नई दिल्ली, बबली कुमारी। जेल शब्द सुनते ही किसी के भी जहन में लोहे की सलाखें, अंधेरे कोठरियां और कैद का खयाल आता है। कैद और जेल का इतिहास उतना ही पुराना है जितना कि मानव सभ्यता। सामाजिक नियमों के विपरीत कार्य करने वालों को रखने के लिए जेल और कैद जैसी व्यवस्था बनाई गई होगी। कालांतर में इसको कानों और व्यवस्था से जोड़ा गया। अपराधियों को समाज से अलग रखकर सुधारने का मौका देने या किए गए अपराध की सजा देने के लिए जेल अथवा करेक्शन सेंटर भेजा जाता है।
दुनिया में सैकड़ों ऐसी जेलें हैं जिनको सबसे ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। बेहद खूंखार अपराधियों को ऐसी जेलों में रखा जाता है। लेकिन कुछ अपराधी ऐसे हुए हैं, जिनको जेल भी काबू में नहीं रख पाई हैं। ऐसे क्रिमिनल्स ने जेल से भागकर सुरक्षा व्यवस्था को कई बार धता बताया है। आज हम आपको ऐसे ही दुनिया के चर्चित वाकये बता रहे हैं, जहां जेल में सेंध लगाई गई।
1. जॉन डिलिन्जर को अपने जीवन में दो बार मजबूत सुरक्षा वाली जेलों से भागने के बाद जनता का दुश्मन नंबर 1 करार दिया गया था।
जॉन हर्बर्ट डिलिन्जर जूनियर एक अमेरिकी बैंक लुटेरा था जो अपने जीवन में दो बार जेल से भागा था। दो बैंकों को लूटने के बाद, उसे 1933 में लीमा में कैद कर लिया गया। वहां उसने कुछ शातिर अपराधियों से दोस्ती की जो रिहा होने के बाद फिर उसी जेल में जेल अधिकारियों के भेष में लौटे और डिलिन्जर को जेल से रिहा करा लिया। एक साल बाद उसे फिर पकड़ लिया गया और उसे क्राउन पॉइंट जेल भेज दिया गया, जो इस बात के लिए प्रसिद्ध थी कि वहां से कोई भाग नहीं सकता है। वहां भी डिलिन्जर ने गजब खेल खेला और लकड़ी के एक टुकड़े को बंदूक बताकर उसके दम पर 17 आदमियों को बंधक बना लिया और फिर से फरार हो गया।
2. फ्रैंक ली मॉरिस, जॉन एंगलिन और क्लेरेंस एंगलिन 1962 में रेनकोट से बनी एक नाव का उपयोग करके कुख्यात जेल अलकाट्राज से बच निकले।
इस जेल का नाम है अलकाट्राज जेल, जो कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को के तट से दूर अलकाट्राज द्वीप पर स्थित है। जून 1962 में, कैदी क्लेरेंस एंगलिन, जॉन एंगलिन और फ्रैंक मॉरिस सैन फ्रांसिस्को खाड़ी में अलकाट्राज द्वीप पर स्थित एक अधिकतम-सुरक्षा सुविधा से लैस अल्काट्राज फेडरल पेनिटेंशियरी से भाग निकले। तीनों ने एक चम्मच का उपयोग करके कंक्रीट की दीवार में एक सुरंग खोदकर ऐसा किया। उन्होंने जेल के नाई के यहां से कुछ बाल इकट्ठा किए और कागज़ से बनी डमी पर लगा कर जेल के अधिकारियों को भ्रम में रखा ताकि सुरंग बना सकें। चोरी किए गए 50 से अधिक रेनकोट से बनी नाव का इस्तेमाल कर वे फरार हो गए और फिर उनका कभी पता नहीं चला।
