Mahakal Mahalok : धीरज गोमे, उज्जैन। महीनेभर पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्धारा देश को समर्पित ‘ श्री महाकाल महालोक” में बनीं 87 दुकानें 10 साल के लिए लीज पर दी जाएंगी। नीलामी पोर्टल के माध्यम से होगी। नीलामी कब, कौन करेगा यह अभी स्पष्ट नहीं हैं, मगर अफसरों 15 करोड़ रुपये से ज्यादा राजस्व मिलने की उम्मीद जताई है।
मालूम हो कि 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री ने उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी द्धारा तैयार ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के नवविस्तारित क्षेत्र श्री महाकाल महालोक का लोकार्पण किया था। व्यापार-व्यवसाय से जुड़े लोगों को उम्मीद थी कि लोकार्पण से पहले या लोकार्पण के तुरंत बाद श्री महाकाल लोक परिसर में बनीं 87 दुकानों का आवंटन हो जाएगा, मगर अब तक ऐसा नहीं हुआ। शनिवार को तय कर लिया गया कि दुकाने 10 साल के लिए लीज पर दी जाएंगी। आवंटन की कार्रवाई पोर्टल के जरिये होगी। फ्री होल्ड कर दुकान आवंटित करने का प्रस्ताव निरस्त कर दिया।
यह सामग्री बेच सकेंगे
नगर निगम आयुक्त एवं स्मार्ट सिटी कंपनी के कार्यकारी निदेशक रोशनकुमार सिंह ने बताया कि दुकानें हार-फूल, प्रसाद, पूजन, क्राफ्ट एवं खाद्य सामग्री बेचने को लीज पर 10 साल के लिए दी जाएंगी। नीलामी पोर्टल के माध्यम से होगी। 100 वर्ग फीट की एक दुकान का न्यूनतम प्रस्थापक मूल्य यानी बेस प्राइज 13 लाख 60 हजार रुपये है।
जो व्यक्ति नीलामी में जितनी अधिक राशि पगड़ी स्वरुप देने को राजी होगा, उसे ही दुकान मासिक किराये पर सशर्त आवंटित की जाएगी। भूतल पर 49 दुकानें हैं, जिनमें दो का आकार बड़ा है। प्रथम मंजिल पर 20 दुकानें हैं, जिनमें तीन का आकार बड़ा है। बड़े साइज की दुकानों में रेस्त्रा खोला जा सकेगा। बाक्स दुकान पाने को शहर का हर व्यवसायी इच्छुक श्री महाकाल महालोक में दुकान पाने को शहर का हर व्यवसायी इच्छुक है। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि दुकान पाने को नीलामी में बड़ी संख्या में व्यवसायी शामिल हो सकते हैं। दुकानों पर राजनीति से जुड़े कई लोगों की भी नजर है।
20 लोगों को बगैर निविदा में शामिल किए दुकान आवंटित की जाएगी
महाकालेश्वर मंदिर के पीछे के जिन 20 व्यापारियों की दुकानों को निगम ने पिछले वर्ष हटाया था, उन्हें नियमों का पालन करते हुए बगैर निविदा में शामिल किए पुन: नई दुकानों में विस्थापित किया जाएगा। उनसे अंतर राशि की ली जा सकती है। बाक्स फ्री होल्ड कर बेचने से होती करोड़ों की आय नगर निगम ने दुकानें फ्री होल्ड कर बेचने का प्रस्ताव बनाया था। प्रस्ताव में लिखा था कि फ्री होल्ड कर दुकान बेचने से निगम को अधिक आय होगी। साथ ही समय पर किराया न मिलने, दुकान खाली कराने में आने वाली व्यवहारिक अड़चनों से भी मुक्ति मिलेगी।
जिस भवन में हैं दुकानें, बाहर से है खूबसूरत
जिस भवन में दुकानें बनीं हैं, वे बाहर से बेहद खुदसूरत है। दीवारों पर सुंदर नक्काशी है। सामने रूद्रसागर, हरे-भरे पौधे और भगवान शिव की स्थापित मूर्तियों का सुंदर नजारा है। परिसर पूरी तरह सुरक्षित है। प्रशासन ने यहां हर साल तीन करोड़ लोगों के आने का अनुमान जताया है।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay
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