हाइलाइट्स
मनुष्य के कर्म पाप व पुण्य दो प्रकार के होते हैं.
इनमें पाप कर्म जान-बूझकर तो अनजाने में भी होते रहते हैं.
पुराणों में अनजाने में होने वाले पापों को पञ्चसूना पाप कहा गया है.
हिंदू धर्म में मनुष्य के कर्मों को पुण्य व पाप दो भागों में बांटा गया है. पौराणिक मान्यता के अनुसार पुण्य करने वाला मनुष्य स्वर्ग व मोक्ष का भागी होता है, जबकि पाप करने वाले मनुष्य को नरक की यातनाएं भोगकर नीच योनि में जन्म लेना पड़ता है. ये पाप तन, मन व वचन से होते हैं, जो जान-बूझकर किए जाने के साथ अनजाने में भी होते रहते हैं. आज हम आपको ऐसे पांच पाप बताने जा रहे हैं, जो अनजाने में होते हैं. शास्त्रों में इन्हें पञ्चसूना पाप या दोष कहा गया है. भविष्य पुराण में इनसे बचने का उपाय भी बताया गया है.
क्या है पञ्चसूना पाप?
पंडित रामचंद्र जोशी के अनुसार, अनजाने में होने वाले पञ्चसूना दोष का उल्लेख भविष्य पुराण व मनुस्मृति सहित कई हिंदू धर्म ग्रंथों में है. ये दोष पांच जगहों व समय पर होते हैं. इनमें भोजन पकाते समय आग में कीट-पतंगों का जलना अनजाने में होने वाला पहला पाप है. चक्की में आटा आदि पीसते समय जीवों का पिसना दूसरा तथा मसाला आदि कूटने या सिलवट पर पीसते समय जीवों के दबने-पिसने से होने वाली हिंसा तीसरा दोष है. इसी तरह पानी के स्थान में पानी में गिरने व बहने से जीव हत्या चौथा तथा झाड़ू लगाते या चलते-फिरते समय जीवों की हत्या पांचवा दोष है. ये पांचों दोष अनजाने में होने की वजह से पञ्चसूना कहलाते हैं. इस संबंध में मनुस्मृति में लिखा है:
‘पञ्चसूना गृहस्थस्य चुल्ली पेषण्युपस्कर: .
कण्डनी चोदकुम्भश्च बध्यते यास्तु वाहयन् ..’
(चुल्ली पेषणी उपस्कर: कण्डनी च उदकुम्भ: च गृहस्थस्य पञ्च सूना: या: तु वाहयन् बध्यते .)
यानी चूल्हा, चक्की, झाड़ू-पोंछे के साधन, सिलवट व पानी का घड़ा गृहस्थ के लिए पाप का कारण है.
यूं दूर होता है पञ्चसूना दोष
भविष्य पुराण के अनुसार, पञ्चसूना पाप के निवारण के लिए पंच महायज्ञों का वर्णण किया गया है. इसमें देव, ब्रह्म, भूत, पितृ और मनुष्य यज्ञ के अलावा सूर्य, गुरु, अग्नि व अतिथि का पूजन-सत्कार तथा दान कार्य करने का विधान है. पुराणों के अनुसार, इनसे पंचकुला के अलावा खेती, व्यापार और क्रोध तथा झूठ से होने वाले पापों से भी मुक्ति मिलती है.
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Tags: Dharma Aastha, Dharma Culture, Hinduism
FIRST PUBLISHED : November 24, 2022, 02:25 IST
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