जमीनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद तकनीकी पहलुओं पर काम, रिपोर्ट बना रही केंद्रीय टीम
पवन कुमार शर्मा — धर्मशाला
कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की उम्मीद एक बार फिर जगी है। केंद्रीय टीम पिछले चार दिनों से कांगड़ा एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्र की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने में जुटी हुई है। इसके लिए जलशक्ति सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बारीकी से तकनीकी पहुलुओं को खंगाला जा रहा है। यह टीम अपनी मैथेमेटिकल स्टडी रिपोर्ट सौंपेगी और उसी आधार पर फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयारी होगी। यदि फिजिबिलिटी रिपोर्ट सही बनती है, तो विस्तारीकरण का काम शुरू होने में कोई अड़चन नहीं आएगी। कांगड़ा एयरपोर्ट का विस्तारीकरण सुरक्षा व पर्यटन विकास के लिए बहुत महत्त्वूपर्ण माना जाता है, लेकिन इसके विस्तारीकरण को लेकर हो रही देरी से कई तरह के नुकसाान उठाने पड़ रहे हैं। एयरपोर्ट की जद में आने वाले लोग न तो उस स्थान को छोड़ पाते हैं और न ही नए स्थान पर स्थापित हो पा रहे हैं, लेकिन अब मांझी खड्ड व आसपास के क्षेत्र से जुड़े विभिन्न पहलुओं का अध्ययन शुरू हो गया है।
तीन सदस्यीय केंद्रीय टीम जलशक्ति विभाग सहित बाढ़ नियंत्रण व अन्य सभी तरह के पहलुओं का अध्ययन कर रही है, ताकि खड्ड व आसपास के नालों के चैनेलाइजेशन सहित पेयजल योजनाओं के प्रभावित होने से लेकर प्रत्येक तकनीकी पहलुओं को जांचा जा सके। केंद्रीय टीम पिछले कुछ दिनों से डाटा कलेक्ट कर स्टडी पैट्रन को देख रही है। एयरपोर्ट के निकट से बनने वाले फोरलेन को भी शिफ्ट करने के लिए ऑप्शन दिए गए हैं। ऐसे में एयरपोर्ट का प्लान फाइनल होने के बाद ही फोरलेन का प्लान भी बनोई से मटौर तक फाइनल हो पाएगा। तब तक सडक़ का काम भी लटक जाएगा। केंद्रीय टीम के साथ जा रहे अधिकारियों का माने तो प्रारंभिक तौर पर रिसपांस पॉजिटिव ही आ रहा है। एयरपोर्ट विस्तारीकरण की उम्मीदें बढ़ गई हैं। टीम द्वारा दी जाने वाली फिजिबिलिटी रिपोर्ट ही विस्तारीकरण का भविष्य का तय करेगी। (एचडीएम)
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