चीन और ताइवान
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ताइवान के राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने सोमवार को कहा कि संप्रभुता को लेकर उनका देश कोई समझौता नहीं करेगा। साई इंग-वेन ने ताइवान के राष्ट्रीय दिवस पर एक भाषण में यह टिप्पणी की, जिसे डबल टेन डे भी कहा जाता है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति इंग-वेन ने अपने राष्ट्रीय दिवस भाषण के दौरान कहा कि ताइवान के लोगों की सहमति इस बात पर है कि हमें हमारी संप्रभुता और हमारे स्वतंत्र और लोकतांत्रिक जीवन शैली की रक्षा करनी है। इस पर समझौता करने की कोई गुंजाइश नहीं है।
राष्ट्रपति ने कहा, युद्ध से नहीं निकलेगा हल
राष्ट्रपति ने कहा कि मैं बीजिंग के अधिकारियों से कह रही हूं कि युद्ध का सहारा लेना इस क्षेत्र में संबंधों का विकल्प नहीं होना चाहिए। साई वेन ने कहा कि केवल संप्रभुता, स्वतंत्रता और लोकतंत्र पर ताइवान के लोगों के आग्रह का सम्मान करके ही हम ताइवान जलडमरूमध्य में सकारात्मक बातचीत फिर से शुरू कर सकते हैं। अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की यात्रा के बाद बढ़े तनाव के बीच ताइवान की राष्ट्रपति ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का साफ मानना है कि ताइवान की सुरक्षा करना क्षेत्रीय स्थिरता और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के बराबर है। यदि ताइवान की लोकतांत्रिक स्वतंत्रता नष्ट हो जाती है, तो दुनिया भर के लोकतंत्रों के लिए यह एक बड़ा झटका होगा।
चीन की सैन्य गतिविधि भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए खतरा
इस कार्यक्रम में पलाऊ के राष्ट्रपति सहित अंतरराष्ट्रीय मेहमानों ने भाग लिया जो ताइवान के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध रखने वाले 14 देशों में से एक है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य एडी बर्निस जॉनसन, टेक्सास के एक डेमोक्रेट भी यहां उपस्थित थे। ताइवान की राष्ट्रपति ने रूस-यूक्रेन संघर्ष के मद्देनजर कहा कि रूस यूक्रेन के खिलाफ अपना युद्ध जारी रखे हुए है, जबकि दक्षिण चीन सागर, पूर्वी चीन सागर और ताइवान जलडमरूमध्य में चीन की सैन्य गतिविधि भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा कि ताइवान इस चुनौती को पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं कर सकता है कि ये सैन्य विस्तार स्वतंत्र और लोकतांत्रिक विश्व व्यवस्था के लिए खतरा है।
इससे पहले, ताइवान की राष्ट्रपति ने बीजिंग की धमकियों के बावजूद अधिनायकवाद के पुनरुत्थान का मुकाबला करने के लिए दुनिया के साथ जुड़ने के लिए संकल्प लिया था। ताइवान को चीन की सेना की ओर से बार-बार घुसपैठ का सामना करना पड़ रहा है, खासकर अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की यात्रा के बाद ऐसा हो रहा है। पेलोसी की यात्रा के बाद से चीन ने यहां मिसाइल परीक्षण किए, चीन के तट पर बड़े पैमाने पर सैन्य युद्धाभ्यास हुआ और चीन के युद्धक विमानों और ड्रोन ने ताइवान के कब्जे वाले द्वीपों पर खुलकर उड़ान भरी।
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