अधूरा पड़ा गांव चांग के जोहड़ के जीर्णोद्वार का कार्य। संवाद
– फोटो : Bhiwani
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भिवानी। जिले के 50 गांवों में जल्द ही लाइब्रेरी और 20 गांवों में जिमखाना खुलने जाएगा। पिछले दो साल से सरकार की इन घोषणाओं पर ब्रेक लगा था। पंचायती राज तकनीकी विभाग की विंग ने इन गांवों में कार्यों के टेंडर भी लगा दिए हैं, जिन पर जल्द ही वर्कऑर्डर जारी होगा। गांवों में लाइब्रेरी पर करीब साढ़े सात करोड़ और जिमखाना पर करीब एक करोड़ रुपये का बजट खर्च होगा। इतना ही नहीं पंचायती चुनावों के कारण लगाई गई आचार संहिता हटने के बाद जिले के करीब 80 गांवों में लंबे अर्से से रुके पड़े विकास कार्य भी फिर से रफ्तार पकड़ेंगे।
पंचायती राज तकनीकी विभाग ने जिले के गांवों में ऐसे जर्जरहाल भवनों का चयन किया है, जिनका फिलहाल गांव में किसी सार्वजनिक कार्य के लिए कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा है। इन भवनों का विभाग ने पहले सर्वेक्षण कराया और फिर इनके जीर्णोद्धार के एस्टीमेट का खाका तैयार किया। बिना इस्तेमाल के इन भवनों का जीर्णोद्धार कराकर विभाग इनके अंदर आधुनिक लाइब्रेरी और जिमखाना खोलेगा। इसके अंदर सरकार द्वारा ढांचागत सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। भिवानी जिले में प्रारंभिक चरण में जिले के 50 गांवों में आधुनिक लाइब्रेरी तैयार की जाएंगी। जिन पर करीब साढ़े सात करोड़ रुपये का बजट खर्च आएगा। जबकि जिले के 20 गांवों के पुराने बिना इस्तेमाल भवनों का जीर्णोद्धार कराकर इनके अंदर जिमखाने खोले जाएंगे। जिस पर करीब एक करोड़ रुपयों का बजट खर्च होगा। एक गांव में लाइब्रेरी के भवन जीर्णोद्धार के काम पर करीब 15 से 20 लाख रुपये का बजट खर्च आएगा। जबकि एक गांव में जिमखाना खोलने के लिए पुराने भवन को संवारने में करीब पांच लाख रुपये का बजट खर्च होगा।
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रुके कार्यों को पूरा कराने में अब नहीं कोई अड़चन
जिले के करीब 80 गांव ऐसे हैं, जिनके अंदर पिछली योजना से काफी काम अधूरे पड़े हैं। करीब दो साल से ये काम अधर में ही लटके हैं। जिन्हें अब पूरा कराने में कोई अड़चन नहीं आएगी। इन अधूरे विकास कार्यों को पूरा कराने के लिए ग्राम पंचायत सरकार से अतिरिक्त बजट की डिमांड भी कर सकेगी। ज्यादातर गांवों में जोहड़ों के सुंदरीकरण, गलियों के निर्माण, सामुदायिक केंद्रों के काम अधर में लटके हैं।
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दो लाख की पावर, अब 20 लाख होने की उम्मीद
गांवों में सरपंच द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में विकास कार्यों पर करीब दो लाख रुपये तक का बजट मनमर्जी से खर्च किए जाने की पावर है, लेकिन अब इसे 20 लाख तक बढ़ाए जाने की कवायद चल रही है। ज्यादा बजट सरपंच के हाथ में होगा तो विकास कार्यों को कराना आसान होगा। हालांकि ज्यादा बजट आने से भ्रष्टाचार का घुन भी सरकारी योजनाओं में लग जाता हैं, मगर इसे किस तरह रोका जाएगा। शायद इसका इलाज भी तलाशा जा रहा है, क्योंकि अब सभी कार्य ऑनलाइन हैं।
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गांवों में नई पंचायतें दिसंबर में विधिवत रूप से काम कराना शुरू कर देंगी। लेकिन इससे पहले विभाग ने जिले के 50 गांवों में आधुनिक लाइब्रेरी बनाने और 20 गांवों में जिमखाना खोलने के कार्यों के टेंडर करा दिए हैं। जिन पर अब जल्द ही वर्कऑर्डर जारी किए जाएंगे। ये गांव के पुराने भवनों में खुलेंगे, जिनका विभाग जीर्णोद्धार कराएगा। लाइब्रेरी के अंदर कंप्यूटर व अन्य संसाधन सरकार द्वारा अलग से मुहैया कराए जाएंगे। इसी तरह जिमखाना में भी भवन का जीर्णोद्धार का काम होगा, इसमें भी जिम का सामान व अन्य सुविधाएं सरकार अलग से बजट खर्च उपलब्ध कराएगी।
