Bundi News: बूंदी शहर को छोटी काशी के नाम से जाना जाता है, यहां कुएं-बावड़ियां और ऐतिहासिक पौराणिक धरोहर को निहारने देसी विदेशी पर्यटक चले आते हैं, पिछले 2 सालों से कोरोना काल होने पर यहां सन्नाटा पसरा हुआ था. लेकिन इस वर्ष बूंदी उत्सव के बाद से अब पर्यटन व्यवसाय में बहार आने लगी है,
विदेशी पर्यटक शहर में पौराणिक धरोहर को देखने के बाद बाजारों में खरीदारी कर रहे हैं. जिससे पर्यटन व्यवसाह से जुड़े लोग अपने रोजगार को स्थिर करने में जुट गए हैं. व्यवसाय से जुड़े लोगों का मानना है कि ऐसे पर्यटकों का आना रहेगा, तो उन्हें 2 साल में जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई हो सकेगी.
बूंदी शहर में करीब 54 बावड़िया हैं, वह ऐतिहासिक मंदिरों के अलावा यहां की पौराणिक धरोहर में दीवारों पर भीति चित्र कला एवं संस्कृति बसी हुई है, इन सबको देखने देश के अलावा विदेश से भी लोग यहां आते हैं. सोशल साइट पर सर्च करने के बाद पर्यटक इस पौराणिक धरोहर को देखने के लिए खींचा चला आता है. यहां आज भी राजस्थान के उस वैभव की गाथाएं गलियों में गूंज रही है. झरोखे दार मकान निकासी वाली गलियां वह मकान का वैभव देखते ही बनता है.
पर्यटक गाइड जोगेंद्र सिंह बताते हैं कि इंटरनेट पर सर्च करने के बाद विदेशी पर्यटक बूंदी की ओर आ रहे हैं, पिछले 2 साल के बाद यहां चहल-पहल बढ़ी है. हाल ही में सरकार की ओर से टाइगर सेंचुरी घोषित करने के बाद लोग यहां आने को बेहद सुहावना बता रहे हैं, यहां पर्यटकों के लिए पौराणिक कला और संस्कृति देखने की जो उम्मीद होती है, उसे वह सपनों में साकार करने के बाद रूबरू हो रहे हैं.
Reporter- Sandeep Vyas
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