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जून 1962 में इस जेल से तीन कैदी फ्रैंक मॉरिस, जॉन एंगलिन और क्लेरेंस एंगलिन भागने में सफल रहे थे। कई सालों के बाद पुलिस को मिले एक पत्र में इस बात का दावा किया गया था। इसके बाद पुलिस ने उनकी खोजबीन भी की थी, लेकिन वो कभी मिल ही नहीं पाए, जिससे ये साबित हो पाए कि वो जेल से भागकर जिंदा हैं। हालांकि जॉन एंगलिन और क्लेरेंस एंगलिन नामक कैदी भाईयों के घरवालों ने भी इस बात का दावा किया था कि वो जिंदा हैं, लेकिन वो मिले ही नहीं।
बता दें कि यह जेल साल 1934 में खुली थी, लेकिन उच्च रखरखाव लागत की वजह से इसे 1963 में बंद कर दिया गया था। अब इस जेल का इस्तेमाल एक म्यूजियम के तौर पर किया जा रहा है, जिसे देखने के लिए हर साल लाखों की संख्या में लोग आते हैं। इस जेल को ‘द रॉक’ के नाम से भी जाना जाता है और इस पर आधारित एक सुपरहिट हॉलीवुड फिल्म भी इसी नाम से बनी है।
3. टेक्सस सेवन 13 दिसंबर, 2000 को जॉन बी. कोनली यूनिट से 16 लोगों को बंधक बनाकर फरार हो गया।
टेक्सस 7 कैदियों का एक समूह था, जो 13 दिसंबर, 2000 को केनेडी, टेक्सास के पास जॉन बी. कोनली यूनिट से भाग निकले थे। सात में से छह को एक महीने बाद, 21-23 जनवरी, 2001 के बीच गिरफ्तार किया गया था। इनकी गिरफ्तारी प्रसिद्ध टेलीविजन शो अमेरिकाज मोस्ट वांटेड में दिखाई गई सूचनाओं के आधार पर संभव हो पाई।
उनमें से एक ने गिरफ्तार होने से पहले ही आत्महत्या कर ली। छह जीवित सदस्यों को इरविंग, टेक्सस पुलिस अधिकारी ऑब्रे राइट हॉकिन्स की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया और मौत की सजा सुनाई गई, जिसे टेक्सस सेवन द्वारा की गई डकैती का जवाब देते समय गोली मार दी गई थी। छह में से चार को सजा सुनाई गई।
4. एक फ़्रांसीसी अपराधी पास्कल पायेट जेल से तीन बार भागने में सफल रहा, और हर बार हेलीकॉप्टर द्वारा।
2001 में, लूट और हत्या का दोषी पास्कल भाग निकला जब उसके एक दोस्त ने बाहर से एक हेलीकॉप्टर हाईजैक कर जेल की छत पर उतारा, जहां वह उसकी प्रतीक्षा कर रहा था।
2003 में पास्कल उसी जेल में फिर लौटा और तीन और कैदियों को भागने में मदद की। 2005 में, उसे फिर से पकड़ लिया गया और 30 साल की सजा सुनाई गई, लेकिन ठीक 2 साल बाद, उसके दोस्तों ने फिर उसी तरीके से वही कारनामा दोहरा उसे फरार करवा लिया।
5. मैक्सिकन ड्रग लॉर्ड एल चापो भी दो बार जेल से भागने में सफल रहा, और एक बार तो अपनी कुख्यात सुरंगों में से एक के माध्यम से…
एल चापो, जिसका असली नाम जोआकिन गज़मैन लोएरा था, उसने अपने गार्ड को रिश्वत दी और कपड़े धोने वाली गाड़ी में छिपकर जेल से भाग गया। 2014 में उसे फिर से पकड़ लिया गया था, लेकिन सिर्फ 17 महीने बाद, वह अधिकतम सुरक्षा वाली जेल के बाथरूम के नीचे बनी एक मील लंबी सुरंग से बच निकला। यह एक ऐसी सुरंग थी जिसमें रोशनी, वेंटिलेशन और मोटरसाइकिल ट्रैक का पर्याप्त इंतजाम किया गया था।
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Edited By: Babli Kumari
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