-प्रवीण बजाज, एसडीओ, पंचायती राज तकनीकी विभाग भिवानी।
भिवानी। जिले के 50 गांवों में जल्द ही लाइब्रेरी और 20 गांवों में जिमखाना खुलने जाएगा। पिछले दो साल से सरकार की इन घोषणाओं पर ब्रेक लगा था। पंचायती राज तकनीकी विभाग की विंग ने इन गांवों में कार्यों के टेंडर भी लगा दिए हैं, जिन पर जल्द ही वर्कऑर्डर जारी होगा। गांवों में लाइब्रेरी पर करीब साढ़े सात करोड़ और जिमखाना पर करीब एक करोड़ रुपये का बजट खर्च होगा। इतना ही नहीं पंचायती चुनावों के कारण लगाई गई आचार संहिता हटने के बाद जिले के करीब 80 गांवों में लंबे अर्से से रुके पड़े विकास कार्य भी फिर से रफ्तार पकड़ेंगे।
पंचायती राज तकनीकी विभाग ने जिले के गांवों में ऐसे जर्जरहाल भवनों का चयन किया है, जिनका फिलहाल गांव में किसी सार्वजनिक कार्य के लिए कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा है। इन भवनों का विभाग ने पहले सर्वेक्षण कराया और फिर इनके जीर्णोद्धार के एस्टीमेट का खाका तैयार किया। बिना इस्तेमाल के इन भवनों का जीर्णोद्धार कराकर विभाग इनके अंदर आधुनिक लाइब्रेरी और जिमखाना खोलेगा। इसके अंदर सरकार द्वारा ढांचागत सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। भिवानी जिले में प्रारंभिक चरण में जिले के 50 गांवों में आधुनिक लाइब्रेरी तैयार की जाएंगी। जिन पर करीब साढ़े सात करोड़ रुपये का बजट खर्च आएगा। जबकि जिले के 20 गांवों के पुराने बिना इस्तेमाल भवनों का जीर्णोद्धार कराकर इनके अंदर जिमखाने खोले जाएंगे। जिस पर करीब एक करोड़ रुपयों का बजट खर्च होगा। एक गांव में लाइब्रेरी के भवन जीर्णोद्धार के काम पर करीब 15 से 20 लाख रुपये का बजट खर्च आएगा। जबकि एक गांव में जिमखाना खोलने के लिए पुराने भवन को संवारने में करीब पांच लाख रुपये का बजट खर्च होगा।
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रुके कार्यों को पूरा कराने में अब नहीं कोई अड़चन
जिले के करीब 80 गांव ऐसे हैं, जिनके अंदर पिछली योजना से काफी काम अधूरे पड़े हैं। करीब दो साल से ये काम अधर में ही लटके हैं। जिन्हें अब पूरा कराने में कोई अड़चन नहीं आएगी। इन अधूरे विकास कार्यों को पूरा कराने के लिए ग्राम पंचायत सरकार से अतिरिक्त बजट की डिमांड भी कर सकेगी। ज्यादातर गांवों में जोहड़ों के सुंदरीकरण, गलियों के निर्माण, सामुदायिक केंद्रों के काम अधर में लटके हैं।
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दो लाख की पावर, अब 20 लाख होने की उम्मीद
गांवों में सरपंच द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में विकास कार्यों पर करीब दो लाख रुपये तक का बजट मनमर्जी से खर्च किए जाने की पावर है, लेकिन अब इसे 20 लाख तक बढ़ाए जाने की कवायद चल रही है। ज्यादा बजट सरपंच के हाथ में होगा तो विकास कार्यों को कराना आसान होगा। हालांकि ज्यादा बजट आने से भ्रष्टाचार का घुन भी सरकारी योजनाओं में लग जाता हैं, मगर इसे किस तरह रोका जाएगा। शायद इसका इलाज भी तलाशा जा रहा है, क्योंकि अब सभी कार्य ऑनलाइन हैं।
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गांवों में नई पंचायतें दिसंबर में विधिवत रूप से काम कराना शुरू कर देंगी। लेकिन इससे पहले विभाग ने जिले के 50 गांवों में आधुनिक लाइब्रेरी बनाने और 20 गांवों में जिमखाना खोलने के कार्यों के टेंडर करा दिए हैं। जिन पर अब जल्द ही वर्कऑर्डर जारी किए जाएंगे। ये गांव के पुराने भवनों में खुलेंगे, जिनका विभाग जीर्णोद्धार कराएगा। लाइब्रेरी के अंदर कंप्यूटर व अन्य संसाधन सरकार द्वारा अलग से मुहैया कराए जाएंगे। इसी तरह जिमखाना में भी भवन का जीर्णोद्धार का काम होगा, इसमें भी जिम का सामान व अन्य सुविधाएं सरकार अलग से बजट खर्च उपलब्ध कराएगी।
-प्रवीण बजाज, एसडीओ, पंचायती राज तकनीकी विभाग भिवानी।
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