Kedarnath Yatra: Women Group Earned 48 Lakhs From Local Products And 44 Lakhs Business From Prasad – Kedarnath Yatra: महिला समूह ने स्थानीय उत्पाद से कमाए 48 लाख, प्रसाद से हुआ 44 लाख का व्यवसाय
कोरोना काल के बाद शुरू हुई भगवान केदारनाथ धाम की यात्रा में विभिन्न माध्यमों के जरिए यात्रा से जुड़े लोगों के लिए एक सुखद एहसास लेकर आया। इस बार केदारनाथ यात्रा से जुड़ी विभिन्न महिला समूहों ने स्थानीय उत्पादों से करीब 48 लाख की कमाई की। केदारनाथ यात्रा में बीस महिला समूहों ने अपना योगदान दिया।
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यात्रा में करीब बीस महिलाओं ने विभिन्न हेलीपैड एवं मंदिर परिसर में तीर्थ यात्रियों को करीब 43 लाख का प्रसाद बेचा। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा चौलाई के लड्डू, हर्बल धूप, चूरमा, बेलपत्री, शहद, जूट एवं रेशम के बैग तैयार किए गए। गंगा जल के लिए पात्र एवं मंदिर की भस्म भी प्रसाद पैकेज का हिस्सा रहे हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के ब्लॉक समन्वयक सतीश सकलानी ने बताया कि देवीधार उन्नत्ति क्लस्टर ने यात्रा में ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से प्रसाद बेचकर करीब 42 लाख रुपये कमाए।
केदारनाथ प्रसाद उत्पादक फेडरेशन के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह सजवाण ने बताया कि उन्होंने करीब 50 क्विंटल चौलाई के लड्डू एवं चूरमा तैयार कर केदारनाथ में बेचा है जिसमें 60 महिलाओं को रोजगार दिया। उन्होंने बताया कि अगले वर्ष के लिए करीब 100 क्विंटल चौलाई की खरीद के लिए किसानों को उत्पादन करने को कहा गया है।
केदारनाथ यात्रा मार्ग के अगस्त्यमुनि में जिला प्रशासन ने एनआरएलएम के तहत गठित महिला समूहों की मदद से सरस रेस्तरा एवं विपणन केंद्र संचालित कर रही महादेव स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष पूनम देवी ने बताया कि पहली ही यात्रा में उन्होंने करीब चार लाख का व्यवसाय किया जबकि सरस विपणन केंद्र संचालित कर रही शिवानी ने बताया कि श्री केदारनाथ यात्रा के दौरान जिलेभर के किसानों से स्थानीय उत्पाद बेचकर करीब 80 हजार का कारोबार हुआ है।
गुप्तकाशी पहुंची बाबा केदार की डोली
भगवान केदारनाथ की चल उत्सव विग्रह डोली गुप्तकाशी पहुंची। केदारघाटी स्थित विभिन्न यात्रा पड़ावों पर स्थानीय लोगों ने पुष्प अक्षत व भोले के जयकारों के साथ डोली का भव्य स्वागत किया गया। केदारनाथ से लौटी बाबा केदारनाथ की चल उत्सव विग्रह डोली ने रामपुर में रात्रि विश्राम करने के बाद शुक्रवार सुबह मराठा रेजीमेंट की बैंड धुनों के साथ डोली ने अपने दूसरे पड़ाव गुप्तकाशी की ओर प्रस्थान किया।
शाम होते होते डोली ने गुप्तकाशी में प्रवेश कर काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंची। विश्वनाथ मंदिर की परिक्रमा के बाद मंदिर के पुजारी शशिधर लिंग ने डोली की आरती उतारी। वहीं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवकों ने खुमेरा व नारायणकोटी के मध्य स्थ्ति बगडवालधार में डोली का स्वागत किया।इस मौके पर डोली प्रभारी प्रदीप सेमवाल, मुख्य पुजारी गंगाधर लिंग, राजकुमार तिवारी, रमेश चंद्र जमलोकी, भरत कुर्माचंली समेत कई मौजूद थे।
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कोरोना काल के बाद शुरू हुई भगवान केदारनाथ धाम की यात्रा में विभिन्न माध्यमों के जरिए यात्रा से जुड़े लोगों के लिए एक सुखद एहसास लेकर आया। इस बार केदारनाथ यात्रा से जुड़ी विभिन्न महिला समूहों ने स्थानीय उत्पादों से करीब 48 लाख की कमाई की। केदारनाथ यात्रा में बीस महिला समूहों ने अपना योगदान दिया।
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यात्रा में करीब बीस महिलाओं ने विभिन्न हेलीपैड एवं मंदिर परिसर में तीर्थ यात्रियों को करीब 43 लाख का प्रसाद बेचा। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा चौलाई के लड्डू, हर्बल धूप, चूरमा, बेलपत्री, शहद, जूट एवं रेशम के बैग तैयार किए गए। गंगा जल के लिए पात्र एवं मंदिर की भस्म भी प्रसाद पैकेज का हिस्सा रहे हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के ब्लॉक समन्वयक सतीश सकलानी ने बताया कि देवीधार उन्नत्ति क्लस्टर ने यात्रा में ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से प्रसाद बेचकर करीब 42 लाख रुपये कमाए।
केदारनाथ प्रसाद उत्पादक फेडरेशन के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह सजवाण ने बताया कि उन्होंने करीब 50 क्विंटल चौलाई के लड्डू एवं चूरमा तैयार कर केदारनाथ में बेचा है जिसमें 60 महिलाओं को रोजगार दिया। उन्होंने बताया कि अगले वर्ष के लिए करीब 100 क्विंटल चौलाई की खरीद के लिए किसानों को उत्पादन करने को कहा गया है।
केदारनाथ यात्रा मार्ग के अगस्त्यमुनि में जिला प्रशासन ने एनआरएलएम के तहत गठित महिला समूहों की मदद से सरस रेस्तरा एवं विपणन केंद्र संचालित कर रही महादेव स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष पूनम देवी ने बताया कि पहली ही यात्रा में उन्होंने करीब चार लाख का व्यवसाय किया जबकि सरस विपणन केंद्र संचालित कर रही शिवानी ने बताया कि श्री केदारनाथ यात्रा के दौरान जिलेभर के किसानों से स्थानीय उत्पाद बेचकर करीब 80 हजार का कारोबार हुआ है।
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