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औरैया। नगर पंचायत बिधूना में विकास कार्य के नाम पर अधिकारियों व ठेकेदार ने मिलकर लाखों का खेल किया। अधिकारियों ने लाभ पहुंचाने के लिए करीब साढ़े नौ लाख रुपये का मनमाने ढंग से भुगतान कर दिया।
बिधूना निवासी विपिन कुमार ने इस मामले की आईजीआरएस पोर्टल व जिलाधिकारी से शिकायत तो जांच शुरू हुई। मामले को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी प्रकाश चंद्र श्रीवास्तव ने लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता डीपी सिंह व अवर अभियंता आकिल कुरैशी व तहसील अधिकारियों से जांच कराई।
जांच टीम ने तत्कालीन अवर अभियंता, अधिशासी अधिकारी को जिम्मेदार ठहराते हुए ठेकेदारों को गलत तरह से लाभ पहुंचाने की रिपोर्ट कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को दी है। अब दोषियों पर बड़ी कार्रवाई के संकेत मिल रहे हैं।
लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता अभिषेक यादव ने कहा कि विभाग द्वारा बिधूना नगर पंचायत के कार्यों की जांच की गई है। निर्माण कार्य में अनियमितता मिली है, गलत तरह से तकनीकी रिपोर्ट तैयार कर भुगतान किए गए है, इसकी रिपोर्ट कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को भेजी गई है।
केस-1
मोहल्ला सूरजपुर में बनाई गई सड़क में मानक से अधिक लंबाई, चौड़ाई दिखा कर भुगतान किए जाने का आरोप लगा। जांच अधिकारियों ने सात बिंदुओं पर जांच की तो पाया कि तत्कालीन अवर अभियंता नगर पंचायत ने सड़क निर्माण व मिट्टी भराई आदि के लिए 14,13,558 रुपये की तकनीकी स्वीकृति दी और अंतिम भुगतान 14,98,052 रुपये कर दिया। जबकि जांच में वास्तविक कार्य की अनुमानित लागत 6,20,036 रुपये पाई गई और 8,78,016.30 रुपये अतिरिक्त भुगतान कर ठेकेदार अनुराधा पालीवाल को लाभ पहुंचाने की बात कही गई है। जांच अधिकारियों ने इसे शासकीय धन का दुरुपयोग किया जाना बताया है।
केस-2
सूरजपुर में इंटरलॉकिंग कार्य के बाद मिट्टी डलवाने के नाम पर ठेकेदार बदन सिंह को फर्जी तरह से अधिशासी अधिकारी द्वारा भुगतान किए जाने का आरोप लगा। इस मामले में जांच की गई तो पाया गया कि मैसर्स बदन सिंह ट्रेडर्स कांट्रैक्टर्स एंड सप्लायर्स ने निर्माण स्थल पर मिट्टी भराई का कोई काम नहीं किया। जबकि ठेकेदार को 203 रुपये प्रति घन मीटर की दर से 418.40 घन मीटर मिट्टी का 84935.20 रुपये का भुगतान किया गया। भुगतान बाउचर पर हस्ताक्षर भी नहीं मिले हैं।
केस-3
नाली निर्माण में बिना सरिया डाले ही 22 क्विंटल सरिया का भुगतान करने व बाद में बनी नाली के ऊपर मसाला डाल कर सरिया डालने की शिकायत हुई। इस पर जांच की गई तो सूरजपुर मोहल्ले में अरविंद कुमार के मकान से विजय शंकर गुप्ता के मकान तक इंटरलॉकिंग व यूड्रेन निर्माण व सुधार कार्य चलता मिला। जांच अधिकारियों को ठेकेदार ने बताया कि नगर पंचायत अधिकारी के कहने पर कार्य कराया जा रहा है। निर्माण स्थल पर चल रहे कार्य का जांच अधिकारियों ने मूल्यांकन किया तो वास्तविक लागत 8,532 रुपये आंकी गई, जबकि ठेकेदार को उक्त कार्य के लिए 31,928 रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया जाना पाया गया। जांच अधिकारियों ने इसे भी शासकीय धन का दुरुपयोग किया जाना बताया है।
