New Twist In Case Of Jungle Dumri Number Two 26 Acres Of Gorakhpur Sadar Tehsil – Gorakhpur: पद्म भूषण केदारनाथ की जमीन को तहसील प्रशासन ने बताया लावारिस, ग्राम सभा में दर्ज की भूमि
सदर तहसील क्षेत्र के जंगल डुमरी नंबर दो की करीब 26 एकड़ जमीन के मामले में नया मोड़ आ गया है। जिस जमीन को तहसील प्रशासन ने लावारिस घोषित कर उसे ग्राम सभा के नाम दर्ज कर दिया, उसके एक मूल खातेदार केदानाथ मुखर्जी को पद्म भूषण सम्मान मिल चुका है। उन्हें यह सम्मान पांच अक्तूबर 1971 को पूर्व राष्ट्रपति वराहगिरि वेंकट गिरि ने उद्योग एवं व्यवसाय के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया था। सात साल पहले ही केदारनाथ का निधन हुआ लेकिन, उनके इकलौते वारिस आलोक कृष्ण मुखर्जी हैं।
यहीं नही, जमीन लावारिस घोषित करते हुए ग्राम सभा के नाम दर्ज करने को लेकर जो रिपोर्ट लगाई गई उसमें तहसील प्रशासन ने यह भी दावा किया है कि वारिसों की तलाश में लेखपालों की टीम कोलकाता भेजी गई थी। मगर उन्हें संबंधित पते पर कोई मिला नहीं। जबकि, आलोक कृष्ण मुखर्जी और उनका पूरा परिवार कोलकाता के बासुलेन रोड स्थित बाकुलिया हाउस नामक भवन में आज भी रह रहा है। इस इमारत के मुख्य द्वार पर आज भी केदारनाथ मुखर्जी का नाम दर्ज है।
सीएम से की गई थी 2018 में शिकायत सोशल मीडिया पर इस भवन की फोटो और वीडियो भी मौजूद है। इस पूरे मामले को लेकर वर्ष 2018 में राजस्व परिषद के उप भूमि व्यवस्था आयुक्त पद से सेवानिवृत्त हुए पीसीएस अधिकारी पुनीत शुक्ला ने मुख्यमंत्री से शिकायत भी की है। 22 सितंबर 2022 को भेजे अपने शिकायती पत्र में उन्होंने सदर तहसील प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए जांच कर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि तहसील प्रशासन ने राजस्व नियमों की अनदेखी कर ऐसे लोगों की जमीन ग्राम सभा के नाम दर्ज कर दी जिनके वारिस न केवल जीवित हैं बल्कि गोरखपुर तहसील पहुंचकर वरासत के लिए आवेदन भी किया था। अभिलेखों को ध्यान में रखकर पूर्व तहसीलदार ने वरासत भी कर दी थी लेकिन जिला प्रशासन ने फिर वरासत संबंधी आदेश को खारिज कर दिया।
विस्तार
सदर तहसील क्षेत्र के जंगल डुमरी नंबर दो की करीब 26 एकड़ जमीन के मामले में नया मोड़ आ गया है। जिस जमीन को तहसील प्रशासन ने लावारिस घोषित कर उसे ग्राम सभा के नाम दर्ज कर दिया, उसके एक मूल खातेदार केदानाथ मुखर्जी को पद्म भूषण सम्मान मिल चुका है। उन्हें यह सम्मान पांच अक्तूबर 1971 को पूर्व राष्ट्रपति वराहगिरि वेंकट गिरि ने उद्योग एवं व्यवसाय के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया था। सात साल पहले ही केदारनाथ का निधन हुआ लेकिन, उनके इकलौते वारिस आलोक कृष्ण मुखर्जी हैं।
इस बारे में चर्चा post