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हादसे की जांच झूल रही… झूले फिर से चलवा दिए
गाजियाबाद। घंटाघर रामलीला मैदान में झूला टूटने से हुए हादसे की जांच तीन दिन से अफसरों के बीच झूल रही है। लेकिन, हादसे के बाद बंद कराए गए झूले फिर से चलवा दिए हैं। इतना ही नहीं, जैसे हादसे से पहले बगैर किसी जांच के झूले चलाए जा रहे थे, वैसी ही लापरवाही अब भी बरती जा रही है। हादसे के बाद आई लोक निर्माण विभाग के मेकेनिकल विंग के इंजीनियरों की टीम सिर्फ उस झूले को देखकर गई जिसकी सीट टूटने से हादसा हुआ था।
30 सितंबर की रात हुए हादसे के बाद लोक निर्माण विभाग सहित उन सभी विभागों के अधिकारी हरकत में आ गए थे, जिनके अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के बाद मनोरंजन कर विभाग ने झूलों को अनुमति दी। जिला प्रशासन से रामलीला मंचन को अनुमति मिली है, लिहाजा एडीएम सिटी, सिटी मजिस्ट्रेेट और पुलिस के अधिकारियों ने अधिकारियों को भेजकर दुर्घटनाग्रस्त हुए झूले की जांच कराई। झूले को फिटनेस रिपोर्ट देने वाले पीडब्ल्यूडी की मैकेनिकल शाखा के अवर अभियंता, सहायक अभियंता ने रामलीला मैदान में पहुंचकर झूले की जांच की। उन्होंने दो दिन में रिपोर्ट अधिकारियों को देने का दावा किया लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी न तो जांच रिपोर्ट आई और न ही किसी की जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई हुई।
पीड़ित की एफआईआर को ही पर्याप्त मान लिया अफसरों ने
इस हादसे में घायल हुई महिला निशा के पति अवनीश की ओर से झूला संचालक और झूला मालिक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। अब अधिकारियों ने इस एफआईआर को ही पर्याप्त मान लिया है। फिटनेस रिपोर्ट देने वाले अधिकारियों ने न तो झूला संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई और न ही झूले को बंद कराया। रामलीला मंचन कराने वाली समिति के पदाधिकारियों को जिला प्रशासन की ओर से नोटिस तक नहीं भेजा गया।
पीडब्ल्यूडी की मैकेनिकल शाखा के इंजीनियरों की ओर से झूले की तकनीकी जांच की गई है। इसके लिए वही अधिकृत भी हैं। अभी जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। – यादवेंद्र अजय, मनोरंजन कर अधिकारी
प्रकरण में एफआईआर दर्ज करा दी गई है। पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने सभी झूलों की जांच कर ली है। जांच रिपोर्ट मनोरंजन कर विभाग के अधिकारियों के पास पहुंचेगी। इसके बाद उन्हीं के स्तर से कार्रवाई अपेक्षित है। – बिपिन कुमार, एडीएम सिटी
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हादसे की जांच झूल रही… झूले फिर से चलवा दिए
गाजियाबाद। घंटाघर रामलीला मैदान में झूला टूटने से हुए हादसे की जांच तीन दिन से अफसरों के बीच झूल रही है। लेकिन, हादसे के बाद बंद कराए गए झूले फिर से चलवा दिए हैं। इतना ही नहीं, जैसे हादसे से पहले बगैर किसी जांच के झूले चलाए जा रहे थे, वैसी ही लापरवाही अब भी बरती जा रही है। हादसे के बाद आई लोक निर्माण विभाग के मेकेनिकल विंग के इंजीनियरों की टीम सिर्फ उस झूले को देखकर गई जिसकी सीट टूटने से हादसा हुआ था।
30 सितंबर की रात हुए हादसे के बाद लोक निर्माण विभाग सहित उन सभी विभागों के अधिकारी हरकत में आ गए थे, जिनके अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के बाद मनोरंजन कर विभाग ने झूलों को अनुमति दी। जिला प्रशासन से रामलीला मंचन को अनुमति मिली है, लिहाजा एडीएम सिटी, सिटी मजिस्ट्रेेट और पुलिस के अधिकारियों ने अधिकारियों को भेजकर दुर्घटनाग्रस्त हुए झूले की जांच कराई। झूले को फिटनेस रिपोर्ट देने वाले पीडब्ल्यूडी की मैकेनिकल शाखा के अवर अभियंता, सहायक अभियंता ने रामलीला मैदान में पहुंचकर झूले की जांच की। उन्होंने दो दिन में रिपोर्ट अधिकारियों को देने का दावा किया लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी न तो जांच रिपोर्ट आई और न ही किसी की जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई हुई।
पीड़ित की एफआईआर को ही पर्याप्त मान लिया अफसरों ने
इस हादसे में घायल हुई महिला निशा के पति अवनीश की ओर से झूला संचालक और झूला मालिक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। अब अधिकारियों ने इस एफआईआर को ही पर्याप्त मान लिया है। फिटनेस रिपोर्ट देने वाले अधिकारियों ने न तो झूला संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई और न ही झूले को बंद कराया। रामलीला मंचन कराने वाली समिति के पदाधिकारियों को जिला प्रशासन की ओर से नोटिस तक नहीं भेजा गया।
पीडब्ल्यूडी की मैकेनिकल शाखा के इंजीनियरों की ओर से झूले की तकनीकी जांच की गई है। इसके लिए वही अधिकृत भी हैं। अभी जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। – यादवेंद्र अजय, मनोरंजन कर अधिकारी
प्रकरण में एफआईआर दर्ज करा दी गई है। पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने सभी झूलों की जांच कर ली है। जांच रिपोर्ट मनोरंजन कर विभाग के अधिकारियों के पास पहुंचेगी। इसके बाद उन्हीं के स्तर से कार्रवाई अपेक्षित है। – बिपिन कुमार, एडीएम सिटी
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