अमित शाह
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हिंदी को लेकर चल रहे विवादों के बीच, एक संसदीय समिति ने सिफारिश की है कि हिंदी भाषी राज्यों में तकनीकी और गैर-तकनीकी उच्च शिक्षा संस्थानों जैसे आईआईटी में हिंदी माध्यम में शिक्षा दी जानी चाहिए। इसके साथ ही देश के अन्य हिस्सों में वहां की स्थानीय भाषाएं उच्च शिक्षण संस्थानों में माध्यम होनी चाहिए। इसके अलावा इस समिति ने यह भी कहा है कि संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषाओं में भी हिंदी को शुमार किया जाना चाहिए।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली राजभाषा संसदीय समिति ने पिछले महीने अपनी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सामने अपनी 11वीं रिपोर्ट पेश की थी। अपनी रिपोर्ट में समिति ने सिफारिश की थी कि सभी राज्यों में स्थानीय भाषाओं को अंग्रेजी पर वरीयता दी जानी चाहिए।
इसके अलावा समिति ने सुझाव भी दिया था कि देश के सभी तकनीकी और गैर-तकनीकी संस्थानों में शिक्षा के माध्यम के रूप में हिंदी या स्थानीय भाषा का प्रयोग किया जाना चाहिए। समिति ने शिक्षा के माध्यम के लिए अंग्रेजी के प्रयोग को वैकल्पिक बनाने की अपील की थी।
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