लखनऊ, जागरण संवाददाता। भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव, जीवनशैली में बदलाव, खानपान की गलत आदत, प्रदूषण व अन्य कारण लोगों को बीमार बना रहे हैं। शुगर व हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां हार्ट, किडनी के साथ आंखों पर भी असर डाल रही हैं। बचाव के लिए संतुलित आहार, व्यायाम व स्वस्थ जीवनशैली की जरूरत है।
यह सलाह किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के नेत्र रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. अरुण कुमार शर्मा ने दी। वह दैनिक जागरण के ‘हेलो डाक्टर’ कार्यक्रम में पाठकों के सवालों का जवाब देने के लिए उपस्थित हुए। उन्होंने आंखों की विभिन्न बीमारियों व उनके उपचार के बारे भी जानकारी दी।
मेरी आंखों में साल में तीन-चार बार लालिमा व धुंधलापन की समस्या रहती है। दवा से कुछ समय फायदा रहता है।- शफीफुल हसन, सीतापुर।
यह युवाइटिस बीमारी के लक्षण हैं। इसमें आंखों के बीच वाली परत (यूविया) में सूजन व लालिमा आ जाती है। दर्द व धुंधलापन हो जाता है। नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
छह माह से आंखों में पानी आने की समस्या है। शुगर की बीमारी से भी ग्रस्त हूं, जिसकी दवा लेता हूं।- शंभूसिंह, लखनऊ।
सर्वप्रथम शुगर की जांच कराएं। शुगर नियंत्रित हो तो नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर आंसू नली की जांच कराएं, उसमें रुकावट हो सकती है।
मुझे आंखों में ग्लूकोमा की बीमारी है। दवा चल रही है। कुछ समय से जलन व खुजली रहने लगी है।- रमेश कुमार रावत, आशियाना।
शुगर से संबंधित समस्या भी हो सकती हैं। कई बार ग्लूकोमा की कुछ दवा नियमित लेने से भी खुजली-जलन होने लगती है। विशेषज्ञ से सलाह लें। दवा बदलने की जरूरत पड़ सकती है।
तीन माह पूर्व मोतियाबिंद का आपरेशन कराया था। कुछ समय से धुंधला दिखाई देने लगा है। डाक्टर ने आंखों की नस सूखने की आशंका जताई है।- रेखा श्रीवास्तव, राजाजीपुरम।
ये ग्लूकोमा के लक्षण हैं। नेत्र रोग विशेषज्ञ से दोबारा जांच कराएं या फिर केजीएमयू में आकर मिलें।
आंखों में दर्द से परेशान रहती हूं। कई बार दवा लेनी पड़ती है।- कुसुम मिश्रा, बहराइच।
ज्यादा दर्द निवारक लेने से कोई लाभ नहीं। सबसे पहले तो आंखों की जांच कराएं, कहीं चश्मे का नंबर तो नहीं आ गया। आंखें ठीक हों तो किसी न्यूरो के डाक्टर को दिखाएं।
सुबह के समय आंखों के आसपास सूजन रहती है। मुझे नेत्र संबंधी समस्या तो नहीं है।- सुनीता सिंह, जानकीपुरम।
सुबह जागने के बाद ही सूजन महसूस होती है तो यह सामान्य है। कोई अन्य समस्या हो तो फिजीशियन या हृदय रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर सकती हैं। अपना वजन कुछ कम करें। हरी सब्जी, मौसमी फलों का सेवन करें।
मुझे केजीएमयू में कार्निया ट्रांसप्लांट कराना है। क्या करना होगा।- पीएस शुक्ला, बहराइच।
किसी मृतक व्यक्ति के कार्निया दान में मिलने पर ही ट्रांसप्लांट किया जाता है। आप संबंधित विभाग में पंजीकरण करा दें। वेटिंग लिस्ट के आधार पर आपका कार्निया ट्रांसप्लांट किया जाएगा।
मेरी 73 वर्षीय मां की एक आंख में पानी, जलन व खुजली की समस्या है। एंटीबायोटिक ड्राप से लाभ मिल जाता है। स्थाई उपचार बताएं।- नीरज, रायबरेली।
स्टेरायड ड्राप से आंखों को नुकसान हो सकता है। नेत्र रोग विशेषज्ञ से आंखों की जांच कराएं।
एक आंख में कुछ समय से सफेदी आ गई है। आंख की रोशनी पर भी असर पड़ रहा है।- अरुण कुमार दुबे, ट्रांसपोर्ट नगर।
आंख में माड़ा (कार्निया ओपासिटी) बन गया है। इसमें आपरेशन करके पुतली बदली जाती है। केजीएमयू में इसके बहुत आपरेशन होते हैं, आकर संपर्क करें।
मार्निंग वाक के दौरान आंखों में पानी आता है। यदि यह कोई बीमारी है तो उपचार क्या है।- बीएन मिश्रा, रुदौली।
ठंड, हवा व कोहरे में आंख से पानी आना सामान्य है। यदि अन्य समय भी यह समस्या बनी रहती है तो आंखों के पर्दे की जांच कराएं।
इन्होंने भी लिया परामर्शः लखीमपुर खीरी से सचिन कुमार, औरंगाबाद से विजय कुमार शर्मा, एलडीए कालोनी से आरके उपाध्याय, पुराना हैदरगंड से बिट्टो अवस्थी, ऐशबाग से बजरंगी लाल गुप्ता, जानकीपुरम से रामनायक, जेपी सिंह, ग्वाल मंडी सीतापुर से अशोक गुप्ता, अयोध्या से विनोद कुमार गौर, रायबरेली से रमाशंकर, आशियाना से पुनीता तिवारी, सीतापुर से सर्वेश तिवारी व संतोष पांडेय, सुल्तानपुर से अनूप कुमार, मनकापुर गोंडा से रमेश सिंह, रायबरेली से रामेश्वरी सिंह, सुल्तानपुर से बच्चू लाल, लखीमपुर खीरी से राधेश्याम, हजरतगंज से लेखराज सिंह, विकास नगर से अनीता उपाध्याय आदि।
Edited By: Vikas Mishra
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