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ललितपुर। ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को उभारने के लिए शासन द्वारा ग्रामीण इलाकों में खेल मैदान बनाने की योजना बनाई गई है। मुख्यमंत्री ने अपने सौ दिन की कार्ययोजना में इसे शामिल किया था। लेकिन जनपद स्तर पर अधिकारियों की लापरवाही के चलते इन खेल मैदानों की प्रगति काफी खराब है। जनपद में 18 में से सिर्फ तीन खेल मैदान पर काम चल रहा है। जबकि 13 खेल मैदानों के निर्माण का कार्य शुरू नहीं किया जा सका है। वहीं, दो खेल मैदानों के तो एस्टीमेट तक नहीं बने हैं।
सूबे के मुख्यमंत्री के तौर पर दूसरी बार शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री योगी ने जनपद स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक प्रत्येक विभाग को सौ दिन की कार्ययोजना तैयार कर उस पर प्रमुखता से काम करने का आदेश दिया था। विभागों ने कार्ययोजना तैयार की, लेकिन उन पर गंभीरता से काम नहीं हुआ। सौ दिन की समयसीमा गुजर जाने के बाद भी मनरेेगा के तहत निर्मित होने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के अपूर्ण खेल मैदान प्रशासनिक अफसरों की लापरवाही दिखा रहे हैं। जनपद के छह ब्लॉकों जखौरा, बार, तालबेहट, मड़ावरा, महरौनी, बिरधा में 18 खेल के मैदान का निर्माण का काम मनरेगा और युवा कल्याण विभाग के द्वारा कराया जाना है। जिसके तहत प्रत्येक ब्लॉक में तीन-तीन खेल मैदान बनाए जाने थे। वर्तमान में मड़ावरा व जखौरा ने अभी तक दो खेल मैदान के एस्टीमेट तैयार कर पाए है। विभागीय सूत्रों की माने तो इन दोनों ब्लॉक खेल मैदान के लिए जमीन चिह्नित नहीं कर पाए हैं। ब्लॉक तालबेहट के ग्राम म्यांव, पवा और ब्लॉक बिरधा के जाखलौन में बन रहे खेल मैदान को बनाए जाने का काम भी धीमी गति से चल रहा है। अन्य 13 खेल मैदानों की पत्रावली पूर्ण नहीं हुई है। जिस कारण इनका निर्माण कार्य भी नहीं हो सका है। हालांकि जिलाधिकारी आलोक सिंह समय-समय पर संबधित विभागीय अधिकारियों को खेल मैदान जल्द से जल्द पूर्ण करने का निर्देश देते है। बावजूद इसके अब तक एक भी खेल मैदान की प्रगति यहां तक नहीं पहुंच पाई है कि जिसे देखकर यह लगे कि यह जल्द ही पूर्ण हो जाएगा।
खेल मैदान में यह सुविधाएं होंगी
ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए जा रहे खेल मैदानों में रनिंग ट्रैक, वालीबाल, बास्केटबाल कोट, कबड्डी, खो-खो मैदान, क्रिकेट पिच, स्टेज, पवेलियन सहित अन्य सुविधाएं भी होंगी। इन खेल मैदानों के रखरखाव की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की होगी।
तीन खेल मैदान बनाए जाने का काम चल रहा है। 13 का स्टीमेट बनकर एक सप्ताह में इनका निर्माण कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। शेष दो खेल मैदान का अभी स्टीमेट तैयार नहीं हुआ है। खेल मैदान बनाए जाने को लेकर संबधित ब्लॉक के अधिकारियों को पत्राचार किया जा रहा है। इसके साथ डीएम व सीडीओ द्वारा भी आदेश जारी किए जा रहे है।
– रवींद्रवीर यादव, डीसी मनरेगा
ललितपुर। ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को उभारने के लिए शासन द्वारा ग्रामीण इलाकों में खेल मैदान बनाने की योजना बनाई गई है। मुख्यमंत्री ने अपने सौ दिन की कार्ययोजना में इसे शामिल किया था। लेकिन जनपद स्तर पर अधिकारियों की लापरवाही के चलते इन खेल मैदानों की प्रगति काफी खराब है। जनपद में 18 में से सिर्फ तीन खेल मैदान पर काम चल रहा है। जबकि 13 खेल मैदानों के निर्माण का कार्य शुरू नहीं किया जा सका है। वहीं, दो खेल मैदानों के तो एस्टीमेट तक नहीं बने हैं।
सूबे के मुख्यमंत्री के तौर पर दूसरी बार शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री योगी ने जनपद स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक प्रत्येक विभाग को सौ दिन की कार्ययोजना तैयार कर उस पर प्रमुखता से काम करने का आदेश दिया था। विभागों ने कार्ययोजना तैयार की, लेकिन उन पर गंभीरता से काम नहीं हुआ। सौ दिन की समयसीमा गुजर जाने के बाद भी मनरेेगा के तहत निर्मित होने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के अपूर्ण खेल मैदान प्रशासनिक अफसरों की लापरवाही दिखा रहे हैं। जनपद के छह ब्लॉकों जखौरा, बार, तालबेहट, मड़ावरा, महरौनी, बिरधा में 18 खेल के मैदान का निर्माण का काम मनरेगा और युवा कल्याण विभाग के द्वारा कराया जाना है। जिसके तहत प्रत्येक ब्लॉक में तीन-तीन खेल मैदान बनाए जाने थे। वर्तमान में मड़ावरा व जखौरा ने अभी तक दो खेल मैदान के एस्टीमेट तैयार कर पाए है। विभागीय सूत्रों की माने तो इन दोनों ब्लॉक खेल मैदान के लिए जमीन चिह्नित नहीं कर पाए हैं। ब्लॉक तालबेहट के ग्राम म्यांव, पवा और ब्लॉक बिरधा के जाखलौन में बन रहे खेल मैदान को बनाए जाने का काम भी धीमी गति से चल रहा है। अन्य 13 खेल मैदानों की पत्रावली पूर्ण नहीं हुई है। जिस कारण इनका निर्माण कार्य भी नहीं हो सका है। हालांकि जिलाधिकारी आलोक सिंह समय-समय पर संबधित विभागीय अधिकारियों को खेल मैदान जल्द से जल्द पूर्ण करने का निर्देश देते है। बावजूद इसके अब तक एक भी खेल मैदान की प्रगति यहां तक नहीं पहुंच पाई है कि जिसे देखकर यह लगे कि यह जल्द ही पूर्ण हो जाएगा।
खेल मैदान में यह सुविधाएं होंगी
ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए जा रहे खेल मैदानों में रनिंग ट्रैक, वालीबाल, बास्केटबाल कोट, कबड्डी, खो-खो मैदान, क्रिकेट पिच, स्टेज, पवेलियन सहित अन्य सुविधाएं भी होंगी। इन खेल मैदानों के रखरखाव की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की होगी।
तीन खेल मैदान बनाए जाने का काम चल रहा है। 13 का स्टीमेट बनकर एक सप्ताह में इनका निर्माण कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। शेष दो खेल मैदान का अभी स्टीमेट तैयार नहीं हुआ है। खेल मैदान बनाए जाने को लेकर संबधित ब्लॉक के अधिकारियों को पत्राचार किया जा रहा है। इसके साथ डीएम व सीडीओ द्वारा भी आदेश जारी किए जा रहे है।
– रवींद्रवीर यादव, डीसी मनरेगा
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