सांकेतिक तस्वीर…
ख़बर सुनें
विस्तार
उम्र के साथ हड्डियां कमजोर होना आम बात है, लेकिन जीवनशैली में आए बदलाव के बाद आजकल कम उम्र में ही हड्डियां कमजोर हो रही है। इसका कारण है बोन मास में कमी आना। इसकी वजह से व्यक्ति ऑस्टियोपोरोसिस का शिकार हो जाता है।
इस पूरी प्रक्रिया में हड्डियां बेहद कमजोर हो जाती हैं। इससे हल्के से झटके या खिंचाव से भी फ्रैक्चर की संभावना बढ़ जाती है। दिल्ली नगर निगम के आयुर्वेदिक पंचकर्मा अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरपी पाराशर का कहना है कि आमतौर पर हमारे शरीर में हड्डियों के बनने और टूटने की प्रक्रिया चलती रहती है। उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों का टूटना तो चलता रहता है, लेकिन बनने की प्रक्रिया रुक जाती है, जिससे हड्डियां नाजुक हो जाती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस होने की आशंका बढ़ जाती है।
यह हैं लक्षण
- पीठ, हाथों और पैरों में दर्द होना
- शरीर का झुका हुआ लगना
- बिना कारण के लगातार कमजोरी महसूस होना
- आसानी से थक जाना
यह हैं कारण
विशेषज्ञों के मुताबिक, विटामिन डी और कैल्शियम की कमी और आनुवंशिक प्रवृतियां इस बीमारी का बड़ा कारण हैं। यही नहीं सूर्य के प्रकाश का शरीर पर न पड़ना और प्रदूषण आदि ओस्टियोपोरोसिस के प्रमुख कारण हैं।
इनसे हो सकता है बचाव
दूध से बने हुए प्रोडक्ट्स को कैल्शियम का सबसे अच्छा सोर्स माना जाता है। कैल्शियम हड्डियों को मजबूत करने में अहम रोल निभाता है। इसलिए खाने में दूध, पनीर, दही, छाछ, आदि डेयरी उत्पाद अवश्य सम्मिलित करें।
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post