खज्जियार
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लेह-लद्दाख और कश्मीर में बढ़ी पर्यटकों की आमद से पर्यटन स्थल खज्जियार सूना पड़ गया है। यही कारण है कि नवंबर के अंतिम सप्ताह में 60 फीसदी पर्यटकों की आमद में गिरावट दर्ज की गई है। पर्यटकों की आमद कम होने से होटल कारोबारियों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं। होटल कारोबारियों का कहना है कि कोरोना के बाद कुछ अदद उनके कारोबार में बढ़ोतरी होने लगी थी लेकिन अब एकदम से पर्यटकों की संख्या में होने वाली कमी ने उनकी मुश्किलें को बढ़ा दिया है। कहा कि यदि यही हाल चलता रहा तो आने वाले दिनों में होटल में तैनात कर्मचारियों को उन्हें अपनी जेबों से वेतन अदा करना पड़ेगा। पहले ही वैश्विक महामारी कोरोना ने उनकी कमर तोड़ दी है।
अधिकतर सैलानी लेह-लद्दाख और कश्मीर का रुख कर रहे हैं। खज्जियार में पर्यटन कारोबार पटरी से उतर गया है। अब इक्का-दुक्का पर्यटक ही यहां पहुंच रहे हैं। हालांकि, व्यापारी वर्ग व्हाइट क्रिसमिस और नव वर्ष पर कारोबार बढ़ने की उम्मीद लिए बैठा है लेकिन पर्यटकों का यहां से विमुख होना चिंता बढ़ा रहा है। -हेमराज ठाकुर, होटल व्यवसायी। पर्यटन स्थल डलहौजी में 30 से 40 फीसदी तक पर्यटन कारोबारी हैं। वैश्विक महामारी के बाद पटरी पर लौट रही जिंदगी के बीच अब पर्यटकों की आमद कम होने से उनकी मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। यही हाल रहे तो आने वाले दिनों में होटल स्टाफ को अपनी जेबों से वेतन देना पड़ेगा। -नरेंद्र चौहान, होटल व्यवसायी।
वैश्विक महामारी कोरोना काल में पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से बंद ही रहा। कोविड के बाद मिली कुछ अदद रियायत से होटल कारोबारियों ने राहत महसूस की लेकिन अब लेह, लद्दाख, और कश्मीर में पर्यटकों की आमद का बढ़ना स्थानीय पर्यटन कारोबारियों को झटका लगा रहा है। -मनमोहन सिंह, प्रधान, होटल एसोसिएशन खज्जियार।
होटल कारोबारियों को उम्मीद है कि दिसंबर में एक बार फिर पर्यटन व्यवसाय रफ्तार पकड़ेगा। वर्तमान में इक्का-दुक्का पर्यटक ही पर्यटन स्थल डलहौजी में परिवार सहित पहुंच रहे हैं। पर्यटकों की आमद में कमी से होटल व्यवसायियों की चिंताएं बढ़ गई हैं।सुरजीत कुमार, होटल व्यवसायी।
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