग रहा है। काफी समय पहले बहकावे में आकर राम नाम व माताजी की आराधना से दूर हो गए थे। अब घर में वापस देवी-देवताओं का वास हो चुका है। रुद्राक्ष की माला भी उन्होंने गले में धारण कर ली है ।
यहां से घर वापसी हुई
गांव परिवार
नरवालिया 01
अंतरवेलिया 01
धामनी छोटी 01
फूलधावड़ी 01
फुटिया 01
नवागांव 02
कल्याणपुरा क्षेत्र 16
रामा क्षेत्र 15
कुल, 38
यह है कारण मतांतरण के
– बीमारी के उपचार का लालच
– प्रलोभन अनेक तरह के
– सेवकों को सुविधाएं बढ़ाना
– प्रभाव में बनाए रखना
– कानून की कमजोरियों का लाभ
यह होते हैं बदलाव
-ग्रामीण की पूजा-पद्धति ही बदल जाती है
-राम-राम कहना छोड़ देते हैं
-सावन माता व बाबा देव के प्रति आस्था नहीं रहती
-सारे सनातन पर्वों से दूरी बना लेते हैं
ऐसे बदल रहा मंजर
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत प्रवर्तन प्रमुख राजू निनामा का कहना है कि जिला,प्रखंड, खंड आदि टोलियां बनी हुई हैं। कार्यकर्ता गांव में प्रवास करते हुए समय-समय पर जानकारी लेते रहते हैं। मतांतरित हो चुके ग्रामीणों के बारे में पता चल जाता है। तेजी से पिछले कुछ सालों में चर्च की संख्या 150 तक जा पहुंची है। आजाद प्रेम सिंह के विभाग प्रमुख बनने के बाद मतांतरण मुहिम ने गति पकड़ी है । 35 के खिलाफ मतांतरण करने के मामले में मुकदमे दर्ज हो चुके हैं । इससे माहौल बदला है । ग्रामीणों को यह समझाया जाता है कि वे संस्कृति की रक्षा करें व पूर्वजों के बताए तौर-तरीकों को अपनाएं। सनातन धर्म को छोड़कर कहीं नहीं जाएं। तमाम प्रयासों के कारण मैदानी सफलता मिलने लगी है, मगर अभी भी काफी कार्य बाकी है।
Posted By: Nai Dunia News Network
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