नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (International Monetary Fund- IMF) ने दुनिया के सभी देशों को आगाह किया है कि भविष्य में बढ़ते हुए आउटफ्लो और अस्थिरता के कारण अपने विदेशी मुद्रा भंडार को संभल कर रखें। आइएमएफ ने ये चेतावनी ऐसे समय पर दी है, जब डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये समेत दुनिया की करीब सभी बड़ी मुद्राएं तेज गिरावट हो रही हैं।
आइएमएफ की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ और चीफ इकोनॉमिस्ट पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि ऐसे नाजुक माहौल में लचीलापन बढ़ाना समझदारी है। हालांकि विकासशील देशों ने हाल के वर्षों में विदेशी मुद्रा भंडार में काफी इजाफा किया है, जो पूर्व में आए वित्तीय संकटों से मिले सबक को दिखाता है।
विदेशी मुद्रा भंडार सभी देशों के पास सीमित है, ऐसे में इसका सावधानी पूर्वक उपयोग किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि भविष्य में बढ़ते आउटफ्लो और अस्थिरता को संभालने के लिए सभी देशों को अपने विदेशी मुद्रा भंडार को संरक्षित करके रखना चाहिए।
22 सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंचा डॉलर
डॉलर की मजबूती बताने वाला डॉलर इंडेक्स 22 साल के उच्चतम स्तर 113.30 के स्तर पर चल रहा है। इस साल की शुरुआत से डॉलर के मुकाबले दुनिया की बड़ी मुद्राओं जैसे येन 22 प्रतिशत, यूरो 13 प्रतिशत और कई विकाशील देशों की मुद्राओं के दाम 6 प्रतिशत कम हो गए हैं।
मजबूत डॉलर से दुनिया में बढ़ रही महंगाई
गोपीनाथ और गौरींचस के मुताबिक, दुनिया में काफी सारे देश अपने यहां महंगाई को कम करने के लिए कई कड़े कदम उठा रहे हैं। वहीं, डॉलर के मुकाबले किसी मुद्रा में 10 प्रतिशत की गिरावट से उस देश में महंगाई दर में 1 प्रतिशत का इजाफा होता है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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Edited By: Abhinav Shalya
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