Publish Date: | Tue, 08 Nov 2022 02:15 PM (IST)
Indore Jitendra Yadav Column: जितेंद्र यादव, इंदौर, नईदुनिया। बिजलपुर में निर्माणाधीन खेल विभाग का संकुल राजनीति ही नहीं, अधिकारियों की लापरवाही का भी शिकार होकर रह गया है। न जाने किस मुहूर्त में संकुल की योजना बनी कि शुरुआत से ही रोड़े आते गए। भाजपा की पिछली सरकार में योजना बनी थी। फिर जमीन की तलाश में मामला उलझा रहा। बाद में कमल नाथ सरकार आई और जीतू पटवारी खेल मंत्री बने तो उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में बिजलपुर में इसके लिए जमीन की जुगाड़ की। किसी तरह योजना बनी और निर्माण की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग (पीआइयू) को मिली, लेकिन तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने इसकी डिजाइन बदलवा दी। अब लंबे समय से निर्माणाधीन संकुल के अटपटे निर्माण को लेकर मौजूदा खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया आग-बबूला हैं। इंदौर दौरे पर आईं तो अफसरों को खूब सुनाकर गई हैं। बोलीं- यह डिजाइन किसी सरकारी भवन, स्कूल या कालेज का लग रहा है, खेल संकुल कहीं से नहीं लग रहा है।
सहकारिता: कहीं जुगाड़ की, कहीं बिगाड़ की
सहकारिता अधिकारियों के हाल में हुए तबादलों में ऐसा ही मिला-जुला दृश्य है। जिस अधिकारी की मंत्री या प्रमुख सचिव स्तर पर जुगाड़ हुई उनको मनचाहा जिला मिल गया और जिसकी बिगाड़ हो गई वे रह गए। अब देखिए न, उपायुक्त मनोज गुप्ता शाजापुर से उज्जैन आ गए, उपायुक्त महेंद्र दीक्षित देवास से धार और यहां से पीएन गोडारिया देवास पहुंच गए। सहायक आयुक्त वर्षा श्रीवास इंदौर से नहीं जाना चाहती थीं, जबकि कुछ अधिकारी उनको हटाना चाहते थे। श्रीवास झाबुआ गईं तो अनायास फायदे में रहीं। झाबुआ उपायुक्त अंबरीष वैद्य का खरगोन तबादला होने से वे झाबुआ और आलीराजपुर दोनों जिलों की प्रभारी उपायुक्त भी हैं। सहायक आयुक्त दीपाली खंडेलवाल ने भी इंदौर से लगे-लगाए देवास को संभाल लिया है। फिलहाल नुकसान में बड़वानी के सहायक आयुक्त सुरेश सांवले हैं। भोपाल स्तर पर जुगाड़ के बाद भी बिगाड़ हो गई और उनका इंदौर आना फिलहाल लटका हुआ है।
मैं देर करता नहीं, देर हो जाती है
वकालत में रहते समय प्रबंधन करके चलने वाले पुष्यमित्र भार्गव महापौर बनने के बाद से समय प्रबंधन में गड़बड़ा रहे हैं। उनकी व्यस्तता उन्हें कई कार्यक्रमों में अक्सर लेट करवा रही है। इसे लेकर चर्चाएं होने लगी हैं कि पुष्यमित्र समय प्रबंधन का पाठ भूल गए या हर कार्यक्रम में पहुंचने की हामी भर लेने से वे दुविधा में पड़ते जा रहे हैं। हाल ही में मंडलेश्वर में आयोजित अधिवक्ताओं के बड़े कार्यक्रम में भी वे नहीं पहुंच पाए। अधिवक्ता होकर वहां न पहुंचना वरिष्ठ अधिवक्ताओं को नागवार गुजरा। इंदौर में नरसिंह वाटिका में सफाई कर्मचारियों के कार्यक्रम में भी वे समय पर नहीं पहुंच पाए। लगता है सबको खुश करने के चक्कर में महापौर अधिक कार्यक्रम ले रहे हैं, लेकिन वादा पूरा न होने पर लोगों की नाराजगी भी है। अब या तो उन्हें अपनी घड़ी और दुरुस्त करने की जरूरत है या मना करना सीखना पड़ेगा।
चंद्रग्रहण ने बदलवा दिया कमल नाथ का कार्यक्रम
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ मंगलवार को खजराना गणेश मंदिर में भगवान गणेश को 5100 लड्डुओं का भोग लगाने आ रहे हैं। पर चंद्रग्रहण ने उनका कार्यक्रम बदलवा दिया। दरअसल, पहले वे सुबह 10 बजे मंदिर पहुंचने वाले थे, लेकिन चंद्रग्रहण के कारण मंदिर बंद रहेगा। ग्रहण का सूतक खत्म होने के बाद मंदिर शाम 6.39 बजे के बाद ही खुल पाएगा। ऐसे में कमल नाथ को भी अपना कार्यक्रम बदलना पड़ा है। अब वे सुबह के बजाय शाम को मंदिर पहुंचकर भगवान को लड्डू चढ़ाएंगे। वे शायद उम्मीद कर रहे होंगे कि बुद्धि के दाता भगवान गणेश को खुश करके वे कांग्रेस की सत्ता पर लगा ग्रहण दूर कराने में सफल होंगे।
Posted By: Sameer Deshpande
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