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संवाद न्यूज एजेंसी
बद्दी(सोलन)। अमर उजाला फाउंडेशन ने सरस्वती विद्या मंदिर बद्दी में अपराजिता कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें डीएसपी बद्दी प्रियंक गुप्ता ने मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया।
कार्यक्रम में हिमालय जनकल्याण समिति नालागढ़ उपमंडल के अध्यक्ष रणेश राणा और प्रधानाचार्य गणेश दत्त शर्मा मौजूद रहे। डीएसपी ने छात्राओं तथा अध्यापिकाओं से कहा कि महिला सशक्तीकरण विषय पर सही जानकारी आवश्यक है।
महिलाओं के कई हेल्पलाइन हैं जिससे वे अपनी बात बेबाकी से कह सकें। अगर कोई व्यक्ति उनसे दुर्व्यवहार या अत्याचार करता है तो तुरंत उसकी शिकायत महिला थाने में की जानी चाहिए।
अगर बच्ची 12 साल से छोटी है तो पुलिस सादे कपड़ों में पीड़ित के घर आकर बयान दर्ज करेगी और उसका नाम पता पूरी तरह गुप्त रखा जाता है। हर जिला स्तर पर पुलिस ने महिला थाने खोले हैं जहां थाना प्रभारी और अधिकांश स्टाफ महिला होता है।
उन्होंने छात्राओं से कहा कि अगर कोई व्यक्ति किसी लड़की या युवती का पीछा करता है, अभद्र टिप्पणी करता है, बिना अनुमति फोटो खींचता है या विडियो बनाता है तो उसमें सजा निर्धारित की गई है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर कोई गलत संदेश भेजता है तो तुरंत पुलिस कार्रवाई की जा सकती है।
बचाव में हमलावर की मौत पर नहीं सजा
नौवीं कक्षा की खुशी ने सवाल पूछा कि अगर आत्मरक्षा में हमलावर की मौत हो जाती है तो क्या होगा। डीएसपी ने कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की सजा पीड़ित को नहीं होगी। आत्म रक्षा हर व्यक्ति का अधिकार है।
घरेलू हिंसा के लिए महिला संरक्षण विभाग गठित
छात्रा ईशा ने घरेलू हिंसा के बारे में पूछा तो डीएसपी ने बताया कि इसके लिए बाल एवं महिला संरक्षण विभाग गठित किया है। इसमें काउंसलिंग कर दोनों पक्षों को समझाया जाता है।
दुष्कर्म के दोषी को फांसी या उम्र कैद की सजा का प्रावधान
दसवीं की छात्रा तनु ने दुष्कर्म का कारण पुलिस से पूछा। डीएसपी ने बताया कि समाज में अच्छे-बुरे हर तरह के लोग रहते हैं लेकिन शिक्षा, आचरण और संस्कारों की कमी से कुछ असामाजिक तत्व ऐसे घिनौने कृत्य करते हैं। इस अपराध में फांसी और उम्र कैद की सजा का प्रावधान है।
21 साल से पहले शादी पर कानूनी रोक
नौवीं की छात्रा कनिका ने कहा कि युवतियों की छोटी उम्र की शादियों पर रोक लगनी चाहिए। मुख्यातिथि ने कहा कि शादी के लिए एक उम्र निर्धारित है जिसे 18 से बढ़ाकर 21 साल कर दिया है। अगर कम उम्र में जबरन किसी लड़की की शादी की जाती है तो उसे तुरंत रोका जाता है।
प्रधानाचार्य ने अमर उजाला की मुहिम को सराहा
प्रधानाचार्य गणेश दत्त शर्मा ने अमर उजाला की मुहिम को सराहा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से अभी तक विद्यालय में कोई भी कार्यक्रम नहीं हो पाया। अमर उजाला के इस कार्यक्रम में दी गई जानकारी बहुत ही सराहनीय कदम है।
संवाद न्यूज एजेंसी
बद्दी(सोलन)। अमर उजाला फाउंडेशन ने सरस्वती विद्या मंदिर बद्दी में अपराजिता कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें डीएसपी बद्दी प्रियंक गुप्ता ने मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया।
कार्यक्रम में हिमालय जनकल्याण समिति नालागढ़ उपमंडल के अध्यक्ष रणेश राणा और प्रधानाचार्य गणेश दत्त शर्मा मौजूद रहे। डीएसपी ने छात्राओं तथा अध्यापिकाओं से कहा कि महिला सशक्तीकरण विषय पर सही जानकारी आवश्यक है।
महिलाओं के कई हेल्पलाइन हैं जिससे वे अपनी बात बेबाकी से कह सकें। अगर कोई व्यक्ति उनसे दुर्व्यवहार या अत्याचार करता है तो तुरंत उसकी शिकायत महिला थाने में की जानी चाहिए।
अगर बच्ची 12 साल से छोटी है तो पुलिस सादे कपड़ों में पीड़ित के घर आकर बयान दर्ज करेगी और उसका नाम पता पूरी तरह गुप्त रखा जाता है। हर जिला स्तर पर पुलिस ने महिला थाने खोले हैं जहां थाना प्रभारी और अधिकांश स्टाफ महिला होता है।
उन्होंने छात्राओं से कहा कि अगर कोई व्यक्ति किसी लड़की या युवती का पीछा करता है, अभद्र टिप्पणी करता है, बिना अनुमति फोटो खींचता है या विडियो बनाता है तो उसमें सजा निर्धारित की गई है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर कोई गलत संदेश भेजता है तो तुरंत पुलिस कार्रवाई की जा सकती है।
बचाव में हमलावर की मौत पर नहीं सजा
नौवीं कक्षा की खुशी ने सवाल पूछा कि अगर आत्मरक्षा में हमलावर की मौत हो जाती है तो क्या होगा। डीएसपी ने कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की सजा पीड़ित को नहीं होगी। आत्म रक्षा हर व्यक्ति का अधिकार है।
घरेलू हिंसा के लिए महिला संरक्षण विभाग गठित
छात्रा ईशा ने घरेलू हिंसा के बारे में पूछा तो डीएसपी ने बताया कि इसके लिए बाल एवं महिला संरक्षण विभाग गठित किया है। इसमें काउंसलिंग कर दोनों पक्षों को समझाया जाता है।
दुष्कर्म के दोषी को फांसी या उम्र कैद की सजा का प्रावधान
दसवीं की छात्रा तनु ने दुष्कर्म का कारण पुलिस से पूछा। डीएसपी ने बताया कि समाज में अच्छे-बुरे हर तरह के लोग रहते हैं लेकिन शिक्षा, आचरण और संस्कारों की कमी से कुछ असामाजिक तत्व ऐसे घिनौने कृत्य करते हैं। इस अपराध में फांसी और उम्र कैद की सजा का प्रावधान है।
21 साल से पहले शादी पर कानूनी रोक
नौवीं की छात्रा कनिका ने कहा कि युवतियों की छोटी उम्र की शादियों पर रोक लगनी चाहिए। मुख्यातिथि ने कहा कि शादी के लिए एक उम्र निर्धारित है जिसे 18 से बढ़ाकर 21 साल कर दिया है। अगर कम उम्र में जबरन किसी लड़की की शादी की जाती है तो उसे तुरंत रोका जाता है।
प्रधानाचार्य ने अमर उजाला की मुहिम को सराहा
प्रधानाचार्य गणेश दत्त शर्मा ने अमर उजाला की मुहिम को सराहा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से अभी तक विद्यालय में कोई भी कार्यक्रम नहीं हो पाया। अमर उजाला के इस कार्यक्रम में दी गई जानकारी बहुत ही सराहनीय कदम है।
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