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1. प्रकृति को भी प्रिय होते हैं फल
सद्गुरु जग्गी वासुदेव फल के महत्व को बताते हुए कहते हैं कि फल तो प्रकृति को भी आकर्षित करते हैं। प्रकृति भी उसे खाने की कोशिश करती है। तो भला हमारे लिए ये खराब कैसे साबित हो सकते हैं। इसे भली भांति समझने के लिए आप आम और सेब को ही देख लीजिए। आम का महत्वपूर्ण हिस्सा उसकी गुठली है। ऊपरी हिस्सा तो बस प्रकृति में मौजूद पशु पक्षियों को आकर्षित करने के लिए होता है। ताकि पक्षी या जानवर इसे खाएं और बीज कहीं दूर गिरा आएं।
2. दिखेंगे जवां और एनर्जेटिक
शरीर में पानी की प्रचुरता बहुत मायने रखती है। ये आपको हर उम्र में जवां और ऊर्जावान बनाए रख सकता है। आपकी जीवन शैली चाहे कुछ भी हो आप हर दो घंटे में फल खाकर अपने आप को फिट बनाए रख सकते हैं। ये पाचन क्रिया में भी मददगार साबित होते हैं।
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3. फल खाने का तरीका
अगर आप सिर्फ फल खा रहे हैं तो आपको कम से कम 3 बार फल खाना होगा। इसके अलावा दोपहर में फल खाते समय आप आराम से धीरे-धीरे खाएं ताकि आप ज्यादा फल खा सकें। क्योंकि थोड़ा सा खाने से पेट तो भर जाएगा लेकिन तुरंत भूख भी लग जाएगी। इसलिए खाने में कोई जल्दबाजी न करें। आप 24 घंटे में अगर 6 या 8 घंटे की नींद लेते हैं तो बाकी के 16 या 18 घंटे में तीन बार फल खाना होगा। हो सकता है कि 2 घंटे बाद आपको पेट खाली महसूस हो लेकिन वीकनेस फील नहीं होगी आप बिलकुल तंदुरुस्त महसूस करेंगे। फल खाने से मानसिक और शारीरिक दोनों स्थिति ठीक रहेंगी।
4. किस किस्म के फलों का करें चयन?
फलों के कई किस्म होते हैं। ऐसे में अगर आप सिर्फ फल पर रह रहे हैं तो आपको फलों के किस्म पर भी जोर देना होगा। खाने में मौसमी फल का इस्तेमाल करना ज्यादा उचित होगा। इसके अलावा आसपास के फल का सेवन करना पर्यावरण के हिसाब से अच्छा रहेगा। ऐसे में जूस वाले और आसानी से पचने वाले फल खाना बेहतर विकल्प होता है। ये फल सबसे तेज पचते हैं और सिस्टम पर बोझिल भी नहीं होते। फल खाने से आप फ्रेश और तनाव मुक्त महसूस करेंगे।
5. डाइट में 30 प्रतिशत करें फल शामिल
मनुष्य को अपने आहार में 30 प्रतिशत तक फल शामिल करना फायदेमंद होता है। साथ ही आपकी दिमागी शक्ति भी तरोताजा रहती है। स्वस्थ जीवनशैली के लिए शरीर में पानी की मात्रा कम से कम 300 लीटर होना जरूरी होता है। वहीं मीट-मांस खाने वाले व्यक्ति के शरीर में लगभग 1500 लीटर पानी की जरूरत होती है। ऐसे में फल का सेवन करना बेहद जरूरी समझा जाता है।
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