बाल स्कूल मंडी में विश्व दृष्टि दिवस पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में विजेता प्रतिभागी को पुरस्कृ
– फोटो : Mandi
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मंडी। विश्व दृष्टि दिवस के अवसर पर क्षेत्रीय अस्पताल मंडी की ओर से विजय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बाल मंडी में जिला स्तरीय जागरुकता शिविर आयोजित किया गया। इसकी अध्यक्षता जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश ठाकुर ने की।
इस दौरान भाषण प्रतियोगिता हुई। इसमें आयान प्रथम, गौरव द्वितीय और सार्थक तृतीय रहे। विजेताओं को स्वास्थ्य विभाग की ओर से सम्मानित किया गया। डॉ. ठाकुर ने कहा कि आंख हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण नाजुक अंग है। इसके बिना हमारा जीवन अधूरा है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मोबाइल, टीवी और लैपटॉप के लगातार प्रयोग और अधिक समय स्क्रीन पर बिताने से छोटी सी उम्र में मोटे चश्मे लग रहे हैं।
विश्वभर में सभी आयु वर्ग के लगभग एक अरब लोगों की नजदीक की नजर या दूर की नजर कमजोर है। अकेले भारत में 20 प्रतिशत से अधिक लोग नेत्रहीन हैं तथा चार करोड़ लोग दृष्टि दोष के शिकार हैं। इसमें 16 लाख बच्चे शामिल हैं।
आंखों को समय पर उचित देखभाल एवं उपचार से ठीक किया जा सकता है। खराब खान पान, खराब जीवन शैली की वजह से भी आंखों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। मोबाइल या लैपटॉप पर काम करते समय हमें 20 मिनट के बाद अपनी आंखों को 20 सेकंड का आराम देना चाहिए। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. भूप सिंह ने कहा कि आंखों को स्वस्थ रखने के लिए हमें अपने खान-पान में एंटीऑक्सिडेंट जैसे वीटामिन सी, ए, ल्यूटिन, जियाजेथिन-ई और जिंक शामिल करने चाहिए।
पालक, ब्रॉकली, टमाटर और भीगे हुए अनाजों, मूंगफली, बादाम और फलों और सब्जियों का प्रयोग करना चाहिए। यह सब आंखों की सेहत के लिए लाभकारी रहते हैं। बाल स्कूल के प्रधानाचार्य जयश्री कपूर ने भी विद्यार्थियों को आंखों की उचित देख भाल और इसके रोगों से बचने के बारे में जागरूक किया।
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सुबह शाम धोएं आंखें
सूर्य की तेज रोशनी, मौसम बदलने पर आंखों में खुजली, लालीमा, जख्म, सूजन एवं मवाद आने तथा दृष्टि विकार होने पर तुरंत अस्पताल में डॉक्टर से जांच करवाएं। अपनी मर्जी से आंखों में कुछ भी न डालें। जो लोग बीपी, शुगर के मरीज हैं वे नियमित रूप से आंखों की जांच करवाते रहें। कार्यक्रम अधिकारी सोहन लाल ने कहा कि आंखों की सेहत के लिए अच्छी नींद लेना, सुबह सायं आंखों को साफ पानी से धोना चाहिए।
मंडी। विश्व दृष्टि दिवस के अवसर पर क्षेत्रीय अस्पताल मंडी की ओर से विजय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बाल मंडी में जिला स्तरीय जागरुकता शिविर आयोजित किया गया। इसकी अध्यक्षता जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश ठाकुर ने की।
इस दौरान भाषण प्रतियोगिता हुई। इसमें आयान प्रथम, गौरव द्वितीय और सार्थक तृतीय रहे। विजेताओं को स्वास्थ्य विभाग की ओर से सम्मानित किया गया। डॉ. ठाकुर ने कहा कि आंख हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण नाजुक अंग है। इसके बिना हमारा जीवन अधूरा है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मोबाइल, टीवी और लैपटॉप के लगातार प्रयोग और अधिक समय स्क्रीन पर बिताने से छोटी सी उम्र में मोटे चश्मे लग रहे हैं।
विश्वभर में सभी आयु वर्ग के लगभग एक अरब लोगों की नजदीक की नजर या दूर की नजर कमजोर है। अकेले भारत में 20 प्रतिशत से अधिक लोग नेत्रहीन हैं तथा चार करोड़ लोग दृष्टि दोष के शिकार हैं। इसमें 16 लाख बच्चे शामिल हैं।
आंखों को समय पर उचित देखभाल एवं उपचार से ठीक किया जा सकता है। खराब खान पान, खराब जीवन शैली की वजह से भी आंखों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। मोबाइल या लैपटॉप पर काम करते समय हमें 20 मिनट के बाद अपनी आंखों को 20 सेकंड का आराम देना चाहिए। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. भूप सिंह ने कहा कि आंखों को स्वस्थ रखने के लिए हमें अपने खान-पान में एंटीऑक्सिडेंट जैसे वीटामिन सी, ए, ल्यूटिन, जियाजेथिन-ई और जिंक शामिल करने चाहिए।
पालक, ब्रॉकली, टमाटर और भीगे हुए अनाजों, मूंगफली, बादाम और फलों और सब्जियों का प्रयोग करना चाहिए। यह सब आंखों की सेहत के लिए लाभकारी रहते हैं। बाल स्कूल के प्रधानाचार्य जयश्री कपूर ने भी विद्यार्थियों को आंखों की उचित देख भाल और इसके रोगों से बचने के बारे में जागरूक किया।
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सुबह शाम धोएं आंखें
सूर्य की तेज रोशनी, मौसम बदलने पर आंखों में खुजली, लालीमा, जख्म, सूजन एवं मवाद आने तथा दृष्टि विकार होने पर तुरंत अस्पताल में डॉक्टर से जांच करवाएं। अपनी मर्जी से आंखों में कुछ भी न डालें। जो लोग बीपी, शुगर के मरीज हैं वे नियमित रूप से आंखों की जांच करवाते रहें। कार्यक्रम अधिकारी सोहन लाल ने कहा कि आंखों की सेहत के लिए अच्छी नींद लेना, सुबह सायं आंखों को साफ पानी से धोना चाहिए।
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