Publish Date: | Sun, 30 Oct 2022 11:27 AM (IST)
Naidunia Gurukul : इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। नईदुनिया गुरुकुल में इस सप्ताह प्रकाशित कहानी पर स्कूलों की कक्षाओं में चर्चा हुई। इंदौर के प्रेस्टीज पब्लिक स्कूल और एना कान्वेंट स्कूल के विद्यार्थियों को शिक्षकों ने बताया कि आनलाइन खेल से न केवल समय की बर्बादी होती है, बल्कि इससे जीवन प्रभावित होता है और कई लोगों का पैसा भी चला जाता है। इस बार नईदुनिया गुरुकुल के तहत हर सप्ताह डिजिटल संस्कार पर आधारित कहानियां प्रकाशित की जा रही हैं। इसमें मोबाइल और इंटरनेट के ज्यादा उपयोग से होने वाले नुकसान और अन्य विषयों पर बच्चों को सीख देने की कोशिश की जा रही है। प्रकाशित कहानियां स्कूल के शिक्षक बच्चों को भी पढ़ा रहे हैं और स्कूलों में इसे लेकर कई गतिविधियां भी आयोजित की जा रही हैं।
सही-गलत बातों को अच्छी तरह समझ नहीं बाते बच्चे
प्रेस्टीज पब्लिक स्कूल के प्राचार्य प्रकाश चौधरी ने बच्चों से कहा कि हम जब छोटी उम्र में होते हैं, तो सही गलत बातों को अच्छे से समझ नहीं पाते हैं। कई बार जब परिवार के सदस्य या शिक्षक समझाते हैं, तो हमें लगता है कि यह हमारे काम की बात नहीं है, लेकिन जब हम बड़ी उम्र में आ जाते हैं और सही गलत की परिभाषा अच्छे से समझने लगते हैं, तो परिवार के सदस्यों और शिक्षकों की पुरानी बातें याद आती है और फिर हम कहते हैं कि काश पहले की बात मान लेते। आप इस समय जिस उम्र में है, उसमें ही अगर समझदारी से जीवन को व्यवस्थित तरीके से संचालित करने लग जाएंगे, तो बड़े होने के बाद आपको किसी भी तरह की परेशानी नहीं आएगी। प्राचार्य के साथ ही शिक्षकों ने भी गुरुकुल की कहानियां पढ़ने के लिए बच्चों को प्रेरित किया और आनलाइन गतिविधियों से होने वाले कई नुकसान बताए।
परिवार के सदस्यों से कुछ न छिपाएं बच्चे
वहीं एना कान्वेंट स्कूल की प्राचार्य स्वाति सिंह सोलंकी ने बच्चों से कहा कि हमें परिवार के सदस्यों और शिक्षकों से कुछ नहीं छिपाना चाहिए। कई बार हम इस डर के कारण बातें नहीं बता पाते कि परिवार के सदस्य या शिक्षक नाराज होकर हमें डांटेंगे, लेकिन हम दूसरे नजरिए को नहीं सोच पाते हैं। कई बार आनलाइन खेल की आदत में आकर बच्चे गलत कदम उठा लेते हैं। भारत में ही ऐसे कई मामले हो चुके हैं, जिसमें बाद में पता लगा कि बच्चे ने गलत क्यों उठाया था। इस तरह की नौबत न आए, इसलिए हमें पहले से सतर्क हो जाना चाहिए और किसी के भी कहने पर आनलाइन खेल की आदतों में नहीं आना है। मनोरंजन के कई और भी साधन मौजूद है, जिससे हमारा मानसिक और शारीरिक विकास किया जा सकता है। फ्री समय में कला और व्यायाम जैसी गतिविधियों से जुड़कर हम समय का बहुत अच्छा उपयोग कर सकते हैं। स्कूल के शिक्षकों ने भी बच्चों को संकल्प दिलाया कि वे किसी भी परेशानी के समय अपने शिक्षकों से बात नहीं छुपाएंगे और मोबाइल का उपयोग बहुत जरूरी होने पर ही करेंगे।
Posted By: Hemraj Yadav
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