चोटीगुढ़ा की पदमा डीजे व्यवसाय से कमा रही सालाना 5 लाख रूपए
छत्तीसगढ़ शासन की योजना से तय हुआ गृहिणी से एक सफल व्यावसायी तक का सफर
रायपुर
Published: October 01, 2022 10:15:46 am
चोटीगुढ़ा की पदमा डीजे व्यवसाय से कमा रही सालाना 5 लाख रूपए
छत्तीसगढ़ शासन की योजना से तय हुआ गृहिणी से एक सफल व्यावसायी तक का सफर रायपुर. आज गांव की महिलाएं केवल परिवार एवं गृहस्थी तक ही सीमित नहीं है, वह भी अपने कार्यों से स्वयं की पहचान बनानी चाहती है, बस उन्हें तलाश है तो केवल एक अवसर की? और यही अवसर उन्हें छत्तीसगढ़ शासन की योजना दे रही है। जिससे वे आज सालाना लाखों रुपये की आय अर्जित कर सफल उद्यमी के रूप में पहचान बना रही है। कुछ ऐसी ही उदाहरण चोटीगुढ़ा श्रीमती पदमा राठिया के रूप में देखने को मिली। जिन्होंने शासन की योजना का लाभ लेकर खुद का डीजे एण्ड साउण्ड सर्विस का व्यवसाय प्रारंभ कर अपने एवं परिवार के लिए आर्थिक रूप से संबल बनी हुई है।
ग्राम चोटीगुढ़ा पोस्ट रायकेरा विकासखण्ड घरघोड़ा जिला रायगढ़ की एक गृहिणी महिला श्रीमती पदमा राठिया के शुरू से मन में इच्छा थी कि घर-गृहस्थी को संभालने के बाद गांव में ही व्यवसाय स्थापित कर स्वयं की पहचान के साथ परिवार का सहयोग कर सकूं। इस दौरान उन्हें जानकारी मिली की छत्तीसगढ़ खादी ग्रामोद्योग, जिला पंचायत रायगढ़ द्वारा केन्द्र शासन की पीएमईजीपी योजना के तहत रोजगार मुखी कार्यक्रम चलाया जा रहा हैं। वह इस योजना का लाभ लेकर वह स्वयं का व्यवसाय स्थापित करना चाहती थी। छत्तीसगढ़ खादी ग्रामोद्योग के संचालक द्वारा उचित मार्गदर्शन एवं सहयोग से श्रीमती पदमा राठिया ऑनलाईन डीजे एण्ड साउण्ड सर्विस व्यवसाय हेतु वर्ष 2019-20 में फार्म प्रस्तुत किया। सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया रायकेरा से उन्हें 5 लाख रुपये का प्रकरण स्वीकृत हुआ, जिसमें नियमानुसार 35 प्रतिशत के आधार पर 1 लाख 75 हजार रुपये अनुदान प्राप्त हुआ। श्रीमती पदमा राठिया आज डीजे एण्ड साउण्ड सर्विस व्यवसाय कुशलता से चला रही हैं जिससे उन्हें सालाना 5 लाख रुपये तक आय प्राप्त हो रही है। साथ ही उनके क्षेत्र में उन्हें एक नई पहचान मिल रही है। जहां एक ओर उनके इस व्यवसाय से प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से अन्य लोगों को भी रोजगार मिल रहा है, तो वहीं दूसरी ओर आस-पास के गांवों की अन्य महिलाएं भी स्वयं के व्यवसाय व अपनी अलग पहचान बनाने के लिए प्रोत्साहित हो रही हैं। श्रीमती पदमा राठिया कहती हैं कि इस व्यवसाय के संचालन से उनके आत्मसम्मान के साथ-साथ आत्मविश्वास में भी वृद्धि हुई है और वह अन्य महिलाओं को भी छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं की जानकारी देकर स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रही है।
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