केदार दत्त, देहरादून: PM Modi Uttarakhand Visit देश में धार्मिक व सांस्कृतिक पहचान के स्थलों के पुनर्निर्माण और आधुनिकता का समावेश करते हुए इनके प्राचीन वैभव की पुनस्र्थापना की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुहिम में देवभूमि उत्तराखंड भी शामिल है। आध्यात्मिक चेतना की इस भूमि में नमो के मार्गदर्शन में द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ आज एकदम नए कलेवर में निखर चुका है। अब देश के चारधामों में से एक बदरीनाथ के कायाकल्प पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
एक लाख करोड़ से अधिक की परियोजनाएं उदाहरण
गंगोत्री व यमुनोत्री धामों में ढांचागत विकास की आधारशिला गत वर्ष रखी जा चुकी है। समग्र आलोक में देखें तो प्रधानमंत्री का यह अनुराग केवल धार्मिक आस्था तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वह देवभूमि को सक्षम और संपन्न देखना चाहते हैं। उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद से अब तक उत्तराखंड को मिली एक लाख करोड़ से अधिक की महत्वपूर्ण परियोजनाएं इसका उदाहरण हैं। शुक्रवार को देश के अंतिम गांव माणा से उन्होंने साफ भी किया कि पहाड़ी प्रदेशों की तस्वीर संवारना उनकी शीर्ष प्राथमिकता में है।
केदारनाथ के नजदीक की थी साधना
प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराखंड से लगाव किसी से छिपा नहीं है। वर्ष 1985-86 में उन्होंने एक सामान्य साधक के रूप में केदारनाथ धाम से लगभग साढ़े तीन किमी दूर गरुड़चट्टी स्थित साधना स्थली में तप, साधना की थी। तब वह नियमित रूप से भगवान केदारनाथ के जलाभिषेक के लिए धाम में आते थे। इसके बाद भी उन्हें जब भी समय मिलता वह अपने आराध्य बाबा केदार के दर्शनों को चले आते। जून 2013 में आई आपदा में केदारपुरी के तबाह होने पर वह उत्तराखंड आए। तब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, लेकिन अपरिहार्य कारणों से वह केदारनाथ नहीं जा पाए। उन्होंने तभी केदारपुरी को संवारने का संकल्प लिया।
नए कलेवर में निखर चुकी है केदारपुरी
प्रधानमंत्री के रूप में वर्ष 2014 में देश की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने अपने संकल्प के अनुरूप केदारपुरी के पुनर्निर्माण की कमान हाथों में ली। आज केदारपुरी एकदम नए कलेवर में निखर चुकी है। वहां 226 करोड़ रुपये की लागत के पुनर्निर्माण कार्य हो चुके हैं, जबकि तृतीय चरण के कार्य जारी हैं।
विकास कार्यों की आधारशिला गत वर्ष रखी चुके पीएम
प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में ही केदारपुरी की भांति बदरीनाथ धाम की महायोजना बनी और वहां 550 करोड़ रुपये के कार्यों की शुरुआत की गई है। गंगोत्री व यमुनोत्री धामों में 54 करोड़ रुपये की लागत से ढांचागत विकास कार्यों की आधारशिला गत वर्ष प्रधानमंत्री रख चुके हैं। यही नहीं, पांचवें धाम के रूप में हेमकुंड साहिब में भी यात्री सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
यात्री सुविधाओं पर विशेष जोर
तीर्थाटन और पर्यटन को पहाड़ी राज्यों की आर्थिकी का महत्वपूर्ण अंग मानते हुए नमो का इस पर विशेष जोर है। शुक्रवार को उनके हाथों केदारनाथ व हेमकुंड साहिब रोपवे के साथ ही माणा में दो सड़क परियोजनाओं की आधारशिला इसी कड़ी का हिस्सा है। इस प्रकार के प्रयासों से राज्य में सुविधाएं विकसित होने के साथ ही रोजगार के अवसर सृजित होने से पलायन पर अंकुश लगेगा।
उत्तराखंड का दशक बनाने को कटिबद्ध
प्रधानमंत्री ने फिर दोहराया कि ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा। यानी, यह राज्य हर तरह से संपन्न व सक्षम होगा। इस लक्ष्य को पूर्ण कराने में प्रधानमंत्री मोदी लगातार योगदान दे रहे हैं। वर्ष 2014 से अब तक एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की केंद्र पोषित परियोजनाएं राज्य को मिल चुकी हैं। इनमें चारधाम को जोडऩे वाली आल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, भारतमाला में सड़कों का विकास, जलविद्युत परियोजनाएं, दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा, आधारभूत सुविधाओं का विकास से जुड़ी अन्य योजनाएं शामिल हैं।
PM Modi Visit Live Updates : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहुंचे केदारनाथ, गर्भगृह में किया प्रवेश; पूजा-अर्चना शुरू
Edited By: Sumit Kumar
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