औरैया। नगर पंचायत बिधूना में विकास कार्य के नाम पर अधिकारियों व ठेकेदार ने मिलकर लाखों का खेल किया। अधिकारियों ने लाभ पहुंचाने के लिए करीब साढ़े नौ लाख रुपये का मनमाने ढंग से भुगतान कर दिया।
बिधूना निवासी विपिन कुमार ने इस मामले की आईजीआरएस पोर्टल व जिलाधिकारी से शिकायत तो जांच शुरू हुई। मामले को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी प्रकाश चंद्र श्रीवास्तव ने लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता डीपी सिंह व अवर अभियंता आकिल कुरैशी व तहसील अधिकारियों से जांच कराई।
जांच टीम ने तत्कालीन अवर अभियंता, अधिशासी अधिकारी को जिम्मेदार ठहराते हुए ठेकेदारों को गलत तरह से लाभ पहुंचाने की रिपोर्ट कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को दी है। अब दोषियों पर बड़ी कार्रवाई के संकेत मिल रहे हैं।
लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता अभिषेक यादव ने कहा कि विभाग द्वारा बिधूना नगर पंचायत के कार्यों की जांच की गई है। निर्माण कार्य में अनियमितता मिली है, गलत तरह से तकनीकी रिपोर्ट तैयार कर भुगतान किए गए है, इसकी रिपोर्ट कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को भेजी गई है।
केस-1
मोहल्ला सूरजपुर में बनाई गई सड़क में मानक से अधिक लंबाई, चौड़ाई दिखा कर भुगतान किए जाने का आरोप लगा। जांच अधिकारियों ने सात बिंदुओं पर जांच की तो पाया कि तत्कालीन अवर अभियंता नगर पंचायत ने सड़क निर्माण व मिट्टी भराई आदि के लिए 14,13,558 रुपये की तकनीकी स्वीकृति दी और अंतिम भुगतान 14,98,052 रुपये कर दिया। जबकि जांच में वास्तविक कार्य की अनुमानित लागत 6,20,036 रुपये पाई गई और 8,78,016.30 रुपये अतिरिक्त भुगतान कर ठेकेदार अनुराधा पालीवाल को लाभ पहुंचाने की बात कही गई है। जांच अधिकारियों ने इसे शासकीय धन का दुरुपयोग किया जाना बताया है।
केस-2
सूरजपुर में इंटरलॉकिंग कार्य के बाद मिट्टी डलवाने के नाम पर ठेकेदार बदन सिंह को फर्जी तरह से अधिशासी अधिकारी द्वारा भुगतान किए जाने का आरोप लगा। इस मामले में जांच की गई तो पाया गया कि मैसर्स बदन सिंह ट्रेडर्स कांट्रैक्टर्स एंड सप्लायर्स ने निर्माण स्थल पर मिट्टी भराई का कोई काम नहीं किया। जबकि ठेकेदार को 203 रुपये प्रति घन मीटर की दर से 418.40 घन मीटर मिट्टी का 84935.20 रुपये का भुगतान किया गया। भुगतान बाउचर पर हस्ताक्षर भी नहीं मिले हैं।
केस-3
नाली निर्माण में बिना सरिया डाले ही 22 क्विंटल सरिया का भुगतान करने व बाद में बनी नाली के ऊपर मसाला डाल कर सरिया डालने की शिकायत हुई। इस पर जांच की गई तो सूरजपुर मोहल्ले में अरविंद कुमार के मकान से विजय शंकर गुप्ता के मकान तक इंटरलॉकिंग व यूड्रेन निर्माण व सुधार कार्य चलता मिला। जांच अधिकारियों को ठेकेदार ने बताया कि नगर पंचायत अधिकारी के कहने पर कार्य कराया जा रहा है। निर्माण स्थल पर चल रहे कार्य का जांच अधिकारियों ने मूल्यांकन किया तो वास्तविक लागत 8,532 रुपये आंकी गई, जबकि ठेकेदार को उक्त कार्य के लिए 31,928 रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया जाना पाया गया। जांच अधिकारियों ने इसे भी शासकीय धन का दुरुपयोग किया जाना बताया है